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गांवों में कोरोना संक्रमण की स्थिति भयावह, झोलाछाप डॉक्टरों को सरकार के निर्देश का इंतजार - झोलाछाप डॉक्टर

सरकार ने योजना बनाई थी कि संकट की स्थिति में झोलाछाप चिकित्सकों की सेवा ली जाएगी. अब जबकि गांवों में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है तब भी ग्रामीण स्वास्थ्य कर्ताओं की सेवा नहीं ली जा सकी है.

Mangal pandey
मंगल पांडेय
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Published : May 22, 2021, 10:27 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना की दूसरी लहर से लोगों को राहत मिली है. दिन प्रतिदिन नए संक्रमितों की संख्या में कमी आ रही है. वहीं, चिंताजनक बात यह है कि गांव में जहां स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है वहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सरकार ने झोलाछाप डॉक्टरों की भूमिका सुनिश्चित की है पर उनकी सेवा नहीं ली जा रही है.

यह भी पढ़ें- बिहार में ब्लैक फंगस महामारी घोषित, कोरोना मरीजों की तरह रखा जाएगा रिकॉर्ड

ग्रामीण स्वास्थ्य कर्ताओं को सरकारी फरमान का इंतजार
बिहार में 20 हजार से अधिक झोलाछाप डॉक्टर हैं. स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें ग्रामीण स्वास्थ्य कर्ता का नाम दिया है. सरकार ने योजना बनाई थी कि संकट की स्थिति में झोलाछाप चिकित्सकों की सेवा ली जाएगी. अब जबकि गांवों में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है तब भी ग्रामीण स्वास्थ्य कर्ताओं की सेवा नहीं ली जा सकी है.

देखें रिपोर्ट

खाली हैं डॉक्टरों के 60 फीसदी पद
बिहार में चिकित्सकों का घोर अभाव है. लगभग 60% चिकित्सकों के पद खाली पड़े हैं. ऐसे में झोलाछाप चिकित्सक ग्रामीण इलाकों में बीमार लोगों के काम आते हैं. 2020 में बिहार सरकार ने 20 हजार से ज्यादा चिकित्सकों को एनआईओएस के साथ मिलकर ट्रेनिंग दिलवाई थी. इसके बाद उन्हें कम्युनिटी हेल्थ सर्टिफिकेट कोर्स पूरा करने का प्रमाण पत्र भी दिलवाया गया था. सरकार ने ग्रामीण चिकित्सकों को ग्रामीण स्वास्थ्य कर्ता का दर्जा देकर अप ग्रेड भी किया था.

गांव में पांव पसार रहा कोरोना
कोरोना की दूसरी लहर ने गांवों में पांव पसारना शुरू कर दिया है. गांव के लोगों के लिए झोलाछाप डॉक्टर सहारा हैं. सरकार ने तय किया था कि उन्हें हर रोज 200 रुपए मानदेय उनके काम के बदले दिए जाएंगे, लेकिन झोलाछाप डॉक्टरों को सरकार के फरमान का इंतजार है.

"गांव में बीमारों की संख्या ज्यादा है. ज्यादातर लोगों में कोरोना वायरस से मिले-जुले लक्षण दिखाई देते हैं. अपने स्तर से तो हमलोग उनका इलाज कर रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई निर्देश नहीं आया है."- अफसार आलम, ग्रामीण स्वास्थ्य कर्ता, सुल्तानगंज, भागलपुर

ग्रामीण स्वास्थ्य कर्ताओं को दी जाएगी वर्चुअल ट्रेनिंग
"ग्रामीण स्वास्थ्य कर्ताओं को हम लोगों ने ट्रेंड किया है. उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है कि संक्रमित मरीजों की पहचान करें और नजदीकी अस्पताल और चिकित्सकों के बारे में लोगों को बताएं. कई जगह हम लोगों ने उनकी सेवाएं ली हैं. भविष्य में उन्हें वर्चुअल ट्रेनिंग देकर सेवा में लगाएंगे."- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री

यह भी पढ़ें- सही तरीके से सैंपल कलेक्ट नहीं होने के कारण काफी संख्या में बर्बाद हो रहे कोरोना जांच किट

पटना: बिहार में कोरोना की दूसरी लहर से लोगों को राहत मिली है. दिन प्रतिदिन नए संक्रमितों की संख्या में कमी आ रही है. वहीं, चिंताजनक बात यह है कि गांव में जहां स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है वहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सरकार ने झोलाछाप डॉक्टरों की भूमिका सुनिश्चित की है पर उनकी सेवा नहीं ली जा रही है.

यह भी पढ़ें- बिहार में ब्लैक फंगस महामारी घोषित, कोरोना मरीजों की तरह रखा जाएगा रिकॉर्ड

ग्रामीण स्वास्थ्य कर्ताओं को सरकारी फरमान का इंतजार
बिहार में 20 हजार से अधिक झोलाछाप डॉक्टर हैं. स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें ग्रामीण स्वास्थ्य कर्ता का नाम दिया है. सरकार ने योजना बनाई थी कि संकट की स्थिति में झोलाछाप चिकित्सकों की सेवा ली जाएगी. अब जबकि गांवों में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है तब भी ग्रामीण स्वास्थ्य कर्ताओं की सेवा नहीं ली जा सकी है.

देखें रिपोर्ट

खाली हैं डॉक्टरों के 60 फीसदी पद
बिहार में चिकित्सकों का घोर अभाव है. लगभग 60% चिकित्सकों के पद खाली पड़े हैं. ऐसे में झोलाछाप चिकित्सक ग्रामीण इलाकों में बीमार लोगों के काम आते हैं. 2020 में बिहार सरकार ने 20 हजार से ज्यादा चिकित्सकों को एनआईओएस के साथ मिलकर ट्रेनिंग दिलवाई थी. इसके बाद उन्हें कम्युनिटी हेल्थ सर्टिफिकेट कोर्स पूरा करने का प्रमाण पत्र भी दिलवाया गया था. सरकार ने ग्रामीण चिकित्सकों को ग्रामीण स्वास्थ्य कर्ता का दर्जा देकर अप ग्रेड भी किया था.

गांव में पांव पसार रहा कोरोना
कोरोना की दूसरी लहर ने गांवों में पांव पसारना शुरू कर दिया है. गांव के लोगों के लिए झोलाछाप डॉक्टर सहारा हैं. सरकार ने तय किया था कि उन्हें हर रोज 200 रुपए मानदेय उनके काम के बदले दिए जाएंगे, लेकिन झोलाछाप डॉक्टरों को सरकार के फरमान का इंतजार है.

"गांव में बीमारों की संख्या ज्यादा है. ज्यादातर लोगों में कोरोना वायरस से मिले-जुले लक्षण दिखाई देते हैं. अपने स्तर से तो हमलोग उनका इलाज कर रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई निर्देश नहीं आया है."- अफसार आलम, ग्रामीण स्वास्थ्य कर्ता, सुल्तानगंज, भागलपुर

ग्रामीण स्वास्थ्य कर्ताओं को दी जाएगी वर्चुअल ट्रेनिंग
"ग्रामीण स्वास्थ्य कर्ताओं को हम लोगों ने ट्रेंड किया है. उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है कि संक्रमित मरीजों की पहचान करें और नजदीकी अस्पताल और चिकित्सकों के बारे में लोगों को बताएं. कई जगह हम लोगों ने उनकी सेवाएं ली हैं. भविष्य में उन्हें वर्चुअल ट्रेनिंग देकर सेवा में लगाएंगे."- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री

यह भी पढ़ें- सही तरीके से सैंपल कलेक्ट नहीं होने के कारण काफी संख्या में बर्बाद हो रहे कोरोना जांच किट

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