पटना : एक महीने से चल रही आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल आज समाप्त हो गई है. डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने आशा प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने आशा प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि 1000 रुपए के पारितोषिक को 2500 रुपए कर दिया जाएगा. इसका भुगतान 2023 सितंबर महीने से किया जाएगा.
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आशा प्रतिनिधियों के लिए सरकार ने खोला खजाना : बता दें कि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने आशा कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधियों के लिए खजाने को खोल दिया है. उनके मानदेय में ढाई गुना की बढ़ोतरी करते हुए प्रतिमाह 2500 रुपए करने का आश्वासन दिया है. बिहार स्वास्थ्य मंत्रालय के फैसले से बिहार के खजाने पर हर साल 180 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि खर्च होगी. वहीं तेजस्वी यादव के मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि केंद्र से संबंधित अन्य मांगों के लिए भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार से संवाद किया जाएगा.
आशा प्रतिनिधियों की मांगों को सरकार ने माना : गौरलतब है कि अपनी मांगों को लेकर आशा और आशा फैसिलिटेटर ने संयुक्त रूप से हड़ताल का आह्वान किया था. उन्होंने मांग की थी कि जब तक आशा फैसिलिटेटर को सरकारी सेवक घोषित नहीं किया जाता और 1000 रुपए के बदले 10000 रुपए मानदेय नहीं दिया जाता तब तक वो ह़ड़ताल पर रहेंगे. आशा फैसिलिटेटर की मांगों को बिहार सरकार ने मान लिया है. और मानदेय में बढ़ोतरी कर दी है.
इन मांगों पर नहीं बनी सहमति : रिटायरमेंट बेनफिट और रिटायरमेंट उम्र को 65 साल करने पर भी सरकार विचार करेगी. ऐसा बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है. आशा प्रतिनिधियों को जो भी बढ़ा हुआ पारितोषिक दिया जाएगा उसे राज्य सरकार अपने खर्च पर वहन करेगी. इस फैसले को अब कैबिनेट में पास करना होगा. उसके बाद अगले महीने से आशा फैसिलिटेटर्स को बदले हुए मानदेय का लाभ मिलने लगेगा.