पटना: बिहार पथ निर्माण विभाग 5 घंटे के लक्ष्य पर काम कर रही है. पहले प्रदेश के सुदूर इलाकों से 6 घंटे का लक्ष्य राजधानी पहुंचने का रखा गया था, जिसे प्राप्त करने का दावा नीतीश कुमार तक करते रहे हैं. सड़कों की स्थिति बेहतर हो और इसके लिए पथ निर्माण विभाग ने अधिग्रहण की पॉलिसी भी बनाई है.
पिछले साल कोरोना के कारण इस पॉलिसी पर बहुत ज्यादा काम तो नहीं हुआ. लेकिन पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों से जो जानकारी मिल रही है कि अब इस पर काम की गति तेज होगा. ऐसे में पथ निर्माण विभाग ने 2006 से लेकर अब तक 6000 किलोमीटर से अधिक सड़कों का अधिग्रहण किया है.
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बिहार विधानसभा और विधान परिषद में सत्र के दौरान लगातार सदस्यों की ओर से यह सवाल उठाए जाते रहे कि जमीन के अधिग्रहण को लेकर पथ निर्माण विभाग क्या कर रहा है. पथ निर्माण विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति रहता था कि कौन सी सड़क का अधिग्रहण करें और कौन सी सड़क का नहीं. इसी को देखते हुए सरकार ने पॉलिसी तैयार की और उसमें कई तरह के मानक बनाए गए. इसको लेकर लगातार समीक्षा भी हो रही है. लेकिन कोरोना के कारण इस पर बहुत ज्यादा काम नहीं हुआ है.
बिहार में सड़कों के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती रही है. कई सड़कों का कार्य इसलिए अटका पड़ा है, क्योंकि ग्रामीण जमीन देने के लिए तैयार नहीं है. कई जगह मुआवजा कम मिलने के कारण भी ग्रामीणों की तरफ से आंदोलन होते हैं और हंगामा भी. ऐसे में मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग को निर्देश भी दे रखा है कि जहां जमीन अधिग्रहण ना हो सके. वहां एलिवेटेड रोड बनाकर समस्या से निजात पाया जा सकता है और विभाग उस पर भी काम कर रहा है.
पथ निर्माण विभाग की प्रत्येक वर्ष अधिग्रहण की गई सड़कें:-
वर्ष | पथों की संख्या | पथ की लंबाई(किलोमीटर में) |
2007 | 21 | 248 |
2008 | 27 | 78 |
2009 | 34 | 179 |
2010 | 62 | 490 |
2012 | 09 | 54 |
2013 | 70 | 730 |
2014 | 33 | 234 |
2015 | 74 | 1023 |
2016 | 44 | 280 |
2017 | 48 | 447 |
2018 | 217 | 2010 |
2019-20 | 182 | 1754 |
पथ निर्माण विभाग ने मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रमुख सड़कों की सूची भी तैयार किया है, जिसमें जमीन के कारण काम अटका पड़ा है. पथ निर्माण विभाग के सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग की 22 परियोजनाओं में जमीन की समस्याओं को लेकर सूची तैयार की है, जो पिछले 5 वर्षों से अधिक समय से लंबित है. इसके साथ उन सड़कों की भी सूची तैयार की गई है, जहां अधिकांश कार्य हो गए हैं. लेकिन कुछ जगह जमीन अधिग्रहण नहीं होने के कारण फंसा हुआ है. कुछ मामले कोर्ट में है. तो उस पर भी पथ निर्माण विभाग रास्ता निकालने की तैयारी कर रहा है.
जमीन अधिग्रहण नहीं होने के कारण कई योजनाओं पर असर
सड़कों के अधिग्रहण को लेकर विधायकों और विधान पार्षदों की ओर से काफी दबाव रहता था और उसके कारण कई तरह की परेशानियां भी होती थी. लेकिन पथ निर्माण विभाग की पॉलिसी से कई तरह की परेशानियों से निजात मिलेगा. इसके अलावा सड़क निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण भी एक बड़ी समस्या होती थी और उसका सबसे बड़ा कारण सही समय पर मुआवजा नहीं देना भी था. लेकिन पिछले साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समीक्षा हुई और उसके बाद यह तय हुआ कि मुख्य सचिव स्तर पर भी इसकी लगातार मॉनिटरिंग होगी. लेकिन सच्चाई यह भी है कि आज भी कई बड़ी परियोजनाओं के निर्माण पर जमीन अधिग्रहण का असर पर रहा है और कई योजनाएं लटकी हुई है.