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संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी पूरी, बच्चों के साथ व्यस्क भी हो सकते हैं प्रभावित: IMA - तीसरी लहर

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है. प्रदेश के सभी जिलों में लक्ष्य निर्धारित कर कोरोना से लड़ने की तैयारियां तेज कर दी गई हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

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Published : Aug 28, 2021, 7:20 AM IST

पटना: कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave Of Corona Virus) ने प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियां उजागर करके रख दिया है. दूसरी लहर ने यह साबित कर दिया है कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था (Health System In Bihar) के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने की आवश्यकता है. ऐसे में अब कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Corona) की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने कमर कस लिया है.

इसे भी पढ़ें: बोले स्वास्थ्य मंत्री- केंद्र से हरी झंडी मिलते ही बच्चों को भी दिया जाएगा कोरोना का टीका

प्रदेश के 243 विधानसभा क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए जुट गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से 2100 करोड़ से अधिक की लागत निवेश किया जा रहा है. सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में 5-5 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर और सभी जिलों में 3 से 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: अगले 20-25 दिनों में पटना जिला पूरी तरह वैक्सीनेट हो जाएगा: मंगल पांडेय

बता दें कि बीएमएसआईसीएल ने टेंडर भी निकाल दिया है. इन सभी को 15 महीने के अंदर निर्माण करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है. स्वास्थ्य विभाग इसके अलावा सभी जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भी दुरुस्त करने और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने प्रदेश को सतर्क किया है कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए बिहार को 17,480 आईसीयू बेड की आवश्यकता पड़ेगी. दूसरी लहर के चरम के समय प्रदेश में आईसीयू बेड की भीषण कमी थी. वर्तमान समय में प्रदेश के सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में 1500 आईसीयू बेड हैं.

प्रदेश के अस्पतालों में लगभग 800 वेंटिलेटर युक्त बेड हैं. आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 1,147 सरकारी और 1,887 गैर सरकारी चिकित्सा संस्थान हैं. सरकारी और गैर सरकारी संस्थान को मिलाकर कुल 30,857 बेड की व्यवस्था हैं.



नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित डॉ सहजानंद सिंह ने कहा कि वह इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं. जहां तक तीसरी लहर की बात है, तो प्रदेश में इसकी आशंका न के बराबर है. मगर फिर भी इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

मुझे लगता है थर्ड वेब नहीं आएगा. कई जिलों से गिने-चुने ही मामले प्रतिदिन सामने आ रहे हैं. मैं इससे इत्तेफाक नहीं रखता कि तीसरी लहर में 17,000 बेड की आवश्यकता पड़ेगी. प्रदेश में लगभग 1500 से अधिक आईसीयू बेड हैं. जरूरत के अनुसार सरकारी संस्थानों में 5000 बेड तक विकसित किया जा सकता है और सरकारी और गैर सरकारी संस्थान मिलाकर 10000 आईसीयू बेड बढ़ाए जा सकते हैं. -डॉ सहजानंद सिंह

उन्होंने कहा कि तीसरी लहर को लेकर जो कुछ भी आशंका व्यक्त की जा रही है, वे सभी कयास लगाए जा रहे हैं. ऐसा नहीं है कि तीसरी लहर में सिर्फ बच्चे ही प्रभावित होंगे, व्यस्क भी काफी प्रभावित होंगे. उन्होंने कहा कि बच्चों के संक्रमित होने की आशंका को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में बच्चों के लिए बेड रिजर्व करने के निर्देश दे दिए हैं.

कोरोना के तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश के अस्पताल और चिकित्सक भी पूरी तरह तैयार हैं. उन्होंने कहा कि तीसरी लहर से बचने का एकमात्र उपाय है कि चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें और नियमित हाथों को साफ रखें. बाहर सार्वजनिक स्थानों पर 2 गज की दूरी मेंटेन करने का प्रयास करें. इसके साथ ही वैक्सीनेशन अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें.

पटना: कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave Of Corona Virus) ने प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियां उजागर करके रख दिया है. दूसरी लहर ने यह साबित कर दिया है कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था (Health System In Bihar) के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने की आवश्यकता है. ऐसे में अब कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Corona) की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने कमर कस लिया है.

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प्रदेश के 243 विधानसभा क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए जुट गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से 2100 करोड़ से अधिक की लागत निवेश किया जा रहा है. सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में 5-5 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर और सभी जिलों में 3 से 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

देखें रिपोर्ट.

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बता दें कि बीएमएसआईसीएल ने टेंडर भी निकाल दिया है. इन सभी को 15 महीने के अंदर निर्माण करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है. स्वास्थ्य विभाग इसके अलावा सभी जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भी दुरुस्त करने और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने प्रदेश को सतर्क किया है कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए बिहार को 17,480 आईसीयू बेड की आवश्यकता पड़ेगी. दूसरी लहर के चरम के समय प्रदेश में आईसीयू बेड की भीषण कमी थी. वर्तमान समय में प्रदेश के सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में 1500 आईसीयू बेड हैं.

प्रदेश के अस्पतालों में लगभग 800 वेंटिलेटर युक्त बेड हैं. आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 1,147 सरकारी और 1,887 गैर सरकारी चिकित्सा संस्थान हैं. सरकारी और गैर सरकारी संस्थान को मिलाकर कुल 30,857 बेड की व्यवस्था हैं.



नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित डॉ सहजानंद सिंह ने कहा कि वह इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं. जहां तक तीसरी लहर की बात है, तो प्रदेश में इसकी आशंका न के बराबर है. मगर फिर भी इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

मुझे लगता है थर्ड वेब नहीं आएगा. कई जिलों से गिने-चुने ही मामले प्रतिदिन सामने आ रहे हैं. मैं इससे इत्तेफाक नहीं रखता कि तीसरी लहर में 17,000 बेड की आवश्यकता पड़ेगी. प्रदेश में लगभग 1500 से अधिक आईसीयू बेड हैं. जरूरत के अनुसार सरकारी संस्थानों में 5000 बेड तक विकसित किया जा सकता है और सरकारी और गैर सरकारी संस्थान मिलाकर 10000 आईसीयू बेड बढ़ाए जा सकते हैं. -डॉ सहजानंद सिंह

उन्होंने कहा कि तीसरी लहर को लेकर जो कुछ भी आशंका व्यक्त की जा रही है, वे सभी कयास लगाए जा रहे हैं. ऐसा नहीं है कि तीसरी लहर में सिर्फ बच्चे ही प्रभावित होंगे, व्यस्क भी काफी प्रभावित होंगे. उन्होंने कहा कि बच्चों के संक्रमित होने की आशंका को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में बच्चों के लिए बेड रिजर्व करने के निर्देश दे दिए हैं.

कोरोना के तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश के अस्पताल और चिकित्सक भी पूरी तरह तैयार हैं. उन्होंने कहा कि तीसरी लहर से बचने का एकमात्र उपाय है कि चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें और नियमित हाथों को साफ रखें. बाहर सार्वजनिक स्थानों पर 2 गज की दूरी मेंटेन करने का प्रयास करें. इसके साथ ही वैक्सीनेशन अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें.

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