पटना : देशवासियों को आम बजट 2023 का इंतजार है. चुनाव से पहले पेश होने वाले बजट पर सबकी निगाहें टिकी हैं. बिहार जैसे राज्यों को भी आम बजट से काफी उम्मीदें हैं. लोग टैक्स में राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं. फिलहाल 5 लाख रुपए सालाना कमाने वालों को टैक्स नहीं देना होता है. जिनकी इनकम 5 लाख से अधिक है उन्हें 20% टैक्स देना पड़ता है. कमरतोड़ महंगाई ने आम लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. लोग महंगाई से भी छुटकारा चाह रहे हैं. ऐसे में अगर लोगों को टैक्स स्लैब में छूट मिलती है तो मध्यम वर्गीय और निम्न वर्गीय परिवारों के लिए बड़ी राहत की बात होगी.
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"देश में ढाई से 3.5 करोड़ लोग ही टैक्स देते हैं जबकि मध्यम वर्गीय परिवारों की संख्या बहुत ज्यादा है. इसलिए गरीबों को राहत देने के लिए टैक्स स्लैब में राहत देने के साथ ही कॉरपोरेट टैक्स में बढ़ोतरी किया जाए."- अनीश अंकुर, अर्थशास्त्री
टैक्स स्लैब होगा व्यापाक? : अर्थशास्त्र के जानकार अनीश अंकुर का मानना है कि भारत जैसे देश में टैक्स देने वालों की तादाद काफी कम है. मध्यम वर्गीय परिवार 2.50 से 3.5 करोड़ है जो टैक्स देते हैं. जबकि, मध्यम वर्गीय परिवार की संख्या बहुत ज्यादा है. कृषि पर भी टैक्स लगाए जाने की दरकार है. इसके अलावा गरीबों को राहत दी जाए और कॉरपोरेट टैक्स में बढ़ोतरी किया जाए. साथ ही टैक्स स्लैब को और व्यापक किया जाए.
'8 से 10 लाख तक मिले छूट' : बैंक कर्मी सुजीत कुमार कहते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष कई चुनौतियां हैं. चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार को टैक्स स्लैब में बदलाव करने की जरूरत है. अगर 8 से 10 लाख इनकम वाले लोगों को टैक्स से छूट दी जाती है तो अर्थव्यवस्था में जान आएगी.
''सरकार को मध्यम वर्गीय परिवार की चिंता करनी चाहिए टैक्स स्लैब में बदलाव होना चाहिए. 10 लाख तक आय प्राप्त करने वालों को टैक्स में छूट मिलनी चाहिए. बिहार जैसे राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा पर लोगों को ज्यादा खर्च करने होते हैं. अगर टैक्स में छूट मिलेगी तो उन्हें बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य मिल पाएगा.'' - जयप्रकाश, सैलरीड कर्मी