पटना: बिहार के सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के लिए BPSC (bihar public service commission) परीक्षा लेने की तैयारी में है. इसके लिए परीक्षा के नियम में बदलाव भी किया गया है. कम अनुभव वाले भी इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षक को भी अनुभव के आधार पर प्रधानाध्यापक बनने के लिए परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा. यह निर्णय शिक्षा विभाग द्वारा लिया गया है.
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पहले 10 वर्ष का अनुभव था जरूरीः विभाग ने जानकारी दी है कि अब माध्यमिक शिक्षक 8 वर्ष तथा उच्च माध्यमिक शिक्षक 4 वर्ष के अनुभव के आधार पर प्रधानाध्यापक हेतु परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. पहले प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए माध्यमिक शिक्षकों को 10 वर्ष की सेवा एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों को 8 वर्ष की सेवा आवश्यक थी. बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा हाल में ही इसी आधार पर आवेदन लेकर परीक्षा भी ली गई थी.
4 वर्ष का अनुभव अनिवार्यः शिक्षक संगठनों द्वारा इस अनुभव की अनिवार्यता को कम करने का सुझाव दिया गया था. शिक्षा मंत्री द्वारा विभाग को यह निर्देश दिया गया कि प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति हेतु माध्यमिक शिक्षक के लिए 8 वर्ष एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक के लिए 4 वर्ष की अनिवार्य सेवा लागु किया जाए. जिसे तुरंत ही लागू किया गया है. इससे कई सारे शिक्षकों को इस नियम से फायदा होने वाला है.
प्रोन्नत व सीधी भर्ती संभवः बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम एवं परीक्षा का प्रारूप प्रशासी विभाग के परामर्श से निर्धारित किया जाएगा. इससे संबंधित बिहार राज्य उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक नियुक्ति स्थानांतरण अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्त नियमावली 2021 में आवश्यक संशोधन कर दिया गया है. इससे माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक में क्रमशः केवल 4 वर्ष एवं 8 वर्ष के अनुभव वाले शिक्षक प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नत अथवा सीधी भर्ती से नियुक्त हो सकेंगे.