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बिहार साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर का होगा निर्माण, DIG सहित 21 पुलिस अधिकारी होंगे शामिल - बिहार साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर

इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर की तर्ज पर बिहार साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा. आर्थिक अपराध इकाई के अंतर्गत काम करने वाली राज्य क्राइम विंग को इसे विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई है.

बिहार साइबर क्राइम
बिहार साइबर क्राइम
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Published : Dec 19, 2020, 11:09 PM IST

पटना: बिहार में लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध को रोकने के लिए बिहार साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा. यह इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर की तर्ज पर बनेगा. आर्थिक अपराध इकाई के अंतर्गत काम करने वाली राज्य क्राइम विंग को इसे विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके लिए अत्याधुनिक साइबर सेल के गठन की कवायद भी तेज हो गई है.

डीआईजी सहित 21 पुलिस अधिकारियों की होगी नियुक्ति
बिहार साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर में डीआईजी सहित 21 पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी. इसके लिए साइबर डीआईजी, 3 एसपी, 3 डीएसपी और 12 इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी सहित अन्य पुलिस बल की तैनाती की जाएगी.

बिहार साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर का खाका
बिहार साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर का खाका

साइब फ्रॉड पर तेज होगी कार्रवाई
साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर का काम साइबर अपराध के मामले को सुलझाने में आ रही चुनौतियों को कम करना होगा. यह अपराधियों की पहचान करने में मदद करने के साथ-साथ फ्रॉड की नई तकनीक पर भी नजर रखेगा. इन चीजों से साइबर सेल और पुलिस को अपडेट करता रहेगा. ताकि साइबर फ्रॉड के मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई हो सके.

साइबर एक्सपर्ट की राय
साइबर एक्सपर्ट की राय

पुलिस और साइबर सेल की मदद
साइबर एक्सपर्ट अभिनव सौरभ ने बताया कि साइबर अपराधी कहीं भी बैठकर लोगों के बैंक खाते में सेंधमारी कर सकता है. इंटरनेट से चलने वाली किसी भी डिवाइस को आसानी से हैक किया जा सकता है. ऐसे में साइबर अपराधी को पकड़ने के लिए पुलिस वालों को भी इन चीजों की जानकारी होनी चाहिए और नई तकनीकों की भी समझ जरूरी है. ऐसे मामलों में बिहार साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर पुलिस और साइबर सेल की मदद करेगा.

देखें वीडियो

साइब फ्रॉड के मामले में तेजी से हो रही वृद्धि
एक्सपर्ट की मानें तो इस साल साइबर फ्रॉड के मामले में काफी वृद्धि हुई है. इसका कारण लॉकडाउन में बढ़े डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन शॉपिंग है. नेट बैंकिंग और ई-वॉलेट के बढ़ते चलन ने साइबर अपराधियों के लिए संभावना बढ़ा दी है. लोगों को इससे जुड़ी सावधानियों की जानकारी नहीं है और फ्रॉड इसी का फायदा उठाते हैं.

ठगी होने पर ये कदम उठाएं
ठगी होने पर ये कदम उठाएं

नीतीश कुमार लगातार कर रहे समीक्षा बैठक
बता दें कि नई सरकार गठन के बाद सीएम नीतीश कुमार प्रदेश में बढ़ रहे आपराधिक वारदात और साइबर फ्रांड को लेकर गंभीर दिख रहे हैं. पिछले एक महीने में अपराध को लेकर 3 समीक्षा बैठक कर चुके हैं. इसी बैठक में आर्थिक अपराध इकाई ने मुख्यमंत्री के पास अत्याधुनिक साइबर सेल गठन करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे सरकार गंभीरता से ली है.

पटना: बिहार में लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध को रोकने के लिए बिहार साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा. यह इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर की तर्ज पर बनेगा. आर्थिक अपराध इकाई के अंतर्गत काम करने वाली राज्य क्राइम विंग को इसे विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके लिए अत्याधुनिक साइबर सेल के गठन की कवायद भी तेज हो गई है.

डीआईजी सहित 21 पुलिस अधिकारियों की होगी नियुक्ति
बिहार साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर में डीआईजी सहित 21 पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी. इसके लिए साइबर डीआईजी, 3 एसपी, 3 डीएसपी और 12 इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी सहित अन्य पुलिस बल की तैनाती की जाएगी.

बिहार साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर का खाका
बिहार साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर का खाका

साइब फ्रॉड पर तेज होगी कार्रवाई
साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर का काम साइबर अपराध के मामले को सुलझाने में आ रही चुनौतियों को कम करना होगा. यह अपराधियों की पहचान करने में मदद करने के साथ-साथ फ्रॉड की नई तकनीक पर भी नजर रखेगा. इन चीजों से साइबर सेल और पुलिस को अपडेट करता रहेगा. ताकि साइबर फ्रॉड के मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई हो सके.

साइबर एक्सपर्ट की राय
साइबर एक्सपर्ट की राय

पुलिस और साइबर सेल की मदद
साइबर एक्सपर्ट अभिनव सौरभ ने बताया कि साइबर अपराधी कहीं भी बैठकर लोगों के बैंक खाते में सेंधमारी कर सकता है. इंटरनेट से चलने वाली किसी भी डिवाइस को आसानी से हैक किया जा सकता है. ऐसे में साइबर अपराधी को पकड़ने के लिए पुलिस वालों को भी इन चीजों की जानकारी होनी चाहिए और नई तकनीकों की भी समझ जरूरी है. ऐसे मामलों में बिहार साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर पुलिस और साइबर सेल की मदद करेगा.

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साइब फ्रॉड के मामले में तेजी से हो रही वृद्धि
एक्सपर्ट की मानें तो इस साल साइबर फ्रॉड के मामले में काफी वृद्धि हुई है. इसका कारण लॉकडाउन में बढ़े डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन शॉपिंग है. नेट बैंकिंग और ई-वॉलेट के बढ़ते चलन ने साइबर अपराधियों के लिए संभावना बढ़ा दी है. लोगों को इससे जुड़ी सावधानियों की जानकारी नहीं है और फ्रॉड इसी का फायदा उठाते हैं.

ठगी होने पर ये कदम उठाएं
ठगी होने पर ये कदम उठाएं

नीतीश कुमार लगातार कर रहे समीक्षा बैठक
बता दें कि नई सरकार गठन के बाद सीएम नीतीश कुमार प्रदेश में बढ़ रहे आपराधिक वारदात और साइबर फ्रांड को लेकर गंभीर दिख रहे हैं. पिछले एक महीने में अपराध को लेकर 3 समीक्षा बैठक कर चुके हैं. इसी बैठक में आर्थिक अपराध इकाई ने मुख्यमंत्री के पास अत्याधुनिक साइबर सेल गठन करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे सरकार गंभीरता से ली है.

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