पटना: बच्चों में बढ़ रहे वायरल फीवर (Viral Fever) को लेकर बिहार सरकार (Bihar Government) गंभीर है. स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने जिलों के लिए टीम रवाना की है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Mangal Pandey) ने विभाग को हाई अलर्ट पर रखा है. पिछले 1 सप्ताह में बिहार में बुखार पीड़ितों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
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स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि बच्चों में वायरल बुखार के बढ़ते मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. मेडिकल कॉलेज सह अस्पतालों, जिला अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों का प्राथमिकता के आधार पर इलाज करने के निर्देश दिये गये हैं.
''पिछले एक सप्ताह में बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ी है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है. सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच और जरूरी दवाओं की समुचित व्यवस्था की गई है. डॉक्टरों को बुखार से पीड़ित बच्चों को तत्काल बेहतर चिकित्सकीय सुविधा सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं.''- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार
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मंगल पांडे ने कहा कि यह एक तरह से वायरल फीवर है, इस बात की पुष्टि जांच में हो चुकी है. जांच में अभी तक कहीं से कोई कोरोना का लक्षण प्राप्त नहीं हुआ है. इस मामले को लेकर निजी अस्पतालों से भी संपर्क किया जा रहा है, ताकि पीड़ित बच्चों का पता चल सकें और उसका त्वरित इलाज हो सकें. वायरल बुखार को लेकर विभागीय स्तर पर मेडिकल टीमों का गठन किया गया है.
एकत्रित रोग निगरानी परियोजना (आइडीएसपी) के विशेषज्ञों को इस टीम में शामिल किया गया है. एक टीम को मुजफ्फरपुर, दूसरी टीम को गोपालगंज और तीसरी टीम को सिवान भेजा गया है. ये टीम इलाजरत बच्चों की स्थिति की सही जानकारी प्राप्त कर स्वास्थ्य विभाग को सौंपेगी. वहीं, अन्य जिलों में भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं.
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बता दें कि बिहार में वायरल फीवर के मामले बढ़ने लगे हैं और बच्चे इससे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. वायरल फ्लू में बच्चों की स्थिति गंभीर हो रही है. इस मौसम में ह्यूमिडिटी बहुत अधिक रहती है. इस बार वायरल फ्लू की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है और बच्चे इसमें काफी संक्रमित हो रहे हैं और उनकी स्थिति गंभीर भी हो रही है. बच्चों के अलावा वयस्क भी संक्रमित हो रहे हैं. मगर बच्चों में सीवियर मामले बढ़ रहे हैं. वातावरण में ह्यूमिडिटी होने और तापमान अधिक होने की वजह से इनफ्लुएंजा ए बी सी डी जितने भी वायरस है, वो ज्यादा एक्टिव रहते हैं.
ऐसे में वायरल फ्लू से बचाव का भी वही इलाज है जो कोरोना का है. कोविड-19 प्रोटोकॉल जैसे कि हैंड हाइजीन, चेहरे पर मास्क और संक्रमित व्यक्ति का अन्य लोगों से दूरी काफी कारगर है. अगर बच्चे को सामान्य बुखार के अलावा डायरिया या डिसेंट्री होता है या फिर बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, तो तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल में ले जाएं, क्योंकि ऐसे केस में एडमिट करने की आवश्यकता पड़ती है.