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कांग्रेस नेता भरत सिंह का दावा- बिहार कांग्रेस में होगी बड़ी टूट, 11 विधायक छोड़ सकते हैं पार्टी

कांग्रेस पार्टी के हाईकमान द्वारा बिहार में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए पार्टी की गुटबंदी समाप्त हो, इसके लिए हर पहल की जा रही है, लेकिन कांग्रेस पांच कदम आगे बढ़ती है तो छह कदम पीछे खिसकती नजर आती है. देखें कांग्रेस में टूट के दावे पर एक रिपोर्ट...

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Published : Jan 6, 2021, 1:31 PM IST

पटना: कांग्रेस पार्टी ने वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल के अनुरोध को स्वीकार करते हुए उन्हें बिहार के प्रभारी से मुक्त करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री भक्त चरण दास को बिहार का प्रभारी बनाया है, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस के नेता पार्टी के विधायकों के टूटने का दावा कर रहे हैं.


'11 विधायक जल्द छोड़ देंगे पार्टी'
कांग्रेस के पूर्व विधायक भरत सिंह ने कांग्रेस के विधायकों के टूटने का दावा कर बिहार के कांग्रेस की हकीकत बयां कर दी. कांग्रेस नेता भरत सिंह ने दावा किया है कि पार्टी में जल्द ही बड़ी टूट होने वाली है. पार्टी के आधे से ज्यादा विधायक कांग्रेस का साथ छोड़ सकते हैं. उन्होंने दावा किया है कि पार्टी के 11 विधायक जल्द ही पार्टी छोड़ देंगे.

'विधायकों ने पैसे देकर खरीदे टिकट'
कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक भरत सिंह का कहना है कि इस बार कांग्रेस के टिकट से 19 विधायक जीते हैं लेकिन इनमें 11 विधायक ऐसे हैं जो भले ही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते हों, लेकिन वो कांग्रेस के नहीं है. उन्होंने दावा किया कि इन लोगों ने पैसे देकर टिकट खरीदे और विधायक बन गए.


70 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ी थी कांग्रेस
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महागठबंधन में शामिल होकर राज्य के 243 विधानसभा सीटों में से 70 सीटों पर चुनाव लड़ी और उसके मात्र 19 प्रत्याशी ही विजयी हो सके. चुनाव के बाद महागठबंधन में शामिल दल ने भी कांग्रेस के कारण महागठबंधन की सरकार नहीं बनने की बात कही थी.

''महागठबंधन में सीटों का बंटवारा यथार्थवादी होना चाहिए था. कांग्रेस की सफलता दर काफी कम रही. उन्होंने तो यहां तक कहा कि कांग्रेस के कारण ही बिहार में महागठबंधन की सरकार नहीं बन सकी. चुनाव के दौरान ही कांग्रेस में गुटबंदी दिखाई देने लगी थी. चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस में गुटबंदी धरातल पर पहुंच गई जब कांग्रेस के कार्यकर्ता कार्यालय तक पहुंच कर प्रदर्शन करने लगे. कई नेताओं ने तो खुले तौर पर राज्य के वरिष्ठ नेताओं पर पैसे लेकर टिकट देने का भी आरोप लगाया है.'' - दीपांकर भट्टाचार्य, नेता भाकपा माले


'राजग में हो रही टूट'
कांग्रेस के नेता भरत सिंह कहते हैं राजग अपने संख्या बल को बढाना चाहता है, ऐसे में वह कांग्रेस के विधायकों के संपर्क में हैं. हालांकि कांग्रेस के कई नेता इसे नकार रहे हैं. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह कहते हैं कि पार्टी पूरी तरह एकजुट है. उन्होंने कहा ऐसे लोगों के बयान का कोई मतलब ही नहीं है. उन्होंने दूसरी ओर दावा करते हुए कहा कि अगर बिहार में कोई टूट हो रहा है तो यह है राजग.

इधर, युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ललन कुमार भी कहते हैं कि पार्टी के सभी 19 विधायक पार्टी के साथ हैं. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि पार्टी एकजुट है और किसान आंदोलन को लेकर लगातार किसानों के समर्थन में खड़ी है.

जदयू प्रदेश अध्यक्ष से कांग्रेस विधायक की मुलाकात
बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस के चेनारी क्षेत्र के विधायक मुरारी गौतम जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से मिले थे. इसकी सूचना मीडिया में आने के बाद दोनों नेताओं ने क्षेत्र की समस्या को लेकर मुलाकात करने का दावा किया था.

इधर, कांग्रेस के दूसरे नेता खुलकर तो कुछ नहीं कहते लेकिन उनका मानना है कि ''बिहार में प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को हटाए बिना पार्टी को यहां मजबूत नहीं किया जा सकता है. चुनाव भी हो गए लेकिन अब तक प्रदेश कमेटी का गठन तक नहीं हो पाया है.''

पटना: कांग्रेस पार्टी ने वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल के अनुरोध को स्वीकार करते हुए उन्हें बिहार के प्रभारी से मुक्त करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री भक्त चरण दास को बिहार का प्रभारी बनाया है, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस के नेता पार्टी के विधायकों के टूटने का दावा कर रहे हैं.


'11 विधायक जल्द छोड़ देंगे पार्टी'
कांग्रेस के पूर्व विधायक भरत सिंह ने कांग्रेस के विधायकों के टूटने का दावा कर बिहार के कांग्रेस की हकीकत बयां कर दी. कांग्रेस नेता भरत सिंह ने दावा किया है कि पार्टी में जल्द ही बड़ी टूट होने वाली है. पार्टी के आधे से ज्यादा विधायक कांग्रेस का साथ छोड़ सकते हैं. उन्होंने दावा किया है कि पार्टी के 11 विधायक जल्द ही पार्टी छोड़ देंगे.

'विधायकों ने पैसे देकर खरीदे टिकट'
कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक भरत सिंह का कहना है कि इस बार कांग्रेस के टिकट से 19 विधायक जीते हैं लेकिन इनमें 11 विधायक ऐसे हैं जो भले ही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते हों, लेकिन वो कांग्रेस के नहीं है. उन्होंने दावा किया कि इन लोगों ने पैसे देकर टिकट खरीदे और विधायक बन गए.


70 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ी थी कांग्रेस
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महागठबंधन में शामिल होकर राज्य के 243 विधानसभा सीटों में से 70 सीटों पर चुनाव लड़ी और उसके मात्र 19 प्रत्याशी ही विजयी हो सके. चुनाव के बाद महागठबंधन में शामिल दल ने भी कांग्रेस के कारण महागठबंधन की सरकार नहीं बनने की बात कही थी.

''महागठबंधन में सीटों का बंटवारा यथार्थवादी होना चाहिए था. कांग्रेस की सफलता दर काफी कम रही. उन्होंने तो यहां तक कहा कि कांग्रेस के कारण ही बिहार में महागठबंधन की सरकार नहीं बन सकी. चुनाव के दौरान ही कांग्रेस में गुटबंदी दिखाई देने लगी थी. चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस में गुटबंदी धरातल पर पहुंच गई जब कांग्रेस के कार्यकर्ता कार्यालय तक पहुंच कर प्रदर्शन करने लगे. कई नेताओं ने तो खुले तौर पर राज्य के वरिष्ठ नेताओं पर पैसे लेकर टिकट देने का भी आरोप लगाया है.'' - दीपांकर भट्टाचार्य, नेता भाकपा माले


'राजग में हो रही टूट'
कांग्रेस के नेता भरत सिंह कहते हैं राजग अपने संख्या बल को बढाना चाहता है, ऐसे में वह कांग्रेस के विधायकों के संपर्क में हैं. हालांकि कांग्रेस के कई नेता इसे नकार रहे हैं. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह कहते हैं कि पार्टी पूरी तरह एकजुट है. उन्होंने कहा ऐसे लोगों के बयान का कोई मतलब ही नहीं है. उन्होंने दूसरी ओर दावा करते हुए कहा कि अगर बिहार में कोई टूट हो रहा है तो यह है राजग.

इधर, युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ललन कुमार भी कहते हैं कि पार्टी के सभी 19 विधायक पार्टी के साथ हैं. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि पार्टी एकजुट है और किसान आंदोलन को लेकर लगातार किसानों के समर्थन में खड़ी है.

जदयू प्रदेश अध्यक्ष से कांग्रेस विधायक की मुलाकात
बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस के चेनारी क्षेत्र के विधायक मुरारी गौतम जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से मिले थे. इसकी सूचना मीडिया में आने के बाद दोनों नेताओं ने क्षेत्र की समस्या को लेकर मुलाकात करने का दावा किया था.

इधर, कांग्रेस के दूसरे नेता खुलकर तो कुछ नहीं कहते लेकिन उनका मानना है कि ''बिहार में प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को हटाए बिना पार्टी को यहां मजबूत नहीं किया जा सकता है. चुनाव भी हो गए लेकिन अब तक प्रदेश कमेटी का गठन तक नहीं हो पाया है.''

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