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नियोजित शिक्षकों को 31 अगस्त तक सर्टिफिकेट अपलोड करने का आखिरी मौका - Vigilance department govt of bihar

बिहार सरकार (Bihar Government) ने जांच के दायरे में आए नियोजित शिक्षकों (Niyojit Teachers) को सर्टिफिकेट अपलोडिंग में बड़ी राहत देते हुए आखिरी मौका दिया है. वैसे शिक्षक जिन्होंने प्रमाण पत्र अपलोड नहीं किया है, वो अपने सर्टिफिकेट अब 31 अगस्त तक अपलोड कर सकते हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

बिहार सरकार
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Published : Aug 19, 2021, 3:38 PM IST

पटना: बिहार शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) ने नियोजित शिक्षकों (Niyojit Teachers) को सर्टिफिकेट ऑनलाइन अपलोड करने को लेकर बड़ी राहत दी है. बिहार सरकार (Bihar Government) ने नियोजित शिक्षकों को आखिरी मौका दिया है. वैसे शिक्षक जिन्होंने प्रमाण पत्र अपलोड नहीं किया है, वो अपने सर्टिफिकेट अब 31 अगस्त तक अपलोड कर सकते हैं. शिक्षा विभाग का वेब पोर्टल को एक बार फिर से खोला जा रहा है.

ये भी पढ़ें- संदिग्ध 91000 नियोजित शिक्षकों पर लटकी तलवार! अब तक हजारों टीचर्स ने अपलोड नहीं किए सर्टिफिकेट

दरअसल, बिहार के संदिग्ध 91 हजार से ज्यादा नियोजित शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. इससे पहले शिक्षा विभाग ने 21 जून से 20 जुलाई तक का वक्त बिहार के ऐसे करीब 91 हजार नियोजित शिक्षकों को दिया था, जिनके फोल्डर निगरानी (Vigilance) को जांच के दौरान नहीं मिले थे. आशंका जताई जा रही थी कि ये तमाम शिक्षक फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे हैं और यही वजह है कि यह अपने डॉक्यूमेंट उपलब्ध नहीं करा पाए.

इधर, बड़ी संख्या में कई नियोजित शिक्षक आखिरी तारीख बढ़ाने की मांग कर रहे थे. उनका कहना था कि कई शिक्षकों के नाम या उनके विभिन्न सर्टिफिकेट पर किसी न किसी तरह की त्रुटि है, जिसे दूर करने में समय लगेगा. जिसके बाद शिक्षा विभाग ने इनकी मांग को मानते हुए अब सर्टिफिकेट अपलोड करने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया है.

ये भी पढ़ें- नियोजित शिक्षक की व्यथा: 'वेतन बिना फइलल भुखमरिया हो, नौकरिया बेकार हो गईल'

बता दें कि 2006 से 2015 के बीच 'सर्टिफिकेट लाओ नौकरी पाओ' की तर्ज पर बिहार में लाखों शिक्षकों की बहाली हुई थी. इनमें से बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं, जिन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर स्कूलों में ज्वाइन कर लिया. पटना हाई कोर्ट के आदेश पर जब फर्जी सर्टिफिकेट मामले की जांच शुरू हुई तो उसके बाद निगरानी विभाग ने स्पष्ट किया कि उसे करीब 1,03,000 शिक्षकों के फोल्डर नहीं मिले.

जांच के दौरान यदि पता चला कि इनमें से करीब 12000 शिक्षक या तो नौकरी छोड़ चुके हैं या कई लोगों की मौत हो चुकी है. आखिरकार, करीब 91 हजार शिक्षकों को चिन्हित किया गया और उनके नाम शिक्षा विभाग ने वेबसाइट पर डाल दिए और उन्हें अपने सर्टिफिकेट अपलोड करने का मौका दिया गया है.

पटना: बिहार शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) ने नियोजित शिक्षकों (Niyojit Teachers) को सर्टिफिकेट ऑनलाइन अपलोड करने को लेकर बड़ी राहत दी है. बिहार सरकार (Bihar Government) ने नियोजित शिक्षकों को आखिरी मौका दिया है. वैसे शिक्षक जिन्होंने प्रमाण पत्र अपलोड नहीं किया है, वो अपने सर्टिफिकेट अब 31 अगस्त तक अपलोड कर सकते हैं. शिक्षा विभाग का वेब पोर्टल को एक बार फिर से खोला जा रहा है.

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दरअसल, बिहार के संदिग्ध 91 हजार से ज्यादा नियोजित शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. इससे पहले शिक्षा विभाग ने 21 जून से 20 जुलाई तक का वक्त बिहार के ऐसे करीब 91 हजार नियोजित शिक्षकों को दिया था, जिनके फोल्डर निगरानी (Vigilance) को जांच के दौरान नहीं मिले थे. आशंका जताई जा रही थी कि ये तमाम शिक्षक फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे हैं और यही वजह है कि यह अपने डॉक्यूमेंट उपलब्ध नहीं करा पाए.

इधर, बड़ी संख्या में कई नियोजित शिक्षक आखिरी तारीख बढ़ाने की मांग कर रहे थे. उनका कहना था कि कई शिक्षकों के नाम या उनके विभिन्न सर्टिफिकेट पर किसी न किसी तरह की त्रुटि है, जिसे दूर करने में समय लगेगा. जिसके बाद शिक्षा विभाग ने इनकी मांग को मानते हुए अब सर्टिफिकेट अपलोड करने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया है.

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बता दें कि 2006 से 2015 के बीच 'सर्टिफिकेट लाओ नौकरी पाओ' की तर्ज पर बिहार में लाखों शिक्षकों की बहाली हुई थी. इनमें से बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं, जिन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर स्कूलों में ज्वाइन कर लिया. पटना हाई कोर्ट के आदेश पर जब फर्जी सर्टिफिकेट मामले की जांच शुरू हुई तो उसके बाद निगरानी विभाग ने स्पष्ट किया कि उसे करीब 1,03,000 शिक्षकों के फोल्डर नहीं मिले.

जांच के दौरान यदि पता चला कि इनमें से करीब 12000 शिक्षक या तो नौकरी छोड़ चुके हैं या कई लोगों की मौत हो चुकी है. आखिरकार, करीब 91 हजार शिक्षकों को चिन्हित किया गया और उनके नाम शिक्षा विभाग ने वेबसाइट पर डाल दिए और उन्हें अपने सर्टिफिकेट अपलोड करने का मौका दिया गया है.

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