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बिहार में सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक के तबादले संबंधी 2 साल पुराने आदेश रद्द, पुलिस मुख्यालय ने लिया फैसला

बिहार में हवलदार से लेकर इंस्पेक्टर तक के तबादलों से जुड़ा दो साल पुराना आदेश को डीजीपी संजीव कुमार सिंघल (DGP Sanjeev Kumar Singhal) ने रद्द कर दिया है. दरअसल तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के कार्यकाल के समय पुलिसकर्मियों के तबादले को लेकर एक नीति बनाई गई थी. जिस पर रोक लगा दी गई है.

पुलिस मुख्यालय
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Published : Jun 15, 2022, 2:24 PM IST

पटनाः बिहार पुलिस ने दो साल पहले जारी सिपाही (Bihar Police Two Years Old Transfer Order Cancelled) से लेकर इंस्पेक्टर तक के तबादले संबंधी आदेश को रद्द कर दिया है. अब पुलिसकर्मियों के तबादले दो साल पहले जारी हुए आदेश संख्या 315/2020 के तहत नहीं होंगे. मौजूदा डीजीपी एसके सिंघल ने उस आदेश को रद्द करने का फैसला लिया है. इस संबंध में फरमान भी जारी कर दिया गया है.

ये भी पढ़ेंः पुलिसकर्मियों के तबादले पर बिहार पुलिस एसोसिएशन ने जताई चिंता, सीएम से की रोक लगाने की मांग

तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने तय की थी नीतिः दरअसल बिहार के तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने अपने कार्यकाल के समय में बिहार पुलिस में सिपाही, हवलदार, जमादार, दारोगा, इंस्पेक्टर और इनके समकक्ष पद वाले पुलिसकर्मियों के तबादले को लेकर एक नीति तय की गई थी. इसको लेकर पुलिस आदेश संख्या 315/2020 जारी किया गया था. मौजूदा डीजीपी संजीव कुमार सिंघल द्वारा इसे निरस्त कर दिया गया है. डीजीपी की ओर से जो आदेश जारी हुए हैं, उसमें कहा गया है कि इस नीति पर राज्य सरकार की सहमति नहीं थी. इस बात की पुष्टि बिहार पुलिस मुख्यालय के वरीय पुलिस अधिकारी ने की है.




क्या था तबादला का प्रावधानः 2 साल पहले जारी हुए तबादला आदेश में कई प्रावधान थे. इसके तहत पुलिस कर्मियों के ट्रांसफर के लिए समिति का गठन किया जाना चाहिए. यही समिति तबादलों से जुड़े निर्णय लेने में सक्षम होगी. साथ ही इसमें कुछ शर्तें भी थीं, जिसमें रिटायरमेंट के करीब भी पुलिसकर्मियों के अलावा किसी का भी ट्रांसफर गृह जिले में नहीं किए जाने का प्रावधान था. साथ ही साथ किसी जिला इकाई में एक पुलिसकर्मी की दोबारा तैनाती नहीं करने के बाद कही गई थी. लेकिन अब उस आदेश को रद्द कर दिया गया है.

इसे भी पढ़ें- बिहार में 1632 सिपाही चालकों का चयन, 1722 पदों पर निकाली गई थी 2019 में भर्ती

स्थानांतरण समिति की बैठक में लिया गया निर्णयः इस आदेश में जरूरत के मुताबिक संशोधन या विलोपित करने को लेकर डीजीपी द्वारा गृह विभाग को फाइल भेजी गई थी. जिस पर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा इजाजत दे दी गई है. पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार पुलिस मुख्यालय का अपर पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में स्थानांतरण समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है कि सेवानिर्वित के निकटता से संबंधित प्राप्त सभी आवेदनों की समीक्षा की गई. जिस क्रम में लगभग 1182 आवेदनों में से 90% से अधिक मामलों को स्वीकार किया गया है. यानी कि रिटायरमेंट के नजदीक के पुलिसकर्मियों को गृह जिला हेतु आवेदन को स्वीकार कर लिया गया है. दरअसल जिन पुलिसकर्मियों की कम से कम 2 साल नौकरी बची है, वैसे पुलिसकर्मी अपने जिला में नौकरी कर सकते हैं.

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पटनाः बिहार पुलिस ने दो साल पहले जारी सिपाही (Bihar Police Two Years Old Transfer Order Cancelled) से लेकर इंस्पेक्टर तक के तबादले संबंधी आदेश को रद्द कर दिया है. अब पुलिसकर्मियों के तबादले दो साल पहले जारी हुए आदेश संख्या 315/2020 के तहत नहीं होंगे. मौजूदा डीजीपी एसके सिंघल ने उस आदेश को रद्द करने का फैसला लिया है. इस संबंध में फरमान भी जारी कर दिया गया है.

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तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने तय की थी नीतिः दरअसल बिहार के तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने अपने कार्यकाल के समय में बिहार पुलिस में सिपाही, हवलदार, जमादार, दारोगा, इंस्पेक्टर और इनके समकक्ष पद वाले पुलिसकर्मियों के तबादले को लेकर एक नीति तय की गई थी. इसको लेकर पुलिस आदेश संख्या 315/2020 जारी किया गया था. मौजूदा डीजीपी संजीव कुमार सिंघल द्वारा इसे निरस्त कर दिया गया है. डीजीपी की ओर से जो आदेश जारी हुए हैं, उसमें कहा गया है कि इस नीति पर राज्य सरकार की सहमति नहीं थी. इस बात की पुष्टि बिहार पुलिस मुख्यालय के वरीय पुलिस अधिकारी ने की है.




क्या था तबादला का प्रावधानः 2 साल पहले जारी हुए तबादला आदेश में कई प्रावधान थे. इसके तहत पुलिस कर्मियों के ट्रांसफर के लिए समिति का गठन किया जाना चाहिए. यही समिति तबादलों से जुड़े निर्णय लेने में सक्षम होगी. साथ ही इसमें कुछ शर्तें भी थीं, जिसमें रिटायरमेंट के करीब भी पुलिसकर्मियों के अलावा किसी का भी ट्रांसफर गृह जिले में नहीं किए जाने का प्रावधान था. साथ ही साथ किसी जिला इकाई में एक पुलिसकर्मी की दोबारा तैनाती नहीं करने के बाद कही गई थी. लेकिन अब उस आदेश को रद्द कर दिया गया है.

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स्थानांतरण समिति की बैठक में लिया गया निर्णयः इस आदेश में जरूरत के मुताबिक संशोधन या विलोपित करने को लेकर डीजीपी द्वारा गृह विभाग को फाइल भेजी गई थी. जिस पर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा इजाजत दे दी गई है. पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार पुलिस मुख्यालय का अपर पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में स्थानांतरण समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है कि सेवानिर्वित के निकटता से संबंधित प्राप्त सभी आवेदनों की समीक्षा की गई. जिस क्रम में लगभग 1182 आवेदनों में से 90% से अधिक मामलों को स्वीकार किया गया है. यानी कि रिटायरमेंट के नजदीक के पुलिसकर्मियों को गृह जिला हेतु आवेदन को स्वीकार कर लिया गया है. दरअसल जिन पुलिसकर्मियों की कम से कम 2 साल नौकरी बची है, वैसे पुलिसकर्मी अपने जिला में नौकरी कर सकते हैं.

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