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सरकार ने कहा, बिहार को 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत, HC ने पूछा- टैंकर है उपलब्ध?

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Published : May 7, 2021, 2:07 PM IST

Updated : May 7, 2021, 3:06 PM IST

बिहार में जिस प्रकार से कोरोना ने रफ्तार पकड़ी है. वह सब के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. वहीं, पटना हाईकोर्ट ने कोरोना से जुड़े मामलों की शुक्रवार को सुनवाई की.

पटना
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पटना: राज्य के मुख्य सचिव ने पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी से निपटने के लिए की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा हलफनामा देकर पेश किया. हलफनामें में कोर्ट को बताया गया कि कोरोना की गंभीरता को देखते हुए राज्य को 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है. साथ ही कोरोना मरीजों की इलाज की व्यवस्था की निगरानी को लेकर एक्सपर्ट टीम गठित करने का निर्देश दिया.

यह भी पढे़ं: पटना में रेमडेसिविर की कालाबाजारी, निजी अस्पताल का निदेशक गिरफ्तार

5 सदस्यीय एक्पर्ट टीम गठित करने का निर्देश
इस पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए हलफनामे पर पूछा कि ऑक्सीजन आपूर्ति लिए टैंकर उपलब्ध है? कोर्ट ने राज्य सरकार को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बनायी गई व्यवस्था के निगरानी के लिए 5 सदस्यीय एक्सपर्ट टीम गठित करने का निर्देश दिया.

वहीं, सुनवाई के दौरान अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने पीठ को बताया कि पुलिस जिन ऑक्सीजन सिलेंडर को जब्त करती है, उन्हें थाने में रखा जाता है. इसके लिए कोई दिशा निर्देश नहीं है. चीफ जस्टिस करोल ने इस पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को अगली सुनावाई में जवाब देने का निर्देश दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 मई को मुकर्रर की गई है.

पटना: राज्य के मुख्य सचिव ने पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी से निपटने के लिए की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा हलफनामा देकर पेश किया. हलफनामें में कोर्ट को बताया गया कि कोरोना की गंभीरता को देखते हुए राज्य को 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है. साथ ही कोरोना मरीजों की इलाज की व्यवस्था की निगरानी को लेकर एक्सपर्ट टीम गठित करने का निर्देश दिया.

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5 सदस्यीय एक्पर्ट टीम गठित करने का निर्देश
इस पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए हलफनामे पर पूछा कि ऑक्सीजन आपूर्ति लिए टैंकर उपलब्ध है? कोर्ट ने राज्य सरकार को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बनायी गई व्यवस्था के निगरानी के लिए 5 सदस्यीय एक्सपर्ट टीम गठित करने का निर्देश दिया.

वहीं, सुनवाई के दौरान अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने पीठ को बताया कि पुलिस जिन ऑक्सीजन सिलेंडर को जब्त करती है, उन्हें थाने में रखा जाता है. इसके लिए कोई दिशा निर्देश नहीं है. चीफ जस्टिस करोल ने इस पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को अगली सुनावाई में जवाब देने का निर्देश दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 मई को मुकर्रर की गई है.

Last Updated : May 7, 2021, 3:06 PM IST
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