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कोरोना थर्ड वेवः बिहार सरकार का मेगा प्लान तैयार, बोले स्वास्थ्य मंत्री-ऑक्सीजन की नहीं होगी कमी - Bihar government's mega plan

कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर आगाह किए जाने के बाद बिहार सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए मेगा प्लान तैयार कर लिया है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आश्वस्त किया है कि अगले 3 महीने में बिहार ऑक्सीजन की आपूर्ति के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएगा.

मंगल पांडेय
मंगल पांडेय
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Published : May 9, 2021, 10:44 PM IST

पटनाः कोरोना वायरस संक्रमण के दूसरे लहर के कारण जहां सूबे में जहां त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई है, वहीं तीसरी लहर को लेकर आगाह किए जाने के बाद सरकार ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने राज्यवासियों को ऑक्सीजन को लेकर जल्द ही आत्मनिर्भर बनने का आश्वासन दिया है. वहीं उन्होंने कहा है कि रेमडेसिविर की भी कोई कमी नहीं होगी.

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'ऑक्सीजन की नहीं होगी कमी'
स्वास्थ्य मंंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों को ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा समस्या आ रही है. ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की जानें भी जा रही हैं. लेकिन सरकार इस कमी को जल्द पूरा कर लेगी. और आने वाले दिनों नें बिहार ऑक्सीजन की उपलब्धता के मामले में आत्मनिर्भर रहेगा.

'रेमडेसिविर की नहीं होगी कमी'
मंगल पांडेय ने कोरोना को लेकर डर के साये में जी रहे लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि बिहार में रेमडेसिविर की किल्लत भी नहीं होगी. बिहार को इसके 50,000 डोज मिल चुके हैं. वहीं अगले 10 दिनों में 100000 और डोज मिलेंगे. जिससे रेमडेसिविर की किल्लत नहीं होगी.

इसे भी पढ़ेंः हारेगा कोरोना: CM नीतीश ने ट्वीट कर कहा- 'आइए लेते हैं संकल्प, हम सब मिलकर जीतेंगे ये जंग'

राज्य में लगाए जा रहे 5 पीएसए प्लांट
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ऑयल इंडिया के सहयोग से बिहार में पांच जगहों पर पीएसए प्लांट लगाए जा रहे हैं. एनएमसीएच, मधेपुरा, पावापुरी, गया और पीएमसीएच में 21 करोड़ की लागत से प्लांट लगाए जाएंगे. सबसे बड़ा प्लांट पीएमसीएच का होगा, जहां 5000 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन होगा. इस हिसाब से प्रतिदिन 750 सिलेंडर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा. एनएमसीएच, मधेपुरा, पावापुरी और गया में 25 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन संभव हो सकेगा. अगले 3 महीने में योजना को पूरी कर ली जाएगी.

पटना में लगेंगे क्रायोजेनिक टैंक
राजधानी पटना में क्रायोजेनिक टैंक स्थापित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने लिंडे कंपनी को सौंपी है. एनएमसीएच, पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, एम्स और मेदांता में क्रायोजेनिक टैंक को स्थापित किया जाना है. 3 महीने में इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बिहार को 210 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है. सरकार अपने संसाधनों से इस जरूरत को जल्द पूरा करने में कामयाब हो जाएगी. इसके लिए अनुमंडल स्तर पर प्लांट लगाए जाएंगे. राज्य के सभी 9 मेडिकल कॉलेजों में अगले 3 महीने में 18 करोड़ की लागत से प्रति मिनट ढाई हजार लीटर ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले प्लांट लगाया जा रहा है.

पटनाः कोरोना वायरस संक्रमण के दूसरे लहर के कारण जहां सूबे में जहां त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई है, वहीं तीसरी लहर को लेकर आगाह किए जाने के बाद सरकार ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने राज्यवासियों को ऑक्सीजन को लेकर जल्द ही आत्मनिर्भर बनने का आश्वासन दिया है. वहीं उन्होंने कहा है कि रेमडेसिविर की भी कोई कमी नहीं होगी.

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'ऑक्सीजन की नहीं होगी कमी'
स्वास्थ्य मंंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों को ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा समस्या आ रही है. ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की जानें भी जा रही हैं. लेकिन सरकार इस कमी को जल्द पूरा कर लेगी. और आने वाले दिनों नें बिहार ऑक्सीजन की उपलब्धता के मामले में आत्मनिर्भर रहेगा.

'रेमडेसिविर की नहीं होगी कमी'
मंगल पांडेय ने कोरोना को लेकर डर के साये में जी रहे लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि बिहार में रेमडेसिविर की किल्लत भी नहीं होगी. बिहार को इसके 50,000 डोज मिल चुके हैं. वहीं अगले 10 दिनों में 100000 और डोज मिलेंगे. जिससे रेमडेसिविर की किल्लत नहीं होगी.

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राज्य में लगाए जा रहे 5 पीएसए प्लांट
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ऑयल इंडिया के सहयोग से बिहार में पांच जगहों पर पीएसए प्लांट लगाए जा रहे हैं. एनएमसीएच, मधेपुरा, पावापुरी, गया और पीएमसीएच में 21 करोड़ की लागत से प्लांट लगाए जाएंगे. सबसे बड़ा प्लांट पीएमसीएच का होगा, जहां 5000 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन होगा. इस हिसाब से प्रतिदिन 750 सिलेंडर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा. एनएमसीएच, मधेपुरा, पावापुरी और गया में 25 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन संभव हो सकेगा. अगले 3 महीने में योजना को पूरी कर ली जाएगी.

पटना में लगेंगे क्रायोजेनिक टैंक
राजधानी पटना में क्रायोजेनिक टैंक स्थापित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने लिंडे कंपनी को सौंपी है. एनएमसीएच, पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, एम्स और मेदांता में क्रायोजेनिक टैंक को स्थापित किया जाना है. 3 महीने में इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बिहार को 210 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है. सरकार अपने संसाधनों से इस जरूरत को जल्द पूरा करने में कामयाब हो जाएगी. इसके लिए अनुमंडल स्तर पर प्लांट लगाए जाएंगे. राज्य के सभी 9 मेडिकल कॉलेजों में अगले 3 महीने में 18 करोड़ की लागत से प्रति मिनट ढाई हजार लीटर ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले प्लांट लगाया जा रहा है.

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