पटना: राज्य में कोरोना जांच की धीमी गति को लेकर उठते सवालों के बीच सरकार ने साफ किया है कि राज्य में चार कोरोना जांच लैब है. फिर भी बिहार अन्य कई राज्यों से बेहतर स्थिति में है.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने गुरुवार का देश भर के कोरोना जांच लैब और उन राज्यों में पहला मामला मिलने के बाद से अब तक हुई जांच का आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि लोगों की जानकारी के लिए आज देश भर के कोरोना जांच लैब का तुलनात्मक आंकड़ा जारी किया जा रहा है. इसे देख लोग खुद आकलन कर सकते हैं कि बिहार में जांच की क्या स्थिति है.
कहां का क्या है स्थिति
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े से साफ है कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का पहला मामला 9 मार्च को सामने आया था. जिसके बाद यहां जांच शुरू हुई. महाराष्ट्र ने 8 अप्रैल तक 26,888 सैंपल टेस्ट किए हैं. महाराष्ट्र में कुल 29 जांच लैब है. इस कड़ी में दूसरे पायदान पर राजस्थान है. राजस्थान में 3 मार्च को कोरोना का पहला मामला सामने आया था. इस राज्य में 8 अप्रैल तक 16764 सैंपल टेस्ट कराए गए. यहां कुल 8 लैब हैं. तीसरे नंबर पर केरल है. केरल में 30 जनवरी से 8 अप्रैल के बीच 12 लैब के जरिए 11986 सैंपल जांच की गई. वहीं, बिहार में 4 लैब है और 22 मार्च को पहला पॉजिटिव केस मिलने के बाद से 8 अप्रैल के बीच 4991 सैंपल की जांच की गई है. इन आंकड़ों से साफ लग रहा है कि राज्य सरकार जांच को लेकर मुस्तैद है और युद्धस्तर पर कोरोना संदिग्धों की जांच हो रही है.
राज्य | लैब | जांच |
दिल्ली | 15 | 7884 |
हरियाणा | 8 | 16764 |
तमिलनाडु | 21 | 6095 |
कर्नाटक | 15 | 6654 |
पंजाब | 2 | 2720 |
आंध्रप्रदेश | 6 | 4704 |
प. बंगाल | 10 | 1657 |
छत्तीसगढ़ | 2 | 2805 |
हिमाचल प्रदेश | 2 | 662 |
गुजरात | 10 | 4224 |
झारखंड | 2 | 1103 |
बिहार | 4 | 4991 |