ETV Bharat / state

Bihar News: प्राकृतिक आपदा से गन्ने की फसल को हुए नुकसान का आकलन करने का निर्देश

बिहार सरकार ने प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) से गन्ने की फसल को हुए नुकसान का आकलन कराने का फैसला लिया है. इसके लिए कृषि विभाग को निर्देश दिए हैं. सरकार के इस फैसले से गन्ना किसानों का राहत मिलेगी.

government
government
author img

By

Published : Jul 9, 2021, 8:08 AM IST

पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) ने बाढ़, सुखाड़ और अन्य प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) से गन्ना की फसल को हुए नुकसान का आकलन कराने का फैसला लिया है. इस कार्य को करने के लिए सरकार ने कृषि विभाग को निर्देश दिया गया है. प्राकृतिक आपदा से अन्य फसलों के साथ ही गन्ने की फसल को हुए नुकसान का भी आकलन कृषि विभाग द्वारा किया जायेगा. गन्ना उत्पादक किसानों को कृषि इनपुट और अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा.

यह भी पढ़ें: ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए छोड़ दी सरकारी नौकरी, हासिल किया मुकाम

कृषि विभाग के अनुसार बिहार में ढाई लाख से तीन लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की जाती है. कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर किये जा रहे फसल क्षति संबंधी आकलन में गन्ने की फसल का आकलन नहीं हो पा रहा था. लेकिन अब सरकार ने अन्य फसलों के साथ-साथ गन्ने की फसल की क्षति का आकलन भी कराने का निर्णय लिया है. ताकि कृषि इनपुट और अनुदान प्रभावित गन्ना किसानों को ससमय मिल सके.

यह भी पढ़ें: अगेती धान से बदल रही किसानों की किस्मत, अप्रैल में रोपाई और अगस्त में फसल तैयार

राज्य सरकार ने सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाढ़/सुखाड़/असामयिक वर्षापात एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति के आकलन में गन्ना की फसल को पहुंची क्षति का भी आकलन अवश्य किया जाए. गन्ना किसान लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे. बिहार में चंपारण में बड़े पैमाने पर गन्ने का उत्पादन होता है. सरकार के इस फैसले से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी.

पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) ने बाढ़, सुखाड़ और अन्य प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) से गन्ना की फसल को हुए नुकसान का आकलन कराने का फैसला लिया है. इस कार्य को करने के लिए सरकार ने कृषि विभाग को निर्देश दिया गया है. प्राकृतिक आपदा से अन्य फसलों के साथ ही गन्ने की फसल को हुए नुकसान का भी आकलन कृषि विभाग द्वारा किया जायेगा. गन्ना उत्पादक किसानों को कृषि इनपुट और अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा.

यह भी पढ़ें: ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए छोड़ दी सरकारी नौकरी, हासिल किया मुकाम

कृषि विभाग के अनुसार बिहार में ढाई लाख से तीन लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की जाती है. कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर किये जा रहे फसल क्षति संबंधी आकलन में गन्ने की फसल का आकलन नहीं हो पा रहा था. लेकिन अब सरकार ने अन्य फसलों के साथ-साथ गन्ने की फसल की क्षति का आकलन भी कराने का निर्णय लिया है. ताकि कृषि इनपुट और अनुदान प्रभावित गन्ना किसानों को ससमय मिल सके.

यह भी पढ़ें: अगेती धान से बदल रही किसानों की किस्मत, अप्रैल में रोपाई और अगस्त में फसल तैयार

राज्य सरकार ने सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाढ़/सुखाड़/असामयिक वर्षापात एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति के आकलन में गन्ना की फसल को पहुंची क्षति का भी आकलन अवश्य किया जाए. गन्ना किसान लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे. बिहार में चंपारण में बड़े पैमाने पर गन्ने का उत्पादन होता है. सरकार के इस फैसले से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.