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Corona के Delta Plus Variant ने बढ़ाई सरकार की चिंता, 50 लोगों के सैंपल भेजे गए भुवनेश्वर - कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट

कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variant) ने बिहार सरकार की चिंता बढ़ा दी है. 50 कोरोना संक्रमितों का सैंपल जांच के लिए भुवनेश्वर भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद सरकार कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर रणनीति तैयार करेगी.

Delta Plus Variant
कोरोना वायरस डेल्टा प्लस वैरिएंट
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Published : Jun 24, 2021, 6:52 PM IST

पटना: देशभर में फैल रहे कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variant) ने बिहार सरकार की चिंता बढ़ा दी है. बिहार में अभी तक कोरोना के इस नए वैरिएंट के मरीज नहीं मिले हैं. बिहार सरकार ने डेल्टा प्लस वैरिएंट की जांच के लिए 50 कोरोना संक्रमितों का सैंपल गुरुवार को भुवनेश्वर के रिजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (Bhubaneswar Regional Medical Research Center) भेजा है. जांच में अगर डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि होती है तो सरकार कोरोना को लेकर नई रणनीति तैयार करेगी.

यह भी पढ़ें- कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से बचना है तो.. वैक्सीन ही है एक मात्र उपाय, पढ़िए.. क्या कहते हैं डॉक्टर ?

सचेत है बिहार सरकार
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा, "स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण के रफ्तार को लेकर चिंतित है. हाल के दिनों में संक्रमण में कमी आई है, लेकिन हम आगे की तैयारियों में जुटे हैं. कोरोना संक्रमण की दूसरे लहर के दौरान कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की चर्चा हो रही थी. अब डेल्टा प्लस वैरिएंट की चर्चा हो रही है. इसके बार में देश-दुनिया में तरह-तरह के विश्लेषण हो रहे हैं. इसपर रिसर्च हो रहा है. रिसर्च के आधार पर हेल्थ सेक्टर के वैज्ञानिक अपनी राय दे रहे हैं."

देखें रिपोर्ट

"अभी नए डेल्टा प्लस वैरिएंट आने की बात हो रही है. इस संबंध में हमलोग सचेत हैं. देशभर में इसके करीब 43 मामले सामने आए हैं. इस मामले में बिहार काफी सचेत है. 50 कोरोना संक्रमितों का सैंपल भुवनेश्वर के लैब में जांच के लिए भेजा गया है ताकि पता चल सके कि कोई नया वैरिएंट तो नहीं आया है."- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार

अधिक संक्रामक है डेल्टा वैरिएंट
पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी का कहना है कि डबल म्युटेंट वैरिएंट (डेल्टा वैरिएंट) जब भारत में मिला था तब लैब कंडीशन में इसके संक्रामकता की जांच की गई थी. पता चला था कि डेल्टा वैरिएंट कोरोना के वुहान वैरिएंट से 50 से 60 गुना अधिक संक्रामक है.

वैक्सीन लगवाना जरूरी
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि मॉडर्ना (Moderna), फाइजर (Pfizer), एस्ट्राजेनेका (Astrazeneca), भारत बायोटेक (Bharat BioTec Covaxin) आदि कंपनियों के जो वैक्सीन हैं वे नॉर्मल कोरोना वायरस पर कारगर हैं, लेकिन डेल्टा स्ट्रेन पर इनका असर थोड़ा कम हो जाता है. नॉर्मल कोरोना वायरस पर वैक्सीन 90 से 95 फीसदी कारगर है तो डेल्टा स्ट्रेन पर वैक्सीन 75 से 80 फीसदी कारगर रहता है. इसका मतलब यह नहीं है कि वैक्सीन कारगर नहीं है. वैक्सीन से संक्रमण के दौरान गंभीरता का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है. इसलिए कोरोना का टीका लगवाना बहुत जरूरी है.

लगातार रूप बदल रहा है कोरोना
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरी लहर में कोरोना वायरस म्यूटेशन के चलते और अधिक ताकतवर बनकर लौटा था. अब कोरोना का नया वैरिएंट डेल्टा प्लस पांव पसार रहा है. गौरतलब है कि म्यूटेशन वह प्रक्रिया है, जिससे वायरस खुद को बदलता है और नये वैरिएंट के रूप में सामने आता है.

क्या है म्यूटेशन?
म्यूटेशन जेनेटिक मैटेरियल (डीएनए या आरएनए) में बदलाव है. म्यूटेशन द्वारा वायरस लगातार खुद को बदलते रहते हैं. इसके चलते वायरस के नए वेरिएंट सामने आते हैं. म्यूटेशन जीवों में डीएनए रेप्लिकेशन (एक डीएनए से दो डीएनए बनना) के समय होता है. वायरस का जेनेटिक मैटेरियल डीएनए या आरएनए दोनों में से कोई एक हो सकता है. कोरोना वायरस का जेनेटिक मैटेरियल आरएनए है. इसमें म्यूटेशन आरएनए रेप्लिकेशन के समय होता है.

यह भी पढ़ें- VIDEO: सिरिंज में वैक्सीन भरी नहीं और नर्स ने लगा दिया इंजेक्शन !

पटना: देशभर में फैल रहे कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variant) ने बिहार सरकार की चिंता बढ़ा दी है. बिहार में अभी तक कोरोना के इस नए वैरिएंट के मरीज नहीं मिले हैं. बिहार सरकार ने डेल्टा प्लस वैरिएंट की जांच के लिए 50 कोरोना संक्रमितों का सैंपल गुरुवार को भुवनेश्वर के रिजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (Bhubaneswar Regional Medical Research Center) भेजा है. जांच में अगर डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि होती है तो सरकार कोरोना को लेकर नई रणनीति तैयार करेगी.

यह भी पढ़ें- कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से बचना है तो.. वैक्सीन ही है एक मात्र उपाय, पढ़िए.. क्या कहते हैं डॉक्टर ?

सचेत है बिहार सरकार
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा, "स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण के रफ्तार को लेकर चिंतित है. हाल के दिनों में संक्रमण में कमी आई है, लेकिन हम आगे की तैयारियों में जुटे हैं. कोरोना संक्रमण की दूसरे लहर के दौरान कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की चर्चा हो रही थी. अब डेल्टा प्लस वैरिएंट की चर्चा हो रही है. इसके बार में देश-दुनिया में तरह-तरह के विश्लेषण हो रहे हैं. इसपर रिसर्च हो रहा है. रिसर्च के आधार पर हेल्थ सेक्टर के वैज्ञानिक अपनी राय दे रहे हैं."

देखें रिपोर्ट

"अभी नए डेल्टा प्लस वैरिएंट आने की बात हो रही है. इस संबंध में हमलोग सचेत हैं. देशभर में इसके करीब 43 मामले सामने आए हैं. इस मामले में बिहार काफी सचेत है. 50 कोरोना संक्रमितों का सैंपल भुवनेश्वर के लैब में जांच के लिए भेजा गया है ताकि पता चल सके कि कोई नया वैरिएंट तो नहीं आया है."- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार

अधिक संक्रामक है डेल्टा वैरिएंट
पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी का कहना है कि डबल म्युटेंट वैरिएंट (डेल्टा वैरिएंट) जब भारत में मिला था तब लैब कंडीशन में इसके संक्रामकता की जांच की गई थी. पता चला था कि डेल्टा वैरिएंट कोरोना के वुहान वैरिएंट से 50 से 60 गुना अधिक संक्रामक है.

वैक्सीन लगवाना जरूरी
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि मॉडर्ना (Moderna), फाइजर (Pfizer), एस्ट्राजेनेका (Astrazeneca), भारत बायोटेक (Bharat BioTec Covaxin) आदि कंपनियों के जो वैक्सीन हैं वे नॉर्मल कोरोना वायरस पर कारगर हैं, लेकिन डेल्टा स्ट्रेन पर इनका असर थोड़ा कम हो जाता है. नॉर्मल कोरोना वायरस पर वैक्सीन 90 से 95 फीसदी कारगर है तो डेल्टा स्ट्रेन पर वैक्सीन 75 से 80 फीसदी कारगर रहता है. इसका मतलब यह नहीं है कि वैक्सीन कारगर नहीं है. वैक्सीन से संक्रमण के दौरान गंभीरता का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है. इसलिए कोरोना का टीका लगवाना बहुत जरूरी है.

लगातार रूप बदल रहा है कोरोना
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरी लहर में कोरोना वायरस म्यूटेशन के चलते और अधिक ताकतवर बनकर लौटा था. अब कोरोना का नया वैरिएंट डेल्टा प्लस पांव पसार रहा है. गौरतलब है कि म्यूटेशन वह प्रक्रिया है, जिससे वायरस खुद को बदलता है और नये वैरिएंट के रूप में सामने आता है.

क्या है म्यूटेशन?
म्यूटेशन जेनेटिक मैटेरियल (डीएनए या आरएनए) में बदलाव है. म्यूटेशन द्वारा वायरस लगातार खुद को बदलते रहते हैं. इसके चलते वायरस के नए वेरिएंट सामने आते हैं. म्यूटेशन जीवों में डीएनए रेप्लिकेशन (एक डीएनए से दो डीएनए बनना) के समय होता है. वायरस का जेनेटिक मैटेरियल डीएनए या आरएनए दोनों में से कोई एक हो सकता है. कोरोना वायरस का जेनेटिक मैटेरियल आरएनए है. इसमें म्यूटेशन आरएनए रेप्लिकेशन के समय होता है.

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