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बिहार की जेलों में बंद हैं क्षमता से 14 हजार ज्यादा कैदी, महिला कैदियों का ये है हाल

बिहार की जेलों (Bihar Jails) में क्षमता से अधिक कैदी इस वक्त मौजूद हैं. कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जेलों से कैदियों की संख्या कम करने को लेकर आदेश दिया था. जेल प्रशासन अब जेलों से कैदियों का बोझ कम करने में जुट गया है. देखिए रिपोर्ट...

पटना
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Published : Jul 19, 2021, 6:17 PM IST

Updated : Jul 19, 2021, 11:04 PM IST

पटना: बिहार के 59 जेलों में (Bihar Jails) क्षमता से 14 हजार अधिक कैदी बंद है. पटना के केंद्रीय आदर्श कारा बेऊर जेल (Beur Jail) समेत प्रदेश के अन्य सात जेलों की बात करें, तो इन जेलों में क्षमता से दोगुने कैदी बंद हैं. कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जेल से कैदियों की संख्या कम करने को लेकर आदेश जारी किया था.

ये भी पढ़ें- Corona Effect: बिहार की जेलों में बंद 150 कैदी समय से पहले होंगे रिहा

कई जेलों की स्थिति तो ऐसी है कि वहां पुरुषों के अलावा महिला कैदियों की संख्या भी क्षमता से अधिक है. गृह विभाग के कारा ब्रांच के रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 59 जेलों में 46,619 कैदियों को बंद करने की क्षमता है. मगर बात बंदियों की करें, तो वर्तमान में इन सभी जेलों में कैदियों की संख्या करीब 60 हजार है.

देखिए रिपोर्ट

दरअसल, बिहार में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान कोरोना का संक्रमण बिहार की जेलों तक पहुंच गया था. बिहार के कई जिलों की जेलों में कई कैदी और स्टाफ भी पॉजिटिव पाए गए थे. जिस वजह से जेल प्रशासन को कैदियों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत रख पाना भी मुश्किल हो रहा था.

जेल के इसी बोझ को कम करने के लिए गृह विभाग बिहार के तरफ से कवायद शुरू कर दी गई है. जेल आईजी मिथलेश कुमार बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद कार्रवाई शुरू की गई है. इसके लिये पिछले दिनों बालसा कमेटी की बैठक कर इस बात का निर्णय लिया गया है. इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया गया है. सरकार की सहमति मिलने का बाद अंतिम निर्णय लिया जायेगा.

''जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों को बेल देने की त्वरित कार्रवाई की जाए, ताकि जेलों में कोरोना संक्रमण के दौरान कैदियों की संख्या को कम किया जा सकें. विचाराधीन कैदियों को अगर सामान्य प्रक्रिया के तहत बेल दी जाती है, तो कैदियों की क्षमता को कम किया जा सकता है.''- मिथलेश कुमार, जेल आईजी बिहार

गौरतलब है कि बालसा कमेटी में पटना हाइकोर्ट के न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद के साथ जेल आईजी मिथलेश कुमार शामिल हैं. बता दें कि राज्य की जेलों में पुरुषों के अलावा महिला कैदियों की भी संख्या अधिक है. कारा ब्रांच की रिपोर्ट के अनुसार सभी महिला जेलों और वार्डों को मिलाकर आदर्श स्थिति में 2047 महिला कैदियों को जेल में बंद रखा जा सकता है. मगर वर्तमान में इन सभी जेलों में महिला बंदियों की संख्या 2128 है. उसी प्रकार पुरुष कैदियों की संख्या जेलों में खाली आदर्श स्थिति से काफी अधिक है.

ये भी पढ़ें- बिहार की जेलों में क्षमता से 75% अधिक कैदी, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना बड़ी चुनौती

बिहार की सभी 59 जेलों में 44,572 पुरुष कैदियों को रखा जा सकता है. लेकिन, वर्तमान में पुरुष बंदियों की संख्या लगभग 58 हजार है. बहरहाल, अब यहां ये देखना अहम होगा कि कब तक इन जेलों से कैदियों का बोझ कम किया जाता है.

बता दें कि बिहार की जेलों (Bihar Jails) में क्षमता से अधिक कैदी इस वक्त मौजूद हैं. आदर्श कारा बेऊर जेल में कैदियों की कुल क्षमता 2360 है, जबकि वर्तमान कैदियों की संख्या 4022 है. सब जेल बाढ़ में कैदियों की कुल क्षमता 173 है, जबकि वर्तमान कैदियों की संख्या 401 है. जिला जेल हाजीपुर में कैदियों की कुल क्षमता 1141 है, जबकि वर्तमान कैदियों की संख्या 1815 है. जिला जेल सीतामढ़ी में कैदियों की कुल क्षमता 380 है, जबकि वर्तमान कैदियों की संख्या 925 है. जिला जेल मधेपुरा में कैदियों की कुल क्षमता 182 है, जबकि वर्तमान कैदियों की संख्या 484 है. जिला जेल औरंगाबाद में कैदियों की कुल क्षमता 309 है, जबकि वर्तमान कैदियों की संख्या 788 है. जबकि बिहार की जेलों में करीब 7 हजार सजायाफ्ता कैदी हैं.

पटना: बिहार के 59 जेलों में (Bihar Jails) क्षमता से 14 हजार अधिक कैदी बंद है. पटना के केंद्रीय आदर्श कारा बेऊर जेल (Beur Jail) समेत प्रदेश के अन्य सात जेलों की बात करें, तो इन जेलों में क्षमता से दोगुने कैदी बंद हैं. कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जेल से कैदियों की संख्या कम करने को लेकर आदेश जारी किया था.

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कई जेलों की स्थिति तो ऐसी है कि वहां पुरुषों के अलावा महिला कैदियों की संख्या भी क्षमता से अधिक है. गृह विभाग के कारा ब्रांच के रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 59 जेलों में 46,619 कैदियों को बंद करने की क्षमता है. मगर बात बंदियों की करें, तो वर्तमान में इन सभी जेलों में कैदियों की संख्या करीब 60 हजार है.

देखिए रिपोर्ट

दरअसल, बिहार में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान कोरोना का संक्रमण बिहार की जेलों तक पहुंच गया था. बिहार के कई जिलों की जेलों में कई कैदी और स्टाफ भी पॉजिटिव पाए गए थे. जिस वजह से जेल प्रशासन को कैदियों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत रख पाना भी मुश्किल हो रहा था.

जेल के इसी बोझ को कम करने के लिए गृह विभाग बिहार के तरफ से कवायद शुरू कर दी गई है. जेल आईजी मिथलेश कुमार बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद कार्रवाई शुरू की गई है. इसके लिये पिछले दिनों बालसा कमेटी की बैठक कर इस बात का निर्णय लिया गया है. इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया गया है. सरकार की सहमति मिलने का बाद अंतिम निर्णय लिया जायेगा.

''जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों को बेल देने की त्वरित कार्रवाई की जाए, ताकि जेलों में कोरोना संक्रमण के दौरान कैदियों की संख्या को कम किया जा सकें. विचाराधीन कैदियों को अगर सामान्य प्रक्रिया के तहत बेल दी जाती है, तो कैदियों की क्षमता को कम किया जा सकता है.''- मिथलेश कुमार, जेल आईजी बिहार

गौरतलब है कि बालसा कमेटी में पटना हाइकोर्ट के न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद के साथ जेल आईजी मिथलेश कुमार शामिल हैं. बता दें कि राज्य की जेलों में पुरुषों के अलावा महिला कैदियों की भी संख्या अधिक है. कारा ब्रांच की रिपोर्ट के अनुसार सभी महिला जेलों और वार्डों को मिलाकर आदर्श स्थिति में 2047 महिला कैदियों को जेल में बंद रखा जा सकता है. मगर वर्तमान में इन सभी जेलों में महिला बंदियों की संख्या 2128 है. उसी प्रकार पुरुष कैदियों की संख्या जेलों में खाली आदर्श स्थिति से काफी अधिक है.

ये भी पढ़ें- बिहार की जेलों में क्षमता से 75% अधिक कैदी, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना बड़ी चुनौती

बिहार की सभी 59 जेलों में 44,572 पुरुष कैदियों को रखा जा सकता है. लेकिन, वर्तमान में पुरुष बंदियों की संख्या लगभग 58 हजार है. बहरहाल, अब यहां ये देखना अहम होगा कि कब तक इन जेलों से कैदियों का बोझ कम किया जाता है.

बता दें कि बिहार की जेलों (Bihar Jails) में क्षमता से अधिक कैदी इस वक्त मौजूद हैं. आदर्श कारा बेऊर जेल में कैदियों की कुल क्षमता 2360 है, जबकि वर्तमान कैदियों की संख्या 4022 है. सब जेल बाढ़ में कैदियों की कुल क्षमता 173 है, जबकि वर्तमान कैदियों की संख्या 401 है. जिला जेल हाजीपुर में कैदियों की कुल क्षमता 1141 है, जबकि वर्तमान कैदियों की संख्या 1815 है. जिला जेल सीतामढ़ी में कैदियों की कुल क्षमता 380 है, जबकि वर्तमान कैदियों की संख्या 925 है. जिला जेल मधेपुरा में कैदियों की कुल क्षमता 182 है, जबकि वर्तमान कैदियों की संख्या 484 है. जिला जेल औरंगाबाद में कैदियों की कुल क्षमता 309 है, जबकि वर्तमान कैदियों की संख्या 788 है. जबकि बिहार की जेलों में करीब 7 हजार सजायाफ्ता कैदी हैं.

Last Updated : Jul 19, 2021, 11:04 PM IST
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