पटना: बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने सोमवार को बताया कि बिहार में बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल तथा हेल्पलाइन नंबर 1930 कॉल सेंटर बनाया गया. 15 करोड़ 61 लाख 58 हजार 553 रुपये साइबर फ्रॉड के मामले में बैंक में राशि होल्ड कराई गई है. इसके पहले भी 4 करोड 93 लाख 97 हजार 745 रुपए की राशि होल्ड कराई गई थी. इस प्रकार इस पोर्टल के माध्यम से साइबर ठगी के शिकार हुए हैं लोगों की 20 करोड़ 55 लाख 56 हजार 298 रुपए की राशि बैंकों में होल्ड कराई गई है.
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4 हजार संदिग्ध मोबाइल नंबर को बंद करायाः एडी़जी ने बताया कि पिछले दिनों साइबर अपराध में उपयोग होने वाले मोबाइल नंबरों का चिह्नित कर केंद्र सरकार के एनसीईआरटी पोर्टल पर शिकायत की गई थी, जिसके बाद 4000 नंबर की शिकायत भेजी गई थी. जिन सभी नंबरों को ब्लॉक करवा दिया गया है. उन्होंने बताया कि अभी अन्य और नंबरों की तलाश की जा रही है जिससे भी साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बनाते हैं उन सभी नंबरों को धीरे-धीरे बंद कराने का प्रयास किया जा रहा है. नालंदा से कई साइबर ठगों को गिरफ्तार भी किया गया है जिनके पास से कई साइबर ठगी के सामान भी बरामद किए गए हैं.
लोगों का बनाया जा रहा जागरूकः ADG ने बताया कि 'बिहार में बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल तथा हेल्पलाइन नंबर 1930 कॉल सेंटर का स्थापना किया गया है. जिसमें कुल 150 पुलिस पदाधिकारी 24 घंटा कार्यरत हैं. साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए लगातार आर्थिक इकाई राज्य में आर्थिक एवं साइबर अपराधों पर नियंत्रित करने के लिए नोडल एजेंसियां भी बनाई गई हैं. साइबर अपराध से बचने के लिए लोगों को अवेयर किया जा रहा है'.
बिहार में 44 साइबर थाने खोले गयेः बता दें कि बिहार में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाये हैं. बिहार में 44 साइबर थाने खोले गए हैं ताकि समय पर पुलिस शिकायत दर्ज करायी जा सके. बिहार के 38 जिलों के अलावे दो पुलिस जिला और दो रेल जिला में थाने खोले गए हैं. पीड़ित साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायत दर्ज करा सकें, इसके लिए टॉल फ्री नंबर जारी किया गया है.