पटना: कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के कारण लागू लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर-कामगार बिहार लौटे. तब राज्य सरकार ने इन लोगों को प्रदेश में ही रोजदार देने के बड़े-बड़े दावे किये थे. कई घोषणाएं की गयी थीं, लेकिन कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने से पाबंदियों में थोड़ी ढील मिलते ही लोग फिर से देश के बड़े शहरों का रुख करने लगे हैं, क्योंकि बिहार में रोजगार की व्यवस्था नहीं है. पटना एयरपोर्ट और विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर इसकी बानगी रोजाना देखने मिल रही है.
ये भी पढ़ें- आठ दिनों बाद दिल्ली से पटना लौटे CM नीतीश कुमार, बोले- सब ठीक है
दूसरी ओर बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग (Labour Resources Department) के मंत्री जीवेश मिश्रा (Jeevesh Mishra) को पलायन शब्द पर ही आपत्ति है. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पलायन शब्द ही गलत है, लोग अपनी सुविधा के अनुसार काम तलाशते हैं.
'सभी को किसी भी राज्य में काम करने का हक'
यह देश एक है, कोई भी किसी भी राज्य में जाकर कहीं भी काम कर सकता है. जितना पंजाब वाले का पंजाब पर जितना हक है, बिहार वाले का भी पंजाब पर उतना ही हक बनता है. मंत्री ने कहा कि अपनी सुविधा के अनुसार देश के किसी भी कोने में जाकर काम करने में कहीं से कोई बुराई नहीं है. लेकिन बिहार सरकार यह प्रयास कर रही है कि जो लोग हुनरमंद हैं, उनको उद्यमी योजना के तहत लोन देकर रोजगार मुहैया कराया जा रहा है.
'रोजगार को लेकर लगातार कर रहे काम'
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत एससी-एसटी और महिलाओं को ब्याज मुक्त 10 लाख रुपये मुहैया कराये जा रहे हैं. जिससे रोजगार का सृजन हो और बहुत सारे लोग रोजगार भी कर रहे हैं. वहीं, मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मजदूर भी बिहार में आकर ईंट भट्टे पर काम करते हैं, इसलिए बिहार के किसी कोने से लोग कहीं भी जाकर काम कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें- चाचा पारस को अगर PM मोदी बनाएंगे मंत्री, तो मैं जाऊंगा कोर्ट: चिराग पासवान
'रोजगार सृजन के लिए प्रयासरत सरकार'
जीवेश मिश्रा से जब सवाल किया गया कि आखिरकार बिहार सरकार मजदूरों को बिहार में रोजगार मुहैया कराने में विफल क्यों है. इस पर उन्होंने कहा कि इस आरोप का जवाब देना बहुत ही कठिन है, लेकिन हम जो कहते हैं वह करते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का हवाला देते हुए कहा कि रोजगार सृजन कराने में सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है.
बहुत सारे ऐसे मजदूर हैं, जो बाहर प्रदेशों में काम करते थे. लेकिन, वे इन दिनों बिहार में लौट आए हैं. साथ ही मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत बहुत सारे हुनरमंद लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. उनको जल्द से जल्द लोन मुहैया कराकर रोजगार दिया जाएगा. मंत्री ने कहा कि हम लोगों का जो लक्ष्य है, उसे चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
तेजस्वी यादव पर साधा निशाना
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बयान को लेकर उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष कहां हैं. बिहार पर जब भी विपत्ति आती है, नेता प्रतिपक्ष बिहार छोड़कर बाहर भाग जाते हैं. दो दिन पहले आए हैं, हलचल में बने रहने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष ट्विटर पर चढ़कर राजनीति करते हैं और बीजेपी धरातल पर उतरकर काम करती है.
'आपदा के समय गायब हो जाते हैं तेजस्वी'
मंत्री जीवेश मिश्रा ने तेजस्वी यादव को चुनौती देते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष को अगर कुछ करना है, तो बिहार के आम आवाम के बारे में सोचें. जिस विधानसभा क्षेत्र से जीतकर वे सदन में पहुंचे हैं, वहां कितनी बार गए हैं, इसके बारे में बताएं.
'पीएम मोदी के सभी हैं हनुमान'
बिहार पर जब भी कोई आपदा आती है, तो बिहार में रहकर आम आवाम के साथ रहकर उनके दुख दर्द को बांटने का काम करिए. लेकिन, बिहार पर जब भी विपत्ति आती है तेजस्वी यादव दिल्ली के पांच सितारा होटल में जाकर आराम फरमाते हैं. वहीं, मोदी के 'हनुमान' को लेकर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के सभी हनुमान हैं. देश स्तर से लेकर बूथ स्तर तक सभी पीएम मोदी के हनुमान हैं.
ये भी पढ़ें- Chirag Exclusive : 'कहीं के नहीं रहे चाचा पारस... ना बीजेपी दे रही भाव, ना नीतीश कर रहे बात'
उन्होंने कहा कि जल जीवन हरियाली योजना (Jal Jeevan Hariyali Yojana) के तहत हर विधायक, मंत्री और सांसद को 10 पेड़ लगाना है. बीजेपी (BJP) के बूथ लेवल तक के कार्यकर्ताओं को पेड़ लगाना है. सभी को मिलकर जल जीवन हरियाली का जो लक्ष्य रखा गया है, उसको पूरा करने में अहम रोल निभाना है.