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Bihar Politics: 'ये लोग इतिहास बदलना चाहते हैं', NMML का नाम बदलने पर भड़के तेजस्वी यादव - डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदले पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. कहा कि ये कोई नई बात नहीं है. ये लोग पूरा इतिहास बदलना चाहते हैं, लेकिन इससे लोगों को क्या फायदा हो रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 18, 2023, 8:34 PM IST

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव

पटनाः भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर बने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदल दिया गया है. इसे अब प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड सोसाइटी (Prime Minister Museum and Society) के नाम से जाना जाएगा. केंद्र सरकार के इस फैसले से जहां क्रांग्रेस नाराज चल रही है, वहीं बिहार के नेता भी इससे खफा हैं. बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इसको लेकर केंद्र सरकार पर भड़ास निकाली.

यह भी पढ़ेंः केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदला, कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

योजना का नाम बदलने से राज्य को परेशानीः तेजस्वी ने कहा की केंद्र में बैठी सरकार योजना का नाम बदल कर राज्यांश बढ़ाती जा रही है. बिहार जैसे राज्य को परेशानी हो रही है. सिर्फ योजना का नाम बदलकर केंद्र सरकार राज्यांश को बढ़ाकर कई योजना में 90 प्रतिशत तक कर दिया है, जिससे बिहार जैसे गरीब राज्य को काफी दिक्कत हो रही है. मोदी सरकार शहर का नाम बदल रही है. संविधान को भी बदलने की कोशिश की जा रही है, जो की देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.

नाम बदलने से क्या फायदा होगा: तेजस्वी ने कहा की योजना के नाम बदलकर लागू करने से आम जनता को कोई फायदा नहीं मिलता है तो फिर क्यों ऐसा वो कर रहे हैं ये समझ से परे है. जनता भी इस बात को जानती है कि ये सरकार जुमलेवाजी वाली सरकार है. ये सिर्फ जुमला करना जानती है. इससे ज्यादा ये कुछ नहीं कर सकती है. सभी मुद्दे पर मोदी सरकार फेल रही है. ये लोग इतिहास बदलना चाहते हैं. संविधान की जगह RSS का एजेंडा लागू करना चाहते हैं.

"ये लोग पूरा इतिहास को ही बदलना चाहते हैं. इसमें नया क्या है? इनलोगों को काम से मतलब नहीं है. RSS का एजेंडा संविधान के जगह लागू करना चाहते हैं. नाम बदलने से क्या होने वाला है. इन्होंने कई योजनाओं का नाम बदल दिया और राज्यों पर भार डाल दिया. पहले केंद्र 90% और 10% राज्य सरकार राज्यांश थी. नाम बदलने के बाद 50-50% कर दिया गया है. नाम बदले देश को क्या फायदा हुआ, इसमें कितना खर्चा होता है." -तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम, बिहार

महागठबंधन के नेता भी खफाः बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के सरकारी आवास (तीन मुर्ति परिसर) में एक साल पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री संग्राहलय का उद्घाटन किया था. एक साल के बाद नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) अब प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड सोसाइटी के नाम से जाना जाएगा. इसी कारण कांग्रेस के नेता लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं. नाम बदलने से महागठबंधन के नेता भी खफा हैं.

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव

पटनाः भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर बने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदल दिया गया है. इसे अब प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड सोसाइटी (Prime Minister Museum and Society) के नाम से जाना जाएगा. केंद्र सरकार के इस फैसले से जहां क्रांग्रेस नाराज चल रही है, वहीं बिहार के नेता भी इससे खफा हैं. बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इसको लेकर केंद्र सरकार पर भड़ास निकाली.

यह भी पढ़ेंः केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदला, कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

योजना का नाम बदलने से राज्य को परेशानीः तेजस्वी ने कहा की केंद्र में बैठी सरकार योजना का नाम बदल कर राज्यांश बढ़ाती जा रही है. बिहार जैसे राज्य को परेशानी हो रही है. सिर्फ योजना का नाम बदलकर केंद्र सरकार राज्यांश को बढ़ाकर कई योजना में 90 प्रतिशत तक कर दिया है, जिससे बिहार जैसे गरीब राज्य को काफी दिक्कत हो रही है. मोदी सरकार शहर का नाम बदल रही है. संविधान को भी बदलने की कोशिश की जा रही है, जो की देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.

नाम बदलने से क्या फायदा होगा: तेजस्वी ने कहा की योजना के नाम बदलकर लागू करने से आम जनता को कोई फायदा नहीं मिलता है तो फिर क्यों ऐसा वो कर रहे हैं ये समझ से परे है. जनता भी इस बात को जानती है कि ये सरकार जुमलेवाजी वाली सरकार है. ये सिर्फ जुमला करना जानती है. इससे ज्यादा ये कुछ नहीं कर सकती है. सभी मुद्दे पर मोदी सरकार फेल रही है. ये लोग इतिहास बदलना चाहते हैं. संविधान की जगह RSS का एजेंडा लागू करना चाहते हैं.

"ये लोग पूरा इतिहास को ही बदलना चाहते हैं. इसमें नया क्या है? इनलोगों को काम से मतलब नहीं है. RSS का एजेंडा संविधान के जगह लागू करना चाहते हैं. नाम बदलने से क्या होने वाला है. इन्होंने कई योजनाओं का नाम बदल दिया और राज्यों पर भार डाल दिया. पहले केंद्र 90% और 10% राज्य सरकार राज्यांश थी. नाम बदलने के बाद 50-50% कर दिया गया है. नाम बदले देश को क्या फायदा हुआ, इसमें कितना खर्चा होता है." -तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम, बिहार

महागठबंधन के नेता भी खफाः बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के सरकारी आवास (तीन मुर्ति परिसर) में एक साल पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री संग्राहलय का उद्घाटन किया था. एक साल के बाद नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) अब प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड सोसाइटी के नाम से जाना जाएगा. इसी कारण कांग्रेस के नेता लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं. नाम बदलने से महागठबंधन के नेता भी खफा हैं.

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