पटना: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (Bihar Cricket Association) के कई सदस्य और पदाधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी (BCA President Rakesh Tiwari) पर अनैतिक भ्रष्टाचार में लिप्त होने और गैर कानूनी कार्य करने का आरोप लगाया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीसीए के गवर्निंग काउंसिल के को-ऑर्डिनेटर ओम प्रकाश तिवारी, पूर्व सचिव अजय नारायण शर्मा, सदस्य धर्मवीर पटवर्धन, सुधीर चंद्र मिश्रा जैसे लोग शामिल हुए थे. सदस्यों ने अध्यक्ष राकेश तिवारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके भ्रष्टाचार की वजह से बिहार के प्रतिभावान खिलाड़ियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ रहा है.
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सदस्यों ने लगाए गंभीर आरोप: एसोसिएशन के सदस्यों ने आरोप लगाया कि जिन खिलाड़ियों का पिछले मैचेज में परफॉर्मेंस खराब रहा. उन खिलाड़ियों को बिना ट्रायल लिए टीम में शामिल कर लिया गया. वह मैच खेलने बाहर जा रहे हैं, जबकि परफॉर्म कर रहे खिलाड़ी को बेंच पर बैठाकर रखा जा रहा है. बीसीए के गवर्निंग काउंसिल के संयोजक ओमप्रकाश तिवारी ने कहा कि बीसीए अध्यक्ष अवैध कार्य में सहयोग नहीं करने पर काफी मानसिक प्रताड़ना किया जा रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राकेश तिवारी पर दिल्ली में यौन उत्पीड़न का मामला चल रहा है. मामले में झूठा गवाही देने के लिए दबाव डाला जा रहा है.
पैसों की उगाही करने का आरोप लगा: बीसीए के सदस्यों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की छवि को धूमिल किया जा रहा है. खिलाड़ियों के भविष्य के लिए कुछ नहीं किया जा रहा, बल्कि अध्यक्ष और सचिव सिर्फ पैसे की उगाही में लगे हुए हैं. जिस कारण स्थिति यह हो गई है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के मान्यता पर संकट मंडरा गया है. बिहार के पूर्व रणजी खिलाड़ी और बीसीए के पूर्व सचिव अजय नारायण शर्मा ने कहा कि राकेश तिवारी ने अध्यक्ष पद पर जबरन कब्जा किया हुआ है. बीसीए के संविधान में कई संशोधन कर वह अनैतिक रूप से अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाए हुए हैं.
अध्यक्ष पद पर अवैध रूप से कब्जा: पूर्व रणजी खिलाड़ी ने कहा कि राकेश तिवारी ने बीसीए अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए इतने कानून में परिवर्तन किए हैं कि सोसायटी एक्ट के तहत बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का मान्यता रद्द होने का संकट गहरा गया है. इसकी सुनवाई 4 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली है. उन्होंने कहा कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में प्रतिभावान खिलाड़ियों के भविष्य को अंधकार में डाला जा रहा है. स्थिति ऐसी है कि पिछले टूर्नामेंट में 666 रन बनाने वाला खिलाड़ी घर में बैठा है और उस टूर्नामेंट में 20 से 25 रन बनाने वाला खिलाड़ी जो अगले टूर्नामेंट के लिए ट्रायल में भी शामिल नहीं हुआ वह उस टूर्नामेंट की प्लेइंग इलेवन में खेल रहा है. इससे प्रतिभावान खिलाड़ी मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं.
बीसीसीआई में भी अभी परिवर्तन का दौर चल रहा है. ऐसे में आने वाले दिनों में वह बीसीसीआई के सचिव और नए अध्यक्ष रोजर बिन्नी से मिलकर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को राकेश तिवारी के चुंगल से बचाने की आग्रह करेंगे. राकेश तिवारी ने कई जिला इकाइयों को चुनाव में भाग लेने से रोक दिया और खुद को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया. इसके साथ ही बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में राकेश तिवारी अपने घर परिवार के सदस्यों को सदस्य बनाकर पूरा बीसीए पर एकक्षत्र राज करना चाहते हैं.
"राकेश तिवारी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बिना वजह परेशान किया जा रहा है. मीडिया में हमलोगों के खिलाफ एकतरफा खबर चलायी जाती है. पदाधिकारियों को डराने-धमकाने और उनके कार्यों को करने से रोका जाता है" -ओमप्रकाश तिवारी, संयोजक, बीसीए गवर्निंग काउंसिल