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NITI Aayog Meeting: आज दिल्ली में नीति आयोग की बैठक, लगातार दूसरे साल मीटिंग में शामिल नहीं होंगे CM नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार दूसरे साल नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे. पिछले साल भी सीएम मीटिंग में शामिल नहीं हुए थे, हालांकि उस समय बिहार में एनडीए की सरकार थी. तब राज्य सरकार की ओर से बीजेपी कोटे के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद को जाने के लिए कहा गया था लेकिन केंद्र सरकार ने अनुमति नहीं दी थी. इस साल भी वित्त मंत्री विजय चौधरी को बिहार का पक्ष रखने के लिए कहा गया था लेकिन जो जानकारी मिल रही है, उसके मुताबिक उनको भी बैठक में शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
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Published : May 27, 2023, 7:04 AM IST

पटना: आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक हो रही है. नीति आयोग की संचालन परिषद की आठवीं बैठक में तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री ही बैठक में शामिल होते हैं और अपने राज्य की विकास योजनाओं को लेकर पक्ष रखते हैं लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार लगातार दूसरी बार बैठक से दूरी बना रहे हैं. ऐसे में बिहार का पक्ष प्रधानमंत्री के सामने नहीं रखा जाएगा. इस बार नीति आयोग की बैठक में 8 मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसमें विकसित भारत@2047, एमएसएमई, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास, बुनियादी ढांचा और निवेश क्षेत्र के विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचा के लिए गति शक्ति विषय हैं.

ये भी पढ़ें: Patna News: नीति आयोग की बैठक में नहीं जाएंगे CM नीतीश, वित्त मंत्री हो सकते हैं शामिल

'बिहार को हो सकता है नुकसान': एएन सिन्हा शोध संस्थान के पूर्व प्रोफेसर अजय झा के अनुसार इस तरह की बैठकों में मुख्यमंत्री को शामिल होना चाहिए, क्योंकि यही एक मंच है जिससे कई तरह की मांग राज्य सरकार प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से कर सकती है. बैठक में नहीं जाने से प्रदेश को नुकसान ही होगा. विशेष कर उस परिस्थिति में जब बिहार सरकार 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा किया है और नई नियुक्तियां करने जा रही है. इसके लिए बड़ी राशि की जरूरत होगी. कृषि रोड मैप सहित कई योजनाओं पर सरकार को केंद्र से मदद की दरकार है. ऐसे में इस तरह की बैठकों से दूर रहना बिहार के हित में नहीं है.

पिछली बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे सीएम: पिछले एक साल से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बैठकों से दूरी बनाते रहे हैं. जब से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है, प्रधानमंत्री की किसी बैठक में शामिल नहीं हुए हैं. अब तो नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता की मुहिम चला रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार की कार्यक्रमों के साथ बैठकों से और दूरी बनाने लगे हैं. नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का भी नीतीश कुमार ने बहिष्कार किया है और उससे पहले नीति आयोग की बैठक में भी इस बार नीतीश कुमार नहीं जाएंगे. हालांकि बैठक में शामिल नहीं होने के पीछे आधिकारिक रूप से कुछ भी जानकारी नहीं दी गई है लेकिन सीएम सचिवालय ने साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार बैठक में नहीं जा रहे हैं.

कई राज्यों के सीएम ने बनाई दूरी: पिछले साल नीतीश कुमार के साथ तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने भी नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया था. इस साल कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री ने भी बैठक का बहिष्कार किया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया है.

पटना: आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक हो रही है. नीति आयोग की संचालन परिषद की आठवीं बैठक में तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री ही बैठक में शामिल होते हैं और अपने राज्य की विकास योजनाओं को लेकर पक्ष रखते हैं लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार लगातार दूसरी बार बैठक से दूरी बना रहे हैं. ऐसे में बिहार का पक्ष प्रधानमंत्री के सामने नहीं रखा जाएगा. इस बार नीति आयोग की बैठक में 8 मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसमें विकसित भारत@2047, एमएसएमई, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास, बुनियादी ढांचा और निवेश क्षेत्र के विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचा के लिए गति शक्ति विषय हैं.

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'बिहार को हो सकता है नुकसान': एएन सिन्हा शोध संस्थान के पूर्व प्रोफेसर अजय झा के अनुसार इस तरह की बैठकों में मुख्यमंत्री को शामिल होना चाहिए, क्योंकि यही एक मंच है जिससे कई तरह की मांग राज्य सरकार प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से कर सकती है. बैठक में नहीं जाने से प्रदेश को नुकसान ही होगा. विशेष कर उस परिस्थिति में जब बिहार सरकार 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा किया है और नई नियुक्तियां करने जा रही है. इसके लिए बड़ी राशि की जरूरत होगी. कृषि रोड मैप सहित कई योजनाओं पर सरकार को केंद्र से मदद की दरकार है. ऐसे में इस तरह की बैठकों से दूर रहना बिहार के हित में नहीं है.

पिछली बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे सीएम: पिछले एक साल से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बैठकों से दूरी बनाते रहे हैं. जब से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है, प्रधानमंत्री की किसी बैठक में शामिल नहीं हुए हैं. अब तो नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता की मुहिम चला रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार की कार्यक्रमों के साथ बैठकों से और दूरी बनाने लगे हैं. नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का भी नीतीश कुमार ने बहिष्कार किया है और उससे पहले नीति आयोग की बैठक में भी इस बार नीतीश कुमार नहीं जाएंगे. हालांकि बैठक में शामिल नहीं होने के पीछे आधिकारिक रूप से कुछ भी जानकारी नहीं दी गई है लेकिन सीएम सचिवालय ने साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार बैठक में नहीं जा रहे हैं.

कई राज्यों के सीएम ने बनाई दूरी: पिछले साल नीतीश कुमार के साथ तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने भी नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया था. इस साल कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री ने भी बैठक का बहिष्कार किया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया है.

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