पटना: बिहार में बाढ़ ( Flood In Bihar) का कहर जारी है. इस बीच राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हुई बारिश के कारण गंगा (Ganges River), बूढ़ी गंडक (Budhi Gandak River), कमला बलान (Kamala Balan) और कोसी (Kosi River) समेत कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) के अनुसार पटना जिले के गांधी घाट में गंगा नदी का जलस्तर (Water Level of Ganga) 23 सेंटीमीटर नीचे है, लेकिन हाथीदह में गंगा का जलस्तर 28 सेंटीमीटर ऊपर है. इसके जलस्तर में 4 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है.
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केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 38 सेंटीमीटर नीचे है, लेकिन कहलगांव में 45 सेंटीमीटर ऊपर है और साहिबगंज में 78 सेंटीमीटर ऊपर है. फरक्का में भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है.
वहीं, खगड़िया में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर है. मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 112 सेंटीमीटर ऊपर है. खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 152 सेंटीमीटर ऊपर है.
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कटिहार जिले के कुरसेला में कोसी नदी का जलस्तर 38 सेंटीमीटर ऊपर है. मधुबनी जिले के झंझारपुर में कमला बलान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 246 सेंटीमीटर ऊपर है. शनिवार को दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 49.35, गांधी घाट पर 48.37 और हाथीदह में 42.04 मीटर ऊपर है.
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नदियों में बढ़ते जलस्तर के कारण चंपारण और मिथिलांचल के कई गांवों में बाढ़ का संकट खड़ा हो गया. गोपालगंज, सारण और वैशाली में भी गंडक उफान पर हैं. गोपालगंज में जलस्तर में प्रति घंटे 5 सेंटीमीटर की वृद्धि हो रही है.
जानकारी के अनुसार, जिले में 40 गांव फिर बाढ़ से घिर गए हैं. अब तक तटवर्ती गांवों के दो हजार घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. वहीं, शुक्रवार की सुबह वाल्मीकिनगर बराज से छोड़ा गया 4 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी जिले होकर गुजरने लगा है.
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शनिवार को भी 2.70 लाख क्यूसेक पानी वाल्मीकिनगर बराज, जबकि 2.17 लाख क्यूसेक पानी कोसी बराज से छोड़े जाने से स्थिति भयावह हो गई है. इधर, सारण में डबरा नदी का बांध टूटने से दर्जनभर गांव जलमग्न हो गए हैं. जानकारी के अनुसार, उत्तर बिहार में बाढ़ से सवा लाख आबादी प्रभावित हुई है.
वहीं, बगहा में गंडक का उफान जारी रहने से दो सौ से अधिक घरों में पानी घुस गया है. पूर्वी चंपारण के आधा दर्जन प्रखंडों की 70 हजार की आबादी प्रभावित हो गई है. इधर, मधुबनी में कोसी, कमला, भुतही बलान के साथ गेहूंमा नदी भी उफना गई है, जिससे कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है.