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बालू का अवैध खनन: आरा के MVI पर गिरी गाज, दो और अधिकारियों पर भी कार्रवाई - Economic Offenses Unit Bihar

अवैध बालू के खेल (Illegal Sand Mining) में बिहार सरकार (Bihar Government) ने एक और बड़ी कार्रवाई की है. आरा के एमवीआई विनोद कुमार को सस्पेंड कर दिया. वहीं, गया और पटना के एमवीआई को पद से हटाकर पटना परिवहन मुख्यालय में रिपोर्ट करने को कहा है.

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Published : Jul 14, 2021, 11:02 PM IST

पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) ने बालू के अवैध खनन (Illegal Sand Mining) के मामले में एक और बड़ी कार्रवाई की है. आरा के एमवीआई विनोद कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. जबकि गया के एमवीआई और पटना के एमवीआई को भी तत्काल अपने पद से हटा दिया गया है. इसके पहले सरकार ने भोजपुर के एसपी और औरंगाबाद के एसपी समेत कई अन्य अधिकारियों का भी तबादला कर दिया था.

ये भी पढ़ें- बालू के खेल में 'नप' गए औरंगाबाद और भोजपुर के SP, मुख्यालय में किए गए पदस्थापित

परिवहन विभाग के उप सचिव शैलेंद्र नाथ ने ईटीवी भारत से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि देर शाम परिवहन विभाग ने यह कार्रवाई की है और तीनों अधिकारियों को कार्रवाई से अवगत भी करा दिया गया है.

बता दें कि बालू के अवैध उत्खनन को लेकर पिछले दिनों सरकार ने आर्थिक अपराध इकाई बिहार (Economic Offenses Unit Bihar) से पूरे मामले की जांच कराई थी. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार की कार्रवाई का इंतजार हो रहा था. इस मामले में सबसे पहले भोजपुर एसपी और औरंगाबाद के एसपी पर गाज गिरी. उनका तबादला पटना पुलिस मुख्यालय में कर दिया गया. जबकि भोजपुर और औरंगाबाद के जिला परिवहन पदाधिकारी को भी तत्काल पटना पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है.

जानकारी के मुताबिक अवैध उत्खनन के मामले में परिवहन विभाग ने भोजपुर के एमवीआई विनोद कुमार को शो-कॉज नोटिस जारी किया था, उन्हें 2 दिनों के भीतर अपना जवाब देना था, लेकिन उनके जवाब से सरकार संतुष्ट नहीं हुई. जिसके बाद उन पर कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया.

सस्पेंड करते हुए उन्हें निलंबन अवधि में मधेपुरा जिला परिवहन कार्यालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है. इधर पटना के एमवीआई कुमार विवेक और गया के एमवीआई विजय कुमार सिंह को अपने पद से हटाकर पटना परिवहन मुख्यालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है.

ये भी पढ़ें- आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, अवैध खनन में कई अफसर संलिप्त

बता दें कि गृह विभाग ने अवैध बालू उत्खनन की शिकायत मिलने के बाद आर्थिक अपराध इकाई से पूरे मामले की जांच कराई थी. इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर भोजपुर के मोटरयान निरीक्षक विनोद कुमार को अवैध बालू उत्खनन में संलग्न लोगों की मदद पहुंचाने का जिम्मेदार माना गया है.

पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) ने बालू के अवैध खनन (Illegal Sand Mining) के मामले में एक और बड़ी कार्रवाई की है. आरा के एमवीआई विनोद कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. जबकि गया के एमवीआई और पटना के एमवीआई को भी तत्काल अपने पद से हटा दिया गया है. इसके पहले सरकार ने भोजपुर के एसपी और औरंगाबाद के एसपी समेत कई अन्य अधिकारियों का भी तबादला कर दिया था.

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परिवहन विभाग के उप सचिव शैलेंद्र नाथ ने ईटीवी भारत से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि देर शाम परिवहन विभाग ने यह कार्रवाई की है और तीनों अधिकारियों को कार्रवाई से अवगत भी करा दिया गया है.

बता दें कि बालू के अवैध उत्खनन को लेकर पिछले दिनों सरकार ने आर्थिक अपराध इकाई बिहार (Economic Offenses Unit Bihar) से पूरे मामले की जांच कराई थी. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार की कार्रवाई का इंतजार हो रहा था. इस मामले में सबसे पहले भोजपुर एसपी और औरंगाबाद के एसपी पर गाज गिरी. उनका तबादला पटना पुलिस मुख्यालय में कर दिया गया. जबकि भोजपुर और औरंगाबाद के जिला परिवहन पदाधिकारी को भी तत्काल पटना पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है.

जानकारी के मुताबिक अवैध उत्खनन के मामले में परिवहन विभाग ने भोजपुर के एमवीआई विनोद कुमार को शो-कॉज नोटिस जारी किया था, उन्हें 2 दिनों के भीतर अपना जवाब देना था, लेकिन उनके जवाब से सरकार संतुष्ट नहीं हुई. जिसके बाद उन पर कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया.

सस्पेंड करते हुए उन्हें निलंबन अवधि में मधेपुरा जिला परिवहन कार्यालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है. इधर पटना के एमवीआई कुमार विवेक और गया के एमवीआई विजय कुमार सिंह को अपने पद से हटाकर पटना परिवहन मुख्यालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है.

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बता दें कि गृह विभाग ने अवैध बालू उत्खनन की शिकायत मिलने के बाद आर्थिक अपराध इकाई से पूरे मामले की जांच कराई थी. इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर भोजपुर के मोटरयान निरीक्षक विनोद कुमार को अवैध बालू उत्खनन में संलग्न लोगों की मदद पहुंचाने का जिम्मेदार माना गया है.

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