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पटना में शुरू हुई नीरा की बिक्री.. 51 केंद्र खोलने की तैयारी, जानें इसके सेवन के फायदे

बिहार सरकार शराब की जगह नीरा को प्रोत्साहन देने में जुटी है. पटना जिले में 51 केंद्रों पर जल्द ही नीरा की बिक्री (Neera Sale In Bihar) शुरू हो जाएगी. स्वाद में मीठी और सफेद रंग वाली नीरा सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. यही वजह है कि शराबबंदी वाले बिहार में सरकार नीरा के सेवन पर जोर दे रही है.

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Published : Apr 1, 2022, 8:05 PM IST

पटनाः बिहार में साल 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) है. लेकिन बिहार में ना तो शराब पीनी बंद हुई और ना ही इसका कारोबार. बिहार में नीतीश सरकार लोगों के लिए शराब का विकल्प लेकर आई है. शराब की जगह राज्य सरकार अब नीरा को प्रोत्साहन देने में जुटी है. राजधानी पटना में एक साथ बड़े पैमाने पर नीरा केंद्र (Bihar Government Open 51 Neera Sales Center In Patnat) खोलने की योजना है. अप्रैल के पहले सप्ताह से पटना जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एक साथ 51 केंद्रों पर नीरा की बिक्री शुरू कर दी जाएगी. कुछ स्थानों पर नीरा की बिक्री शुरू भी हो चुकी है और लोग इसे खूब पसंद भी कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें - मिल गया बिहार में शराबबंदी का विकल्प! अब नीरा सेंटर खोलने की तैयारी में नीतीश सरकार

प्रखंडों में 44 नीरा बिक्री केंद्रः जिला प्रशासन से मिल रही जानकारी के अनुसार राजधानी पटना के नगर निगम क्षेत्र में 7 जगहों पर इसे खोला जाएगा. जिसमें संजय गांधी जैविक उद्यान गेट संख्या एक, गेट संख्या दो, मीठापुर, गांधी मैदान के उद्योग भवन, सगुना मोड़, चक बैरिया बस स्टैंड के पास नीरा बिक्री केंद्र खोले जाने की सहमति बनी है. जबकि प्रखंडों में 44 नीरा बिक्री केंद्र शुरू किए जाएंगे. इसमें पटना नगर निगम क्षेत्र में 7 होंगे. पटना जिला के हर प्रखंड में औसतन 203 बिक्री केंद्र खोले जाएंगे. राजधानी पटना के चिड़ियाखाना के गेट नंबर 2 के पास नीरा काउंटर खुल चुका है, जिस पर औसतन 40 से 50 लीटर प्रतिदिन नीरा की बिक्री हो रही है.


प्रति लीटर 20 रुपये की कमाईः राजधानी पटना जू स्थित नीरा काउंटर पर लोगों को इसके फायदे बताने लिए फ़्लेक्स लगाया गया है. नीरा काउंटर चलाने वाले जितेंद्र कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि उनकी अच्छी खासी सेलिंग हो रही है. वह रोजाना 40 से 50 लीटर नीरा बेच देते हैं. 50 लीटर के हिसाब से वो खजूर के पेड़ से इसका रस लेकर आते हैं, लाने में 10 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से खर्च बैठता है, वो प्रति लीटर 20 रुपये की कमाई करते हैं. उन्होंने बताया कि नीरा आम लोगों के स्वास्थ्य और पेट के लिए काफी फायदेमंद है. जिस वजह से राज्य सरकार लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ एंप्लॉयमेंट पर भी ध्यान दे रही है.

नीरा का सेवन करने वाले अखिलेश सिंह का कहना है कि नीरा का स्वाद काफी अच्छा है. यह शरीर के लिए भी काफी फायदेमंद है, इससे कई तरह के फायदे शरीर को पहुंच रहे हैं, जिस वजह से हम लोग रोजाना इसका सेवन करते हैं. उन्होंने कहा कि मीठा होने की वजह से ये शुगर पेशेंट के लिए फायदेमंद नहीं हो सकता है. राज्य सरकार कहीं ना कहीं शराबबंदी के बाद समाज को रोजगार देने के लिए नीरा के उत्पादन पर जोर दे रही है.


100 से अधिक बीमारियों का हलः आपको बता दें कि नीरा का सेवन करने से कमजोरी की समस्या भी दूर होती है. इसके साथ-साथ पेट से जुड़ी बीमारियों को दूर करने के लिए नीरा का सेवन फायदेमंद माना जाता है. एनीमिया, कब्ज, जॉन्डिस, दमा और टीबी जैसी बीमारी में नीरा का सेवन फायदेमंद माना जाता है. जो लोग अपना वजन बढ़ाने के उपाय ढूंढ रहे हैं उनके लिए भी नीरा का सेवन करना अच्छा होगा. बताया जाता है कि नीरा में 100 से अधिक बीमारियों का हल है.

'नीरा' स्वास्थ्य के लिए रामबाण: नीरा में मुख्य रूप से 84.72 प्रतिशत जल रहता है, जबकि कार्बोहाइड्रेट 14.35 प्रतिशत, प्रोटीन 0.10 प्रतिशत, वसा 0.17 प्रतिशत, मिनरल 0.66 प्रतिशत होता है. . मिनरल्स में कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, सोडियम और फॉस्फोरस की प्रचुर मात्रा में मिलती है. साथ ही विटामिन सी और विटामिन बी कॉम्पलेक्स भी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. यानि 100 ml नीरा से 110 कैलोरी मिलती है. नीरा न तो अम्लीय है और न ही क्षारीय होती है, ये पानी से थोड़ी ही भारी होती है. सुबह-सुबह नीरा का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है.

ये भी पढ़ें- दरभंगा में जल्द शुरू होगी नीरा की बिक्री, सर्वे के बाद दिया जाएगा लाइसेंस

नीरा और ताड़ी में अंतर: बहुत से लोग 'नीरा' को 'ताड़ी' समझते हैं. लेकिन इसमें बड़ा ही खास अंतर है. इस अंतर को समझना जरूरी है, क्योंकि जब तक ये ताजा रहती है उसे 'नीरा' कहते हैं. जब यही ताड़ी बासी होती जाती है यानी फर्मेंट (खमनीकरण) होने लगती है तो उसे ताड़ी कहा जाने लगता है. इसलिए पेड़ से निकालकर तुरंत इसका सेवन नीरा का सेवन है. लेकिन जब यही कुछ देर बाद फर्मेंट होकर बाजार में बेची जाती है तो 'अल्कोहलिक' हो जाती है. इसके स्वाद में भी काफी अंतर आ जाता है. नीरा के रूप में इसका स्वाद मीठा होता है जबकि ताड़ी के रूप में ये खट्टी हो जाती है. ताड़ी को इसीलिए सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है. एक शोध के मुताबिक नीरा के इस्तेमाल से कई बीमारियां दूर होती हैं.

चिकित्सक की मानें तो सूर्योदय के पहले ताड़ या खजूर से उतरने वाली ताड़ी में नीरा के बराबर पौष्टिक होता है. नीरा के सेवन से कई तरह के फायदे हैं. बिहार के फिजीशियन डॉक्टर आशीष कुमार ने कहा कि इसमें 25 प्रकार के पोषक तत्व होते हैं. नीरा शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है.

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पटनाः बिहार में साल 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) है. लेकिन बिहार में ना तो शराब पीनी बंद हुई और ना ही इसका कारोबार. बिहार में नीतीश सरकार लोगों के लिए शराब का विकल्प लेकर आई है. शराब की जगह राज्य सरकार अब नीरा को प्रोत्साहन देने में जुटी है. राजधानी पटना में एक साथ बड़े पैमाने पर नीरा केंद्र (Bihar Government Open 51 Neera Sales Center In Patnat) खोलने की योजना है. अप्रैल के पहले सप्ताह से पटना जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एक साथ 51 केंद्रों पर नीरा की बिक्री शुरू कर दी जाएगी. कुछ स्थानों पर नीरा की बिक्री शुरू भी हो चुकी है और लोग इसे खूब पसंद भी कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें - मिल गया बिहार में शराबबंदी का विकल्प! अब नीरा सेंटर खोलने की तैयारी में नीतीश सरकार

प्रखंडों में 44 नीरा बिक्री केंद्रः जिला प्रशासन से मिल रही जानकारी के अनुसार राजधानी पटना के नगर निगम क्षेत्र में 7 जगहों पर इसे खोला जाएगा. जिसमें संजय गांधी जैविक उद्यान गेट संख्या एक, गेट संख्या दो, मीठापुर, गांधी मैदान के उद्योग भवन, सगुना मोड़, चक बैरिया बस स्टैंड के पास नीरा बिक्री केंद्र खोले जाने की सहमति बनी है. जबकि प्रखंडों में 44 नीरा बिक्री केंद्र शुरू किए जाएंगे. इसमें पटना नगर निगम क्षेत्र में 7 होंगे. पटना जिला के हर प्रखंड में औसतन 203 बिक्री केंद्र खोले जाएंगे. राजधानी पटना के चिड़ियाखाना के गेट नंबर 2 के पास नीरा काउंटर खुल चुका है, जिस पर औसतन 40 से 50 लीटर प्रतिदिन नीरा की बिक्री हो रही है.


प्रति लीटर 20 रुपये की कमाईः राजधानी पटना जू स्थित नीरा काउंटर पर लोगों को इसके फायदे बताने लिए फ़्लेक्स लगाया गया है. नीरा काउंटर चलाने वाले जितेंद्र कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि उनकी अच्छी खासी सेलिंग हो रही है. वह रोजाना 40 से 50 लीटर नीरा बेच देते हैं. 50 लीटर के हिसाब से वो खजूर के पेड़ से इसका रस लेकर आते हैं, लाने में 10 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से खर्च बैठता है, वो प्रति लीटर 20 रुपये की कमाई करते हैं. उन्होंने बताया कि नीरा आम लोगों के स्वास्थ्य और पेट के लिए काफी फायदेमंद है. जिस वजह से राज्य सरकार लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ एंप्लॉयमेंट पर भी ध्यान दे रही है.

नीरा का सेवन करने वाले अखिलेश सिंह का कहना है कि नीरा का स्वाद काफी अच्छा है. यह शरीर के लिए भी काफी फायदेमंद है, इससे कई तरह के फायदे शरीर को पहुंच रहे हैं, जिस वजह से हम लोग रोजाना इसका सेवन करते हैं. उन्होंने कहा कि मीठा होने की वजह से ये शुगर पेशेंट के लिए फायदेमंद नहीं हो सकता है. राज्य सरकार कहीं ना कहीं शराबबंदी के बाद समाज को रोजगार देने के लिए नीरा के उत्पादन पर जोर दे रही है.


100 से अधिक बीमारियों का हलः आपको बता दें कि नीरा का सेवन करने से कमजोरी की समस्या भी दूर होती है. इसके साथ-साथ पेट से जुड़ी बीमारियों को दूर करने के लिए नीरा का सेवन फायदेमंद माना जाता है. एनीमिया, कब्ज, जॉन्डिस, दमा और टीबी जैसी बीमारी में नीरा का सेवन फायदेमंद माना जाता है. जो लोग अपना वजन बढ़ाने के उपाय ढूंढ रहे हैं उनके लिए भी नीरा का सेवन करना अच्छा होगा. बताया जाता है कि नीरा में 100 से अधिक बीमारियों का हल है.

'नीरा' स्वास्थ्य के लिए रामबाण: नीरा में मुख्य रूप से 84.72 प्रतिशत जल रहता है, जबकि कार्बोहाइड्रेट 14.35 प्रतिशत, प्रोटीन 0.10 प्रतिशत, वसा 0.17 प्रतिशत, मिनरल 0.66 प्रतिशत होता है. . मिनरल्स में कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, सोडियम और फॉस्फोरस की प्रचुर मात्रा में मिलती है. साथ ही विटामिन सी और विटामिन बी कॉम्पलेक्स भी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. यानि 100 ml नीरा से 110 कैलोरी मिलती है. नीरा न तो अम्लीय है और न ही क्षारीय होती है, ये पानी से थोड़ी ही भारी होती है. सुबह-सुबह नीरा का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है.

ये भी पढ़ें- दरभंगा में जल्द शुरू होगी नीरा की बिक्री, सर्वे के बाद दिया जाएगा लाइसेंस

नीरा और ताड़ी में अंतर: बहुत से लोग 'नीरा' को 'ताड़ी' समझते हैं. लेकिन इसमें बड़ा ही खास अंतर है. इस अंतर को समझना जरूरी है, क्योंकि जब तक ये ताजा रहती है उसे 'नीरा' कहते हैं. जब यही ताड़ी बासी होती जाती है यानी फर्मेंट (खमनीकरण) होने लगती है तो उसे ताड़ी कहा जाने लगता है. इसलिए पेड़ से निकालकर तुरंत इसका सेवन नीरा का सेवन है. लेकिन जब यही कुछ देर बाद फर्मेंट होकर बाजार में बेची जाती है तो 'अल्कोहलिक' हो जाती है. इसके स्वाद में भी काफी अंतर आ जाता है. नीरा के रूप में इसका स्वाद मीठा होता है जबकि ताड़ी के रूप में ये खट्टी हो जाती है. ताड़ी को इसीलिए सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है. एक शोध के मुताबिक नीरा के इस्तेमाल से कई बीमारियां दूर होती हैं.

चिकित्सक की मानें तो सूर्योदय के पहले ताड़ या खजूर से उतरने वाली ताड़ी में नीरा के बराबर पौष्टिक होता है. नीरा के सेवन से कई तरह के फायदे हैं. बिहार के फिजीशियन डॉक्टर आशीष कुमार ने कहा कि इसमें 25 प्रकार के पोषक तत्व होते हैं. नीरा शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है.

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