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शराबबंदी में मौत पर सवाल! 6 साल में 202 मौतों की पुष्टि, BJP का दावा- '750 के पार है मृतकों की संख्या'

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 21, 2023, 7:30 PM IST

Bihar Hooch Tragedy : बिहार में शराबबंदी के बावजूद त्योहारों पर जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ जाता है. हालांकि प्रशासन इन मौतों की पुष्टि जल्दी नहीं करती है. इसको लेकर बिहार में सियासी खींचतान भी मची हुई है. बीजेपी सरकार पर आंकड़ा छुपाने का आरोप लगा रही है तो वहीं नीतीश सरकार आधिकारिक पुष्टि नहीं होने का हवाला दे रही है. लेकिन ये सच है कि मौतें हो रही हैं. दबी जुबान में परिवार वाले भी स्वीकार रहे हैं कि उनके परिजनों ने शराब पी थी.

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बिहार में जहरीली शराब से मौतों का आंकड़ा
बिहार में जहरीली शराब से मौतों का आंकड़ा छुपा रही सरकार?

पटना : बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है. बावजूद इसके जहरीली शराब से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. त्योहार के दौरान तो आंकड़ों में जबरदस्त इजाफा हो जाता है. एक ओर जहरीली शराब से बेगुनाह मौत के मुंह में समा रहे हैं, तो दूसरी तरफ प्रशासन आंकड़ों को छुपाने में लगी है. जब से शराबबंदी लागू हुई तब से अब तक 202 मौतों का आंकड़ा सरकार बता रही है, जबकि बीजेपी कह रही है कि मौतें इससे कई गुना अधिक हुई है.

बिहार में जहरीली शराब से मौत : छठ त्यौहार पर कई परिवारों के लिए फीका हो गया. बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर दीपावली और छठ त्यौहार के दौरान उत्सव मनाने घर बार पहुंचते हैं. छठ उत्सव के दौरान सीतामढ़ी और गोपालगंज जिले में जहरीली शराब पीने से कई बेगुनाहों की संदिग्ध मौत हो गई. मौत को लेकर प्रशासन आंकड़े को छुपाने में जुटी है. मौत के कारण भी अलग-अलग बताए जा रहे हैं.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX.

बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून : ये हाल तब है जब बिहार सरकार ने साल 2016 में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू किया था. लेकिन पूर्ण शराबबंदी लागू होने के वजह से जहरीली शराब के मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. नतीजतन 6 साल में आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 202 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, वास्तविक आंकड़ा इससे कई गुना अधिक है.

संदिग्ध मौतों पर बीजेपी ने उठाए सवाल : भाजपा का आरोप है कि 750 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब से हो चुकी है. सीतामढ़ी और गोपालगंज जिले में जहरीली शराब पीने से 10 लोगों की मौत हो चुकी है. इन ये मौतें जहरली शराब पीने से हुई है इसको लेकर प्रशासन ने अभी तक पुष्टि भी नहीं किया है. गोपालगंज में मरने वालों की संख्या 6 बताई जा रही है. जबकि सीतामढ़ी में मरने वालों की संख्या चार है.

गांव-शहर जहरीली शराब का कहर : जिला प्रशासन अब तक जहरीली शराब के मामले से इनकार कर रही है. आपको बता दें कि प्रशासन अगर जहरीली शराब से मौत के मामले को स्वीकार कर लेती है, तो मृतक के परिजनों को सरकार की ओर से चार लाख के मुआवजे का ऐलान किया जाएगा. बीते दिनों छपरा में भी जहरीली शराब पीने से 70 लोगों की मौत हो गई थी.

घेरे में स्थानीय पुलिस : जानकारी के मुताबिक बिहार में जो शराब बाजार में उपलब्ध है, उसमें 80% शराब जहरीली है. जहरीली शराब पीने से जहां लोग बीमार हो रहे हैं, आंखों की रोशनी जा रही है तो वहीं मौतें भी हो रही हैं. पुलिस की मिली भगत से शराब माफिया अवैध जहरीली शराब आम लोगों तक पहुंचाते हैं.

मौतों पर बीजेपी ने घेरा : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने जहरीली शराब से मौत के मामले को गंभीरता से लिया है. सम्राट चौधरी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि ''सरकार मौत के आंकड़ों को छुपा रही है. बिहार में मौत के बाद सही तरीके से परीक्षण भी नहीं कराया जा रहा है. सरकार को डर लग रहा है.''

राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि ''जहरीली शराब पीना दुखद है और उससे भी अधिक दुखद शराब पीकर लोगों का मरना है. जहां तक छठ त्यौहार के दौरान जहरीली शराब पीने से मौत का मसला है तो प्रशासन ने अब तक एक भी मौत की पुष्टि नहीं की है. भाजपा के लोग बेवजह है तौबा मचा रहे हैं.''

वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भेलारी का मानना है कि ''बिहार में कहने को तो शराबबंदी है, लेकिन खुलेआम अवैध शराब का कारोबार चल रहा है. त्यौहार के दौरान शराब की मांग बढ़ जाती है. वैसे जल्दबाजी में शराब के कारोबारी गलत तरीके से शराब का निर्माण कर लेते हैं, जिससे शराब जहरीली हो जाती है. उसे लोगों तक पहुंचाया जाता है. जहरीली से मौतों का सिलसिला शुरू हो जाता है. हर बार की तरह इस बार भी सरकार आंकड़ों को छुपाने में जुटी है. हर सरकार ऐसा करती है.''

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बिहार में जहरीली शराब से मौतों का आंकड़ा छुपा रही सरकार?

पटना : बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है. बावजूद इसके जहरीली शराब से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. त्योहार के दौरान तो आंकड़ों में जबरदस्त इजाफा हो जाता है. एक ओर जहरीली शराब से बेगुनाह मौत के मुंह में समा रहे हैं, तो दूसरी तरफ प्रशासन आंकड़ों को छुपाने में लगी है. जब से शराबबंदी लागू हुई तब से अब तक 202 मौतों का आंकड़ा सरकार बता रही है, जबकि बीजेपी कह रही है कि मौतें इससे कई गुना अधिक हुई है.

बिहार में जहरीली शराब से मौत : छठ त्यौहार पर कई परिवारों के लिए फीका हो गया. बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर दीपावली और छठ त्यौहार के दौरान उत्सव मनाने घर बार पहुंचते हैं. छठ उत्सव के दौरान सीतामढ़ी और गोपालगंज जिले में जहरीली शराब पीने से कई बेगुनाहों की संदिग्ध मौत हो गई. मौत को लेकर प्रशासन आंकड़े को छुपाने में जुटी है. मौत के कारण भी अलग-अलग बताए जा रहे हैं.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX.

बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून : ये हाल तब है जब बिहार सरकार ने साल 2016 में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू किया था. लेकिन पूर्ण शराबबंदी लागू होने के वजह से जहरीली शराब के मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. नतीजतन 6 साल में आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 202 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, वास्तविक आंकड़ा इससे कई गुना अधिक है.

संदिग्ध मौतों पर बीजेपी ने उठाए सवाल : भाजपा का आरोप है कि 750 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब से हो चुकी है. सीतामढ़ी और गोपालगंज जिले में जहरीली शराब पीने से 10 लोगों की मौत हो चुकी है. इन ये मौतें जहरली शराब पीने से हुई है इसको लेकर प्रशासन ने अभी तक पुष्टि भी नहीं किया है. गोपालगंज में मरने वालों की संख्या 6 बताई जा रही है. जबकि सीतामढ़ी में मरने वालों की संख्या चार है.

गांव-शहर जहरीली शराब का कहर : जिला प्रशासन अब तक जहरीली शराब के मामले से इनकार कर रही है. आपको बता दें कि प्रशासन अगर जहरीली शराब से मौत के मामले को स्वीकार कर लेती है, तो मृतक के परिजनों को सरकार की ओर से चार लाख के मुआवजे का ऐलान किया जाएगा. बीते दिनों छपरा में भी जहरीली शराब पीने से 70 लोगों की मौत हो गई थी.

घेरे में स्थानीय पुलिस : जानकारी के मुताबिक बिहार में जो शराब बाजार में उपलब्ध है, उसमें 80% शराब जहरीली है. जहरीली शराब पीने से जहां लोग बीमार हो रहे हैं, आंखों की रोशनी जा रही है तो वहीं मौतें भी हो रही हैं. पुलिस की मिली भगत से शराब माफिया अवैध जहरीली शराब आम लोगों तक पहुंचाते हैं.

मौतों पर बीजेपी ने घेरा : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने जहरीली शराब से मौत के मामले को गंभीरता से लिया है. सम्राट चौधरी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि ''सरकार मौत के आंकड़ों को छुपा रही है. बिहार में मौत के बाद सही तरीके से परीक्षण भी नहीं कराया जा रहा है. सरकार को डर लग रहा है.''

राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि ''जहरीली शराब पीना दुखद है और उससे भी अधिक दुखद शराब पीकर लोगों का मरना है. जहां तक छठ त्यौहार के दौरान जहरीली शराब पीने से मौत का मसला है तो प्रशासन ने अब तक एक भी मौत की पुष्टि नहीं की है. भाजपा के लोग बेवजह है तौबा मचा रहे हैं.''

वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भेलारी का मानना है कि ''बिहार में कहने को तो शराबबंदी है, लेकिन खुलेआम अवैध शराब का कारोबार चल रहा है. त्यौहार के दौरान शराब की मांग बढ़ जाती है. वैसे जल्दबाजी में शराब के कारोबारी गलत तरीके से शराब का निर्माण कर लेते हैं, जिससे शराब जहरीली हो जाती है. उसे लोगों तक पहुंचाया जाता है. जहरीली से मौतों का सिलसिला शुरू हो जाता है. हर बार की तरह इस बार भी सरकार आंकड़ों को छुपाने में जुटी है. हर सरकार ऐसा करती है.''

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