पटना: कांग्रेस प्रभारी के रूप में बिहार में भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) की एंट्री हुई तो महागठबंधन (Mahagathbandhan) की सियासत करवट लेने लगी. पहले कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) की एंट्री हुई और बाद में पप्पू यादव उपचुनाव में कांग्रेस खेमे में आ गए. भक्त चरण दास के सियासी दांव के आगे राजद की एक न चली और आमने-सामने की लड़ाई छिड़ गई. कन्हैया कुमार के हमले से राजद नेताओं का गुस्सा सातवें आसमान पहुंच गया है.
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युवा आबादी वाले राज्य बिहार में सियासत का नया रंग देखने को मिल रहा है. राजनीतिक दल युवाओं पर दांव लगा रहे हैं. राजद का युवा चेहरा तेजस्वी यादव जहां युवाओं को लुभाने में जुटे हैं, वहीं कांग्रेस की ओर से कन्हैया कुमार युवा वोटरों को कांग्रेस के पक्ष में लाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.
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कांग्रेस प्रभारी के तौर पर भक्त चरण दास ने जब से बिहार में कमान संभाला है, तब से कई बदलाव देखने को मिले हैं. कन्हैया कुमार की एंट्री हुई. वहीं दूसरी तरफ उपचुनाव में पप्पू यादव कांग्रेस पार्टी के नजदीक आ गए. बिहार में 2 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं और उपचुनाव युवा नेता कन्हैया कुमार के लिए लिटमस टेस्ट की तरह है. कन्हैया कुमार के तेवर भी तल्ख हैं और राजद को लेकर कन्हैया कुमार आक्रमक दिख रहे हैं. कन्हैया कुमार के बयान से राजद खेमे में बेचैनी है.
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कन्हैया कुमार ने हाल के दिनों में राजद को लेकर आक्रामक बयान दिया है जिससे राजद नेता तिलमिला गए. कन्हैया ने राजद पर हमला बोलते हुए कहा कि 'कांग्रेस का स्ट्राइक रेट राजद से बेहतर रहा है. 15 साल के शासन काल में राजद ने कुछ नहीं किया. लालू यादव ने सरकार बनाने के लिए भाजपा की मदद ली. कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जिसने कभी भाजपा से हाथ नहीं मिलाया. लालू जी ने दलितों का अपमान किया है. संगठन में कांग्रेस ही नेशनल पार्टी है. लालू प्रसाद, पटना विश्वविद्यालय के अध्यक्ष अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की मदद से बने.'
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कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा है कि कांग्रेस के समर्थन के बिना तेजस्वी मुख्यमंत्री नहीं बन सकते हैं. जब-जब राजद को कांग्रेस का साथ मिला तब तब राजद मजबूत होकर उभरी, और जब जब राजद ने कांग्रेस को छोड़ा तब तब राजद की सीटें घटी हैं. उपचुनाव में भी नतीजा कुछ वैसा ही आने वाला है.
"राजद कन्हैया से या कांग्रेस से तिलमिलाए लेकिन कांग्रेस ने अपनी बढ़त बना ली है. सभी की बौखलाहट कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी के बढ़त से है.उसमें कन्हैया कुमार कारण हो सकते हैं. आरजेडी अपनी ही गलती के कारण अपने आप पर बौखला गया है."- राजेश राठौड़,मुख्य प्रवक्ता,कांग्रेस
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राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि तेजस्वी यादव युवाओं की पहली पसंद हैं. उनके मुकाबले में कोई नहीं है. हम दोनों सीटें जीतने जा रहे हैं. कन्हैया कुमार सरीखे नेता बेअसर साबित होने वाले हैं.
"कौन क्या कह रहा है नहीं कह रहा है, हम नोटिस नहीं ले रहे हैं. जनता तेजस्वी भईया की नैया पर सवार है. बिहार की धरती में जनता ने तय कर लिया है कि उनका भविष्य तेजस्वी के हाथों सुरक्षित होगा. जो बातें कर रहे हैं पहले अपनी जमीन मजबूत कर लें."- मृत्युंजय तिवारी ,राजद प्रवक्ता
भाजपा प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा है कि कांग्रेस डूबता जहाज है और कन्हैया कुमार उसमें सवार होकर कुछ नहीं कर सकते. कन्हैया कुमार उपचुनाव में भी कामयाब होने वाले नहीं हैं. दोनों सीटें एनडीए के पक्ष में जाएगी.
"चर्चा में बने रहने के लिए किसी को टारगेट किया जा सकता है. बिहार में कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है. सदाकत आश्रम के सिवा उनके पास कुछ नहीं है. अगर किसी को भ्रम है कि हम कांग्रेस पार्टी को मजबूत बना देंगे,खड़ा कर देंगे तो मुगालते में है."- संजय टाइगर,भाजपा प्रवक्ता
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राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का मानना है कि भक्त चरण दास के प्रभारी बनने के बाद से राजद और कांग्रेस के बीच दूरियां बढ़ी हैं. कन्हैया कुमार के बयान से भी राजद खेमे में बौखलाहट है. उपचुनाव से युवा नेताओं का भविष्य तय होगा.
"भक्त चरण दास ने ही कन्हैया की कांग्रेस में एंट्री करवाई है. एंट्री के साथ ही आरजेडी पर जिस तरह से कन्हैया आक्रामक हो गए, कांग्रेस और आरजेडी के बीच दूरी बढ़ने का बड़ा कारण है. आरजेडी कुछ बोलती है तो कन्हैया से अटैक करवाया जाता है. दूरियां और एंट्री से महागठबंधन में दरार आ गया है."- डॉ संजय कुमार,राजनीतिक विश्लेषक
बता दें कि ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कन्हैया कुमार ने कहा था कि आरजेडी ने महागठबंधन तोड़ा है. उन्होंने ही महागठबंधन धर्म का पालन नहीं किया. हमें मजबूर होकर दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना पड़ा. वहीं, इसके बाद कन्हैया ने महंगाई, बेरोजगारी को लेकर सरकार पर निशाना साधा. कन्हैया ने कहा कि इन समस्याओं को अगर खत्म करना है तो कांग्रेस का साथ होना आवश्यक है.