पटना: बिहार विधान परिषद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार 10 नवंबर को हंगामे के बीच अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया. विधान परिषद में शीतकालीन सत्र के दौरान कुल पांच बैठकें हुईं. इस दौरान हंगामे के कारण सत्र बाधित रहा. कांग्रेस ने भाजपा पर बिना किसी मुद्दे के सत्र को बाधित करने का आरोप लगाया, वहीं भाजपा ने इस सत्र को पूरे विश्व में बिहार को शर्मसार करने वाला बताया.
भाजपा ने सदन की कार्यवाही बाधित कीः विधान परिषद का यह सत्र हंगामेदार रहा. लगातार विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया. मुख्यमंत्री के बयान के बाद जो स्थिति बनी 5 दिनों तक सदन की कार्यवाही को बीजेपी ने चलने नहीं दिया. इसको लेकर कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि भाजपा के लोग बिना बात के सदन की कार्यवाही को बाधित किए हैं. निश्चित तौर पर यह गलत है. उन्होंने कहा कि इस बार सबसे बड़ा काम हुआ है आरक्षण के कोटा को बढ़ाया गया है. जाति गणना के आंकड़े को रखा गया. आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े को रखा गया तो सरकार को जो काम करना था उन्होंने किया है.
"देखिए जनहित के मुद्दे को लेकर सदन की कार्रवाई चलाई जाती है लेकिन भाजपा के लोग लगातार सदन के कार्रवाई को बाधित करते रहे और यही कारण रहा कि जनहित के मुद्दे पर सदन में चर्चा नहीं हो सकी यह बहुत अफसोस की बात है."-प्रेमचंद्र मिश्रा, एमएलसी, कांग्रेस
इस सत्र के दौरान शर्मसार हुआ बिहारः शीतकालीन सत्र को लेकर भाजपा के विधान पार्षद सम्राट चौधरी ने कहा कि यह सत्र बिहार को शर्मशार करने वाला रहा है. मुख्यमंत्री ने सदन में महिलाओं को लेकर जो कहा उसकी चर्चा पूरे विश्व में हुई. इसके बाद मुख्यमंत्री ने दलित पूर्व मुख्यमंत्री का अपमान किया. हम यही समझते हैं कि जिस आरक्षण कोटा बढ़ाने की विधेयक की ये लोग बात कर रहे हैं उसका हम लोग शुरू से समर्थन कर रहे हैं. उसका हम लोग ने समर्थन किया लेकिन शीतकालीन सत्र जो इस बार का रहा वह बिहार को शर्मसार करने वाला रहा है. पूरे विश्व में बिहार इस सत्र के दौरान शर्मसार हुआ है.
"यह सत्र बिहार को शर्मशार करने वाला रहा है. जिस तरह से मुख्यमंत्री ने सदन के अंदर महिलाओं के लिए अपमान जनक बातें कहीं, जिसकी चर्चा पूरे विश्व में हुई आप समझ लीजिए बिहार के बारे में क्या लोगों ने सोचा होगा. मुख्यमंत्री होकर जिस तरह का बयान उन्होंने सदन के अंदर दिया वह बिहार को शर्मशार कर गया."- सम्राट चौधरी, एमएलसी, भाजपा
सत्र के दौरान कितने प्रश्नों की सूचना आयीः इसमें कुल 347 प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त हुईं. वर्तमान सत्र के 173 लंबित प्रश्नों को आगामी सत्र में सदन की मेज पर रखने के लिए सरकार से अनुशंसा की गई. ध्यानाकर्षण की कुल 50 सूचनाएं प्राप्त हुईं. 27 ध्यानाकर्षण सूचनाओं सदन के कार्यक्रम पर ले जाने के लिए स्वीकृत हुईं. 17 सूचनाएं उत्तरित हुईं. शून्य काल की कुल 16 सूचनाएं प्राप्त हुईं और सभी स्वीकृत की गई.
निवेदन समिति को सुपुर्द कियाः निवेदन की कुल 56 सूचनाएं प्राप्त हुई. 41 सूचनाएं स्वीकृत हुई. सभी स्वीकृत 41 निवेदनों को सदन की सहमति से निवेदन समिति को सुपुर्द किया गया. 238 तारांकित और 61 अनुसूचित प्रश्नों को नेवा के माध्यम से विभाग भेजा गया. इस सत्र में कुल 165 तारांकित और 48 अल्पसूचित प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हुए.
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