पटना: बिहार में कोरोना के मरीजों की संख्या 22 तक पहुंच गई है. केन्द्र और राज्य की सरकारें कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही हैं. राज्यों की सीमाएं सील कर दी गयी हैं. जो मजबूर लोग पलायन कर रहे हैं उनके लिए सरकार कैम्प्स और खाने की व्यवस्था कर रही है.
कोरोना महामारी की वजह से देश में लगे 21 दिन के लॉक डाउन के कारण हजारों यात्री इधर-उधर फंस गए हैं. कई लोग पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं. फंसे हुए यात्रियों की सभी बॉर्डर वाले इलाके पर मेडिकल जांच भी की जा रही है. इसको लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है.
बिहार की सभी सीमाएं सील
बिहार में लॉकडाउन को पूरी तरह से प्रभावी करने के लिए राज्य की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है. आपातकालीन स्थिति को छोड़कर एक जिले से दूसरे जिले में जाने पर भी रोक लगा दी गई है.
बॉर्डर से 10, 500 लोगों को भेजा गया प्रखंड मुख्यालय
कोरोना वायरस से संभावित संक्रमण से बचाव के लिए लगाए गए लॉक डाउन के दौरान विभिन्न राज्यों से 10 हजार 500 लोग बिहार पहुंचे. इसके बाद कैमूर, गोपालगंज, सिवान और नवादा बॉर्डर पर आने के बाद राहत शिविर में सभी की मेडिकल स्क्रीनिंग की गई. मेडिकल स्क्रीनिंग करने के बाद बसों के सहारे उन्हें विभिन्न जिलों में भेजा गया.
लॉकडाउन: 14 गिरफ्तार, 329 वाहन जब्त
बिहार में लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर मंगलवार को 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 329 वाहन जब्त किये गये. अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने बताया कि प्रदेश में सरकारी आदेश (लॉकडाउन के मद्देनजर) का उल्लंघन करने वाले 14 लोगों को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया और 43 मामले दर्ज किये गए.
DGP की IPS अधिकारियों से अपील
कोरोना वायरस को लेकर बिहार सरकार लगातार लोगों से सहयोग की अपील कर रही है. प्रदेश के डीजीपी गुप्तेशर पांडे ने विभाग के सभी आईपीएस अधिकारियों से मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देने की अपील की है. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने आईपीएस अधिकारियों से अपील की है कि एसपी रैंक के अधिकारी 5000 कम से कम और उनसे ऊपर रैंक के अधिकारी 10,000 रुपये सहायता राशि दें.
बिहार में छुट्टी पर गए पुलिसकर्मी करेंगे 'वर्क फ्रॉम होम'
इस बीच, राजधानी में पुलिस मुख्यालय ने एक आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार लॉकडाउन से पहले जो पुलिसकर्मी छुट्टी पर चले गए थे और अपना योगदान नहीं दे पा रहे हैं. ऐसे पुलिसकर्मी को अब अपने गृह जिले के थाने में सेवा देने का निर्देश दिया गया है.
अब आम लोग और संस्थाएं नहीं बांट सकेंगी गरीबों को फूड पैकेट
वहीं, लॉक डाउन के दौरान सड़कों पर रहने वाले गरीब और असहाय लोगों के बीच कई सामाजिक संस्था और आम लोग अपने घरों से बना कर खाद्य सामग्री का वितरण करते नजर आ रहे थे. इसपर प्रशासन ने संक्रमण के खतरे की आशंका जताई है. जिला प्रशासन ने आम लोगों और सामाजिक संस्थानों को सीधे खाद्य सामग्री वितरित करने पर रोक लगा दी है.
कोरोना का खाड़ी कनेक्शन!
बिहार का पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज जिसकी मौत हो चुकी है वो भी दोहा, कतर से दिल्ली के रास्ते मुंगेर आया था. इसके अलावा सिवान का ही एक और कोरोना पॉजिटिव दुबई से भारत आया था. ऐसे में बिहार के 22 कोरोना पॉजिटिव में से 7 केस खाड़ी देशों से आए. 10 पीड़ितों को मुंगेर पीड़ित से कोरोना वायरस का इंफेक्शन मिला.