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बड़ा सवाल: LJP में टूट से JDU की होगी चांदी, बागी सांसद थामेंगे 'तीर'!

विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खिलाफ अभियान चलाया था और बड़ा नुकसान किया था. उसके बाद सीएम नीतीश ने भी 'लोजपा सफाई अभियान' शुरू किया था. अब ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पशुपति पारस समेत सभी 5 सांसद नीतीश कुमार के साथ जा सकते हैं. देखिए ये रिपोर्ट.

पटना
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Published : Jun 14, 2021, 7:30 PM IST

Updated : Jun 14, 2021, 7:38 PM IST

पटना: कहते हैं राजनीति में कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता. खासकर उत्तर भारत की राजनीति पल-पल बदलती है. बात अगर बिहार (Politics of Bihar) की हो तो यहां पर रातों-रात तख्त पलट जाता है. इसका जीगता-जागता उदारण एलजेपी (LJP) में टूट है. अब इस बिखराव के बाद ऊंट किस करवट बैठेगा यह कह पाना मुश्किल है. लेकिन जिस तरह से सियासी बिसात बिछाई जा रही है, वह तो इसी ओर इशारा कर रहा है कि जेडीयू (JDU) की चांदी होने वाली है.

ये भी पढ़ें- उठ गया परदा! नीतीश के करीबी ललन सिंह ने वीणा देवी के आवास पर LJP के सभी बागी सांसदों से की मुलाकात

पशुपति पारस समेत 5 सांसद बदलेंगे पाला!
इधर, एलजेपी में टूट हुई उधर नीतीश के खासमखास ललन सिंह (Lalan Singh) वीणा देवी के आवास पहुंचे. यहां पर उन्होंने एलजेपी के बागी सांसदों के साथ बातचीत की. कयास लगाए जा रहे हैं कि बागी जेडीयू में तो शामिल नहीं होंगे. ऐसे में उन अटकलों को बल मिल रहा है, जिसमें ये भी कहा जा रहा है कि पशुपति पारस समेत ये सभी सांसद जल्द ही नीतीश कुमार के साथ जा सकते हैं.

पशुपति पारस, सांसद, लोजपा
पशुपति पारस, सांसद, लोजपा

लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) में बड़ी टूट को लेकर बिहार में सियासत तेज है. पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के निधन को अभी एक साल भी नहीं हुआ है, लेकिन उनकी पार्टी और परिवार दोनों बिखरते हुए दिख रहे हैं. इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम का मास्टरमाइंड बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को माना जा रहा है.

नीतीश से बगावत पड़ी महंगी
जेडीयू ने पहले लोजपा के एकमात्र विधायक को अपनी पार्टी ने मिला लिया और अब 6 में से 5 सांसदों को चिराग पासवान से अलग कर दिया. विशेषज्ञ कहते हैं कि पूरे घटनाक्रम में नीतीश मास्टरमाइंड हैं, लेकिन जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने इसमें जदयू की भूमिका होने से इंकार किया है.

ईटीवी भारत GFX
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लोजपा में पहली बार परिवारिक टूट
रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा में पहली बार परिवारिक टूट हुई है. राजनीतिक रूप से यह चिराग पासवान के लिए बड़ा झटका है. विधानसभा चुनाव में जिस तरह से चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला था और जदयू के सभी सीटों पर उम्मीदवार भी उतारे थे, उसके कारण जदयू को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. पार्टी तीसरे नंबर पर पहुंच गई. उसके बाद से ही तय माना जा रहा था कि नीतीश कुमार चिराग पासवान से बदला लेंगे.

ये भी पढ़ें- LJP में 'टूट' को लेकर RCP का चिराग पर तंज, कहा- 'जैसा बोएगा, वैसा काटेगा'

नीतीश कुमार ने किया 'खेला'
पहले लोजपा के एकमात्र विधायक राजकुमार को अपनी पार्टी में मिला लिया और अब लोजपा में बड़ी टूट हुई है. 6 में से 5 सांसद पशुपति पारस के नेतृत्व में अपने को असली लोजपा बता रहे हैं और पूरे खेल में विशेषज्ञ नीतीश कुमार को मास्टरमाइंड बता रहे हैं.

''इसमें कोई दो राय नहीं है कि लोजपा को जिस प्रकार से तोड़ा गया जदयू की प्रमुख भूमिका है. जदयू के नेता लगातार कह रहे थे कि यदि लोजपा ने नुकसान नहीं पहुंचाया होता तो जदयू की विधानसभा में यह स्थिति नहीं होती. लोजपा के कई बड़े नेता लगातार पशुपति पारस के साथ मिल रहे थे.''- डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विशेषज्ञ

डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विशेषज्ञ
डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विशेषज्ञ

''चिराग पासवान अपनी पार्टी पर पकड़ खो चुके हैं. नीतीश कुमार उनके पिता के समय से ही लोजपा के कद को कम करने में लगे हुए थे. उसमें वो काफी हद तक कामयाब भी हुए थे. चिराग पासवान के काम करने के तरीके से भी पार्टी में काफी असंतोष था और पूरे घटनाक्रम में नीतीश कुमार की भूमिका अहम है.''- प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विशेषज्ञ

प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विशेषज्ञ
प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विशेषज्ञ

''बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से इसकी पटकथा लिखी जाने लगी थी. लेकिन चिराग पासवान के खिलाफ बोलने की कोई हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था. लेकिन जेडीयू ने लोजपा को बेहतर ढंग से समेट दिया. जो पटकथा लिखी जा रही थी उसका दिल्ली में पटाक्षेप हो गया. नीतीश कुमार इस पूरे घटनाक्रम में मास्टरमाइंड हैं''- रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार
रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

आरसीपी सिंह का जेडीयू की भूमिका से इंकार

''जब किसी को नेतृत्व मिलता है, तो सभी को साथ में लेकर चलना होता है. सभी को इज्जत देनी होती है. लोजपा को हमने नहीं तोड़ा है, बल्कि चिराग पासवान के व्यवहार से और उनकी मनमानी से उनके सांसदों में नाराजगी थी.''- आरसीपी सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेडीयू

जेडीयू का 'लोजपा सफाई अभियान'
लोजपा के 5 सांसदों के बागी होने का बड़ा कारण चिराग पासवान का रवैया भी रहा है. लेकिन, पूरे घटनाक्रम में जेडीयू की अहम भूमिका रही है. नीतीश कुमार ने अपने कई नजदीकियों को लोजपा सांसदों को मनाने में लगाया था. विधानसभा चुनाव के बाद जेडीयू का लोजपा सफाई अभियान शुरू हो गया था और अभी जो घटना हुई है, उसके लिए पिछले 2 दिनों से लगातार बैठकों का दौर चला तब जाकर ये खेला हुआ है.

ये भी पढ़ें- Action...Family... Emotion: रिश्तों में गांठ... पार्टी ले उड़े चाचा को मना पाएंगे चिराग?

ऐसे में रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा के लिए ये सबसे बड़ा झटका है. ऐसे बिहार विधानसभा चुनाव में एकमात्र जीते विधायक भी जदयू में शामिल हो चुके हैं. लेकिन यह सब केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले हुआ है. ऐसे में पशुपति पारस के मंत्रिमंडल में शामिल होने की भी चर्चा हो रही है.

6 में से 5 सांसदों की बगावत
बता दें कि एलजेपी के 6 में से 5 सांसदों ने पशुपति पारस के नेतृत्व में अलग गुट बना लिया है. सभी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर अपना पक्ष साफ कर दिया है. जिन लोगों ने बगावत की है, उनमें हाजीपुर से पशुपति पारस, वैशाली से वीणा देवी, नवादा से चंदन कुमार सिंह, समस्तीपुर से प्रिंस राज और खगड़िया से महबूब अली कैसर शामिल हैं. हालांकि इन्हें मनाने के लिए चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस से मिलने उनके आवास भी गए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई.

ये भी पढ़ें- LJP में 'टूट': 'नीतीश से भिड़ने का यही होगा अंजाम'

ये भी पढ़ें- चिराग पासवान के सीएम नीतीश पर 10 बड़े हमले, जिसका अब भुगतना पड़ रहा अंजाम

ये भी पढ़ें- चाचा के घर से खाली हाथ लौटे चिराग, वीणा देवी से JDU सांसद ललन सिंह ने की मुलाकात

ये भी पढ़ें- LJP में टूट पर बोली कांग्रेस, JDU ने किया राजनीतिक भ्रष्टाचार

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इधर, एलजेपी में टूट हुई उधर नीतीश के खासमखास ललन सिंह (Lalan Singh) वीणा देवी के आवास पहुंचे. यहां पर उन्होंने एलजेपी के बागी सांसदों के साथ बातचीत की. कयास लगाए जा रहे हैं कि बागी जेडीयू में तो शामिल नहीं होंगे. ऐसे में उन अटकलों को बल मिल रहा है, जिसमें ये भी कहा जा रहा है कि पशुपति पारस समेत ये सभी सांसद जल्द ही नीतीश कुमार के साथ जा सकते हैं.

पशुपति पारस, सांसद, लोजपा
पशुपति पारस, सांसद, लोजपा

लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) में बड़ी टूट को लेकर बिहार में सियासत तेज है. पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के निधन को अभी एक साल भी नहीं हुआ है, लेकिन उनकी पार्टी और परिवार दोनों बिखरते हुए दिख रहे हैं. इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम का मास्टरमाइंड बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को माना जा रहा है.

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ईटीवी भारत GFX

लोजपा में पहली बार परिवारिक टूट
रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा में पहली बार परिवारिक टूट हुई है. राजनीतिक रूप से यह चिराग पासवान के लिए बड़ा झटका है. विधानसभा चुनाव में जिस तरह से चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला था और जदयू के सभी सीटों पर उम्मीदवार भी उतारे थे, उसके कारण जदयू को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. पार्टी तीसरे नंबर पर पहुंच गई. उसके बाद से ही तय माना जा रहा था कि नीतीश कुमार चिराग पासवान से बदला लेंगे.

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नीतीश कुमार ने किया 'खेला'
पहले लोजपा के एकमात्र विधायक राजकुमार को अपनी पार्टी में मिला लिया और अब लोजपा में बड़ी टूट हुई है. 6 में से 5 सांसद पशुपति पारस के नेतृत्व में अपने को असली लोजपा बता रहे हैं और पूरे खेल में विशेषज्ञ नीतीश कुमार को मास्टरमाइंड बता रहे हैं.

''इसमें कोई दो राय नहीं है कि लोजपा को जिस प्रकार से तोड़ा गया जदयू की प्रमुख भूमिका है. जदयू के नेता लगातार कह रहे थे कि यदि लोजपा ने नुकसान नहीं पहुंचाया होता तो जदयू की विधानसभा में यह स्थिति नहीं होती. लोजपा के कई बड़े नेता लगातार पशुपति पारस के साथ मिल रहे थे.''- डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विशेषज्ञ

डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विशेषज्ञ
डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विशेषज्ञ

''चिराग पासवान अपनी पार्टी पर पकड़ खो चुके हैं. नीतीश कुमार उनके पिता के समय से ही लोजपा के कद को कम करने में लगे हुए थे. उसमें वो काफी हद तक कामयाब भी हुए थे. चिराग पासवान के काम करने के तरीके से भी पार्टी में काफी असंतोष था और पूरे घटनाक्रम में नीतीश कुमार की भूमिका अहम है.''- प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विशेषज्ञ

प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विशेषज्ञ
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''बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से इसकी पटकथा लिखी जाने लगी थी. लेकिन चिराग पासवान के खिलाफ बोलने की कोई हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था. लेकिन जेडीयू ने लोजपा को बेहतर ढंग से समेट दिया. जो पटकथा लिखी जा रही थी उसका दिल्ली में पटाक्षेप हो गया. नीतीश कुमार इस पूरे घटनाक्रम में मास्टरमाइंड हैं''- रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार
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''जब किसी को नेतृत्व मिलता है, तो सभी को साथ में लेकर चलना होता है. सभी को इज्जत देनी होती है. लोजपा को हमने नहीं तोड़ा है, बल्कि चिराग पासवान के व्यवहार से और उनकी मनमानी से उनके सांसदों में नाराजगी थी.''- आरसीपी सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेडीयू

जेडीयू का 'लोजपा सफाई अभियान'
लोजपा के 5 सांसदों के बागी होने का बड़ा कारण चिराग पासवान का रवैया भी रहा है. लेकिन, पूरे घटनाक्रम में जेडीयू की अहम भूमिका रही है. नीतीश कुमार ने अपने कई नजदीकियों को लोजपा सांसदों को मनाने में लगाया था. विधानसभा चुनाव के बाद जेडीयू का लोजपा सफाई अभियान शुरू हो गया था और अभी जो घटना हुई है, उसके लिए पिछले 2 दिनों से लगातार बैठकों का दौर चला तब जाकर ये खेला हुआ है.

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ऐसे में रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा के लिए ये सबसे बड़ा झटका है. ऐसे बिहार विधानसभा चुनाव में एकमात्र जीते विधायक भी जदयू में शामिल हो चुके हैं. लेकिन यह सब केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले हुआ है. ऐसे में पशुपति पारस के मंत्रिमंडल में शामिल होने की भी चर्चा हो रही है.

6 में से 5 सांसदों की बगावत
बता दें कि एलजेपी के 6 में से 5 सांसदों ने पशुपति पारस के नेतृत्व में अलग गुट बना लिया है. सभी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर अपना पक्ष साफ कर दिया है. जिन लोगों ने बगावत की है, उनमें हाजीपुर से पशुपति पारस, वैशाली से वीणा देवी, नवादा से चंदन कुमार सिंह, समस्तीपुर से प्रिंस राज और खगड़िया से महबूब अली कैसर शामिल हैं. हालांकि इन्हें मनाने के लिए चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस से मिलने उनके आवास भी गए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई.

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Last Updated : Jun 14, 2021, 7:38 PM IST
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