पटना : बालू माफियाओं से साठगांठ के मामले में बिहार में 2 आईपीएस को निलंबित किया गया था, जिसमें भोजपुर के एसपी राकेश दुबे और औरंगाबाद के एसपी सुधीर कुमार पोरिका 27 जुलाई 2021 से निलंबित चल रहे हैं. कई बार इन लोगों की निलंबन की अवधि भी सरकार के द्वारा छह से महीने की बढ़ाई गई है, उसी कड़ी में 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी सुधीर कुमार पोरिका को गृह विभाग जिसमें निलंबन मुक्त करने की बात कही गई है.
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अवैध खनन मामले में थे निलंबित : बता दें कि आईपीएस सुधीर कुमार पोरिका जब औरंगाबाद में एसपी थे उस समय अवैध बालू खनन मामले में इन को निलंबित किया गया था. पहला निलंबन 27 जुलाई 2021 को किया गया था, जिसके बाद यह 60 दिनों के लिए बढ़ा दी गई, फिर 24 जुलाई 2021 तक हुआ, इसके बाद यह अवधि फिर 120 दिन तक बढ़ा दी गई. फिर 22 जनवरी 2022 को निलंबन की अवधि 180 दिन यानी 21 जुलाई 2022 तक बढ़ा दिया गया.
निलंबन मुक्त होने वाले हैं आईपीएस पोरिका : उसी कड़ी में है फिर 1 जुलाई को समीक्षा बैठक हुई और निलंबन की अवधि 21 जुलाई 2022 से अगले 180 दिन यानी 17 जनवरी 2023 तक बढ़ाने की अनुशंसा की गई. फिर 17 जनवरी 2023 से 16 जुलाई 2023 तक निलंबित रहने की बात कही गई. अभी तक औरंगाबाद के एसपी रहे सुधीर कुमार पोरिका निलंबित चल रहे हैं लेकिन अब निलंबन मुक्त होने की बात सामने आ रही है.
यहां मिलेगी तैनाती : गृह विभाग के द्वारा आदेश पारित कर बताया गया है कि सुधीर कुमार पोरिका को 17 जुलाई 2023 को प्रभाव के निलंबन से मुक्त करने संबंधी अनुशंसा की गई है. वहीं निलंबन से मुक्त करते ही उन्हें पुलिस मुख्यालय में पदस्थापन की प्रतीक्षा में योगदान करने का निर्देश दिए जाने का भी निर्णय लिया गया है. सुधीर कुमार पोरिका 2010 बैच के आईपीएस हैं जो 17 जुलाई 2023 के प्रभाव से निलंबन से मुक्त हो जाएंगे, तथा पुलिस मुख्यालय में पदस्थापन की प्रतीक्षा में योगदान देंगे.