पटना: बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ प्रतिनिधियों और अन्य शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों के साथ ही सैंकड़ो नियोजित शिक्षकों का शनिवार से आंदोलन शुरू हो चका है. जिसके तहत किसानों, बुद्धिजीवियों और प्रबुद्ध लोगों से नियोजित शिक्षक समर्थन जुटा रहे हैं और नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली के विरोध में सरकार के खिलाफ आंदोलन में जन भागीदारी सुनिश्चित कराएंगे.
नई शिक्षक नियमावली के खिलाफ आंदोलन: नियोजित शिक्षकों का कहना है कि नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली सरकारी शिक्षा को कमजोर करने के लिए है. यह नियोजित शिक्षकों को बेरोजगार करने का षड्यंत्र है और सरकार स्कूलों में शिक्षकों की कभी भी भरपाई होने नहीं देना चाहती है. शिक्षकों के इस आंदोलन को जहां भारतीय जनता पार्टी का समर्थन मिल रहा है तो वहीं राष्ट्रीय जनता दल ने शिक्षकों से आंदोलन छोड़कर परीक्षा की तैयारी करने की सलाह दी है.
हम शिक्षकों के आंदोलन के साथ-BJP: शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से आने वाले भाजपा के विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि शिक्षक अपनी लड़ाई को और मजबूत कर रहे हैं. वह शिक्षकों के इस आंदोलन को अपना पूरा समर्थन दे रहे हैं. सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है.
"सरकारी स्कूलों में गांव के गरीबों और किसानों के बच्चे ही पढ़ते हैं इसलिए इनके बीच जाकर शिक्षक अपने समर्थन में किसानों और गांव के बुद्धिजीवियों का समर्थन जुटाएंगे. शिक्षकों को तंग करने के लिए और नियोजित शिक्षकों को बेरोजगार करने के लिए नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली लाई गई है. इसमें काफी कमियां है. सरकार को झुकना होगा नहीं तो सरकार अगली बार नहीं बचेगी."-नवल किशोर यादव, बीजेपी विधान पार्षद
'सीधे मिले राज्य कर्मी का दर्जा': बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने आगे कहा कि किसी प्रकार की भी परीक्षा की आवश्यकता नहीं है. शिक्षकों से पूर्व में भी कई बार परीक्षा दिया जा चुका है, दक्षता परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुके हैं. शिक्षक 15 से 20 वर्षों से विद्यालय में पढ़ा रहे हैं, इन्हें सीधे राज्य कर्मी का दर्जा मिलना चाहिए.
"अगली बार बीजेपी की सरकार आएगी तो शिक्षकों को सीधे राज्य कर्मी का दर्जा देगी. शिक्षकों के मुद्दे पर सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे और आगामी विधानसभा सत्र भारतीय जनता पार्टी की ओर से शिक्षकों को ही समर्पित रहेगा."-नवल किशोर यादव, बीजेपी विधान पार्षद
वहीं शिक्षकों के इस हस्ताक्षर अभियान पर राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि शिक्षकों को हस्ताक्षर अभियान चलाने की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्हें सिर्फ ईमानदारी से काम करने की आवश्यकता है. यह शिक्षक शिक्षा के बेहतरी के लिए प्रदेश के बच्चों को पढ़ाने के लिए नियुक्त किए गए हैं.
"शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने पर फोकस करना चाहिए ताकि प्रदेश में शिक्षा का स्तर बेहतर हो. शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर पूरी तरह से गंभीर हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शिक्षकों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं.नौजवानों को रोजगार भी देना चाहते हैं. इसीलिए बेहतर भविष्य के लिए प्रदेश में बेहतर शिक्षकों की बहाली होने जा रही है."-एजाज अहमद, आरजेडी प्रवक्ता