पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) ने बाढ़, सुखाड़ और अन्य प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) से गन्ना की फसल को हुए नुकसान का आकलन कराने का फैसला लिया है. इस कार्य को करने के लिए सरकार ने कृषि विभाग को निर्देश दिया गया है. प्राकृतिक आपदा से अन्य फसलों के साथ ही गन्ने की फसल को हुए नुकसान का भी आकलन कृषि विभाग द्वारा किया जायेगा. गन्ना उत्पादक किसानों को कृषि इनपुट और अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा.
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कृषि विभाग के अनुसार बिहार में ढाई लाख से तीन लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की जाती है. कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर किये जा रहे फसल क्षति संबंधी आकलन में गन्ने की फसल का आकलन नहीं हो पा रहा था. लेकिन अब सरकार ने अन्य फसलों के साथ-साथ गन्ने की फसल की क्षति का आकलन भी कराने का निर्णय लिया है. ताकि कृषि इनपुट और अनुदान प्रभावित गन्ना किसानों को ससमय मिल सके.
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राज्य सरकार ने सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाढ़/सुखाड़/असामयिक वर्षापात एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति के आकलन में गन्ना की फसल को पहुंची क्षति का भी आकलन अवश्य किया जाए. गन्ना किसान लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे. बिहार में चंपारण में बड़े पैमाने पर गन्ने का उत्पादन होता है. सरकार के इस फैसले से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी.