पटना: बिहार शिक्षा विभाग राज्य के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पाठ्य पुस्तक मुद्रित कराकर उपलब्ध (Education department will give books) कराएगा. इसके लिए बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक प्रकाशन निगम द्वारा इस साल दिसंबर के अंत में निविदा प्रकाशित कारकों को करोड़ों के मुद्रण कार्य दिया था. इस कार्य के तहत अब राज्य के कई जिलों में पुस्तकों को भेजना शुरू कर दिया गया है. शिक्षा विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पाठ्य पुस्तक वितरण के कार्य को लेकर पूरे काम को 62 पैकेज में बांटा गया है.
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400 करोड़ रुपए खर्च होंगेः इस काम में करीब 400 करोड़ रुपए एसएसए यानी सर्व शिक्षा अभियान 2023-24 मद में व्यय होने की संभावना है. पूरी प्रक्रिया के क्रियान्वयन के अनुश्रवण के लिए पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से एक पोर्टल भी बनाया गया है. जिसके माध्यम से चालान किया जाएगा तथा पुस्तकों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी और विपत्र तैयार किया जाएगा. दरअसल, शिक्षा विभाग के द्वारा पिछले कुछ वर्षों से पाठ्य पुस्तकों की राशि बच्चों के खाते में ही भेजी जा रही थी लेकिन यह सूचना भी प्राप्त हो रही थी कि कई बच्चे राशि उपलब्ध होने के बाद भी पुस्तक नहीं खरीद पा रहे थे. जिसके बाद विभाग द्वारा यह निर्णय लिया गया कि बच्चों को पाठ्य पुस्तक मुद्रित कराकर उपलब्ध कराई जाए.
कम्युनिकेशन प्लान तैयारः विभाग द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि पुस्तकों की प्राप्ति के लिए बीआरसी स्तर तक पदाधिकारियों को चिह्नित किया गया है. कम्युनिकेशन प्लान तैयार कराया गया है. सभी मुद्रकों के प्रेस का भी निगम द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है, ताकि समय पर पुस्तकों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके. इस प्रक्रिया के तहत बुधवार को राज्य के रोहतास, शिवहर, गोपालगंज, जहानाबाद, सहरसा, मधेपुरा, बांका, लखीसराय एवं सिवान जिला में क्रमशः कक्षा 4, कक्षा 2, कक्षा 4, कक्षा 3 एवं कक्षा 5 की पुस्तकें भेजी जानी शुरू कर दी गई है.
अब्दुस सलाम अंसारी बने अध्यक्षः माध्यमिक शिक्षा के उपनिदेशक अब्दुस सलाम अंसारी को बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है. शिक्षा विभाग द्वारा बुधवार को जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अब्दुल सलाम अंसारी माध्यमिक शिक्षा के उपनिदेशक पद पर रहने के साथ ही बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड पटना के अध्यक्ष का भी पदभार संभालेंगे. आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड पटना के पद पर नियमित पदस्थापन होने अथवा अन्य आदेश पारित होने के बाद यह व्यवस्था स्वतः समाप्त समझी जाएगी.