पटना : बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekher) के द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए बयान के बाद बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ जहां राज्य के तमाम दल अपने-अपने मतों को रख रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ देश स्तर पर भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं. इसी बीच शुक्रवार को प्रोफेसर चंद्रशेखर ने यह कहकर माहौल को और गर्म कर दिया कि मैं बयान पर अड़ा हूं, वापस लेने की बात नहीं.
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अपने बयान पर कायम चंद्रशेखर : दरअसल पार्टी के राज्य कार्यालय में पहुंचे चंद्रशेखर से जब मीडिया ने यह सवाल किया कि आप अपने दिए हुए बयान पर अभी भी कायम हैं? इस पर प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा कि रामचरितमानस के छंद आपत्तिजनक हैं, डॉक्टर लोहिया को पढ़ लीजिए. उसी के हम लोग संतान हैं. भगवान बुद्ध को जान लीजिए. अंबेडकर साहब को जान लीजिए. उसमें नई बात क्या है?
आचार्य परमहंस महाराज पर SC में चले मुकदमा : यह पूछे जाने पर कि अयोध्या के संत द्वारा जीभ काटने पर इनाम देने की बात कही गई है? इस पर प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा कि आसाराम बापू जैसा कोई संत अगर हमारे जैसे लोगों पर सच उजागर करने पर कोई बात बोलता है तो इसका मतलब है कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है. उसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में मुकदमा होना चाहिए. दरअसल आचार्य परमहंस महाराज ने चंद्रशेखर की जीभ काटने पर 10 करोड़ रुपये की घोषणा की थी.
अशोक चौधरी को दिया जवाब : जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री अशोक चौधरी के दिए गए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रोफ़ेसर चंद्रशेखर का कहना था कि उनका अपना बयान होगा. उससे हमको क्या मतलब? उनको समझना चाहिए धरती के सबसे बड़े ज्ञानी अंबेडकर साहब ने आखिर क्यों मनुस्मृति जलाई? अशोक चौधरी इसे पढ़ लें, सच्चाई मालूम हो जाएगी. जब उनसे यह पूछा गया कि क्या वह बयान वापस लेंगे, उनका कहना था कि जब मैं बयान पर खड़ा हूं तो वापस क्या बात होगी?