पटना: खरमास के उतरते ही बिहार की राजनीति में हलचल मची हुई है. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार पहले राजद नेताओं के बयानों से असहज रहे अब उनकी ही पार्टी के संसदीय दल के अध्यक्ष के बयानों से (Upendra Kushwaha allegation on Nitish) उनकी मुश्किलें बढ़ गयी हैं. इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा की भाजपा से नजदीकियां बढ़ रही हैं. इस वजह से नीतीश कुमार से उनकी तल्खियां बढ़ी हैं. इस बीच कुशवाहा ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर नीतीश कुमार पर कई आरोप लगाये. उनके इस बयान से राजद दूरी बनाये हुए है.
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नफरत की राजनीतिः जदयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के द्वारा शुक्रवार को किए गए प्रेस कांफ्रेंस के बाद राजद ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी का कहना है कि यह जदयू का आंतरिक मामला है. राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने जो बात कही है, यह जनता दल यूनाइटेड का आंतरिक मामला है. इसका जवाब जनता दल यूनाइटेड के नेता देंगे. इस पर राजद कोई टिप्पणी नहीं कर सकता.
भाजपा को सत्ता से बेदखलः एजाज अहमद ने कहा कि बिहार में जो सरकार बनी है वह बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए है. 2024 में देश में विपक्षी एकता को मजबूत कर बीजेपी की नफरत की राजनीति को समाप्त करने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा. राजद प्रवक्ता की मानें तो 2024 में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए ही महागठबंधन में नीतीश कुमार शामिल हुए हैं. भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए महागठबंधन के नेता एक हैं.
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नीतीश कुमार पर हमलाः उपेंद्र कुशवाहा ने अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कई मसलों पर अपनी बातें रखीं. उन्होंने कहा कि वो सीएम के साथ मिलने के लिए तैयार हैं. वो चाहते हैं जेडीयू मजबूती से खड़ा रहे. जेडीयू करोड़ों लोगों के उम्मीदों की पार्टी है. उनका यह भी कहना था कि हम जेडीयू में आए नहीं, बल्कि बुलाए गए थे. 2009 में सीएम नीतीश कुमार ने मुझसे आग्रह किया था और पार्टी में बुलाया था. अब कहते हैं कि अपने मन से आए गए. मैं अकेला नहीं हूं जो पार्टी में आया और गया. राष्ट्रीय अध्यक्ष भी पार्टी में आए गए लेकिन उनके बारे में कुछ नहीं कहते हैं.