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कोरोना से लड़ाई में हांफ रहा बिहार, सवाल- दूसरी लहर के लिए तैयार नहीं थी सरकार? - स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय

बिहार में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. पिछले 24 घंटे में 11489 संक्रमित मिले. इसके साथ ही एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 69898 हो गई है. कोरोना संक्रमण जिस तरह से ऑउट ऑफ कंट्रोल है सवाल उठ रहे है कि क्या बिहार सरकार की कोरोना के खिलाफ लड़ने की तैयारी नहीं थी? सरकार ने कोरोना की पहली लहर से सबक नहीं लिया था?

corona pandemic bihar
बिहार कोरोना संक्रमण
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Published : Apr 22, 2021, 8:53 PM IST

पटना: कोरोना की दूसरी लहर के चलते बिहार में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. पिछले तीन दिन में रोज 10 हजार से अधिक नए संक्रमित मिले. कोरोना का संक्रमण जिस तरह फैल रहा है बिहार सरकार की सभी तैयारियां नाकाफी नजर आ रहीं हैं. पिछले साल आई कोरोना की पहली लहर में बिहार सरकार ने जिस तरह की तैयारी की थी दूसरी लहर के लिए वैसी तैयारी नहीं दिखी. इसका नतीजा है कि संक्रमण आउट ऑफ कंट्रोल है.

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ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

यह भी पढ़ें- हद हो गयी नीतीश जी! देखिए किस तरह बाइक पर ले जाया जा रहा शव

होली के समय से ही बड़ी संख्या में प्रवासी दूसरे राज्यों से लौट रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में पूरे देश में जिस तरह कोरोना का कहर बरपा है बड़ी संख्या में प्रवासी घर लौट रहे हैं. महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे अत्यधिक संक्रमण प्रभावित राज्यों से लौट रहे सभी प्रवासियों की कोरोना जांच नहीं हो पा रही है. इसके चलते पिछले 10 दिन में राज्य में संक्रमितों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है.

सीधे घर जा रहे प्रवासी
गौरतलब है कि पिछले साल लॉकडाउन के चलते जब बड़ी संख्या में प्रवासी घर लौटे थे तब सरकार ने प्रखंड स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर बनाकर सभी को क्वारंटाइन रखने के बाद घर जाने दिया था. इस कदम से बिहार में कोरोना को नियंत्रित करने में सहायता मिली थी. कोरोना की दूसरी लहर में ऐसी तैयारी नहीं दिखी. प्रवासी सीधे अपने घर जा रहे हैं.

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सरकार ने नहीं लिया सबक
विशेषज्ञों के अनुमान के बावजूद इस बार बिहार सरकार ने सबक नहीं लिया. कोरोना से निपटने के लिए पहले से कोई तैयारी नहीं की गई. इसके चलते अस्पताल में बेड नहीं हैं. लोगों को दर-दर भटकना पड़ रहा है. पिछले साल पटना में कई जगह अतिरिक्त कोविड केयर सेंटर बनाए गए थे. पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में अस्थायी अस्पताल का निर्माण कराया गया था. इसके अलावा मुजफ्फरपुर में भी अस्थायी अस्पताल का निर्माण कराया गया था.

पिछली बार 40 हजार बेड तैयार किए गए थे. इस बार कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए कितने बेड, कितने वेंटिलेटर और कितनी ऑक्सीजन है, इसकी जानकारी भी विभाग नहीं दे रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी जब पूछा गया कि फिलहाल कितने बेड हैं और बढ़ाकर कितना करना है तो उन्होंने सवाल टाल दिया.

जल्द 5 अस्थायी अस्पताल बनाए सरकार
राजद प्रवक्ता रामानुज प्रसाद ने कहा "बिहार सरकार दूसरी लहर के लिए तैयार नहीं थी. सरकार ने मान लिया था कि संक्रमण का दौर खत्म हो गया है. दूसरी लहर आई तो सरकार चारों खाने चित हो गई."

RJD spokesman Ramanuj Prasad
राजद प्रवक्ता रामानुज प्रसाद

"पहले से तैयारी नहीं होने के चलते आज बिहार के लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. ऐसी परिस्थिति में जरूरत इस बात की है कि सरकार जल्द से जल्द पटना में पांच अस्थायी अस्पताल बनाए. ज्ञान भवन म्यूजियम और सिनेमा हॉल में अस्थायी अस्पताल खोले जाएं. इससे आम लोगों को राहत मिलेगी."- रामानुज प्रसाद, राजद प्रवक्ता

व्यवस्था में लगी है सरकार
"पिछली बार के अनुभव से हम लोगों ने सीखा है. पिछली बार तो जांच की व्यवस्था भी नहीं थी. इस बार जांच की व्यवस्था है. लोगों को समुचित इलाज देने की कोशिश कर रहे हैं. संक्रमण जरूर तेजी से बढ़ा है, लेकिन सरकार व्यवस्था में लगी है."- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री

Health Minister Mangal Pandey
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय

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पटना: कोरोना की दूसरी लहर के चलते बिहार में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. पिछले तीन दिन में रोज 10 हजार से अधिक नए संक्रमित मिले. कोरोना का संक्रमण जिस तरह फैल रहा है बिहार सरकार की सभी तैयारियां नाकाफी नजर आ रहीं हैं. पिछले साल आई कोरोना की पहली लहर में बिहार सरकार ने जिस तरह की तैयारी की थी दूसरी लहर के लिए वैसी तैयारी नहीं दिखी. इसका नतीजा है कि संक्रमण आउट ऑफ कंट्रोल है.

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होली के समय से ही बड़ी संख्या में प्रवासी दूसरे राज्यों से लौट रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में पूरे देश में जिस तरह कोरोना का कहर बरपा है बड़ी संख्या में प्रवासी घर लौट रहे हैं. महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे अत्यधिक संक्रमण प्रभावित राज्यों से लौट रहे सभी प्रवासियों की कोरोना जांच नहीं हो पा रही है. इसके चलते पिछले 10 दिन में राज्य में संक्रमितों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है.

सीधे घर जा रहे प्रवासी
गौरतलब है कि पिछले साल लॉकडाउन के चलते जब बड़ी संख्या में प्रवासी घर लौटे थे तब सरकार ने प्रखंड स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर बनाकर सभी को क्वारंटाइन रखने के बाद घर जाने दिया था. इस कदम से बिहार में कोरोना को नियंत्रित करने में सहायता मिली थी. कोरोना की दूसरी लहर में ऐसी तैयारी नहीं दिखी. प्रवासी सीधे अपने घर जा रहे हैं.

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सरकार ने नहीं लिया सबक
विशेषज्ञों के अनुमान के बावजूद इस बार बिहार सरकार ने सबक नहीं लिया. कोरोना से निपटने के लिए पहले से कोई तैयारी नहीं की गई. इसके चलते अस्पताल में बेड नहीं हैं. लोगों को दर-दर भटकना पड़ रहा है. पिछले साल पटना में कई जगह अतिरिक्त कोविड केयर सेंटर बनाए गए थे. पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में अस्थायी अस्पताल का निर्माण कराया गया था. इसके अलावा मुजफ्फरपुर में भी अस्थायी अस्पताल का निर्माण कराया गया था.

पिछली बार 40 हजार बेड तैयार किए गए थे. इस बार कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए कितने बेड, कितने वेंटिलेटर और कितनी ऑक्सीजन है, इसकी जानकारी भी विभाग नहीं दे रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी जब पूछा गया कि फिलहाल कितने बेड हैं और बढ़ाकर कितना करना है तो उन्होंने सवाल टाल दिया.

जल्द 5 अस्थायी अस्पताल बनाए सरकार
राजद प्रवक्ता रामानुज प्रसाद ने कहा "बिहार सरकार दूसरी लहर के लिए तैयार नहीं थी. सरकार ने मान लिया था कि संक्रमण का दौर खत्म हो गया है. दूसरी लहर आई तो सरकार चारों खाने चित हो गई."

RJD spokesman Ramanuj Prasad
राजद प्रवक्ता रामानुज प्रसाद

"पहले से तैयारी नहीं होने के चलते आज बिहार के लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. ऐसी परिस्थिति में जरूरत इस बात की है कि सरकार जल्द से जल्द पटना में पांच अस्थायी अस्पताल बनाए. ज्ञान भवन म्यूजियम और सिनेमा हॉल में अस्थायी अस्पताल खोले जाएं. इससे आम लोगों को राहत मिलेगी."- रामानुज प्रसाद, राजद प्रवक्ता

व्यवस्था में लगी है सरकार
"पिछली बार के अनुभव से हम लोगों ने सीखा है. पिछली बार तो जांच की व्यवस्था भी नहीं थी. इस बार जांच की व्यवस्था है. लोगों को समुचित इलाज देने की कोशिश कर रहे हैं. संक्रमण जरूर तेजी से बढ़ा है, लेकिन सरकार व्यवस्था में लगी है."- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री

Health Minister Mangal Pandey
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय

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