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Bihar Assembly Winter Session End: आरक्षण बिल संशोधन सरकार की रही उपलब्धि, नीतीश के बयान से हुई किरकिरी

बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र इस बार इतिहास रच गया. नीतीश सरकार की ओर से जातीय गणना और आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश की गयी. उसी के आधार पर 50% आरक्षण से बढ़कर 65% आरक्षण करने का प्रस्ताव पास कराया गया. नीतीश कुमार के जनसंख्या और प्रजनन को लेकर दिए बयान ने खूब हंगामा मचाया. नीतीश कुमार को अपने बयान के लिए माफी तक मांगनी पड़ी, निंदा तक करना पड़ा.

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र समाप्त
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र समाप्त
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 10, 2023, 10:23 PM IST

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र समाप्त.

पटना: बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुक्रवार 10 नवंबर को समाप्त हो गया. 5 दिनों के शीतकालीन सत्र में एक भी दिन प्रश्नकाल ठीक से नहीं चल पाया. हंगामा के कारण जनता के सवाल का उत्तर नहीं हो सका. सत्र के दौरान 891 प्रश्न विधानसभा को प्राप्त हुए उसमें से 739 प्रश्न स्वीकृत हुए. इसमें कुल 33 अल्प सूचित प्रश्न थे जिसमें 31 के उत्तर प्राप्त हुए वही 617 तारांकित प्रश्न स्वीकृत हुए. 557 के उत्तर प्राप्त हुए साथ ही 89 प्रश्न अतारांकित हुये.

128 ध्यानाकर्षण सूचनाएं प्राप्त हुई: शीतकालीन सत्र में 128 ध्यानाकर्षण सूचनाएं प्राप्त हुई, आठ वक्तव्य हेतु स्वीकृत हुए. 116 सूचनाओं लिखित उत्तर हेतु संबंधित विभागों को भेजे गए. सत्र में कुल 170 निवेदन प्राप्त हुए उसमें से 168 स्वीकृत हुए कल 130 याचिकाएं प्राप्त हुई 118 को स्वीकृत किया गया. 100 गैर सरकारी संकल्प की सूचना भी सदन में चर्चा हुई. शीतकालीन सत्र में 6 विधेयक को पास कराया गया जो सबसे चर्चा में रहा वह आरक्षण संशोधन विधेयक नौकरी और शिक्षण संस्थानों में नामांकन के लिए अब 50% की जगह 65% आरक्षण देने का था.

बिहार सचिवालय सेवा संशोधन विधेयक: पिछड़ा अति पिछड़ा और एससी एसटी को लाभ मिलेगा. इसके अलावा बिहार सचिवालय सेवा संशोधन विधेयक 2023 पास हुआ. बिहार मॉल और सेवा कर संशोधन विधेयक 2023 पास हुआ. बिहार पंचायत राज संशोधन विधेयक 2023 पास कराया गया. बिहार विनियोग विधेयक 2023 भी पास कराया गया, जिसके तहत 26000 करोड़ से अधिक की राशि सरकार ने सदन से स्वीकृत कराया.

नीतीश से इस्तीफे की मांगः विपक्षी सदस्यों ने कहा सदन की कार्यवाही नीतीश कुमार के अमर्यादित बयान के कारण बाधित हुई महिलाओं के मान सम्मान और दलितों के मान सम्मान से बीजेपी कभी समझौता नहीं कर सकती है. पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक रामसूरत राय ने कहा जब महिलाओं का सम्मान तार तार हो रहा हो दलित को अपमानित किया जा रहा हो तो सदन कैसे चल सकता है. नीतीश कुमार सठिया गए हैं उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.

जनता के पैसे का दुरुपयोगः एआइएमआइएम के विधायक अख्तरुल इमान ने कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग हुआ. सत्ताधारी दल की तरफ से रस्म निभाई गई तो वहीं विपक्ष के तरफ से शक्ति का प्रदर्शन किया गया. वहीं सत्ता धारी दलों की ओर से दावा किया जाता रहा कि बिहार विधान मंडल में सत्र में आरक्षण बढ़ाकर इतिहास रचा गया है. इससे बड़ी उपलब्धि कुछ हो ही नहीं सकती है.

नीतीश के बयान पर बवालः नीतीश कुमार का बयान पूरे देश में चर्चा का विषय बना रहा. प्रधानमंत्री तक ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. महिलाओं की तरफ से आक्रोश जताया गया. हालांकि जदयू और सत्ताधारी दल के नेताओं की तरफ से नीतीश कुमार का बचाव करने की कोशिश जरूर की गई. 5 दिनों के सत्र के दौरान कई बार सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोंक झोंक भी हुआ. हाथापाई तक की नौबत आ गई. हालांकि मार्शल के बीच बचाव के कारण कोई बड़ी घटना नहीं घटी.

सदन में क्या कहा था नीतीश ने: सीएम नीतीश कुमार जनसंख्या नियंत्रण और महिला एजुकेशन को लेकर अपनी बात रख रहे थे. नीतीश ने कहा था कि "जब शादी होती है तो पुरुष रोज रात में.. उसी में बच्चा पैदा हो जाता है. लेकिन जब लड़की पढ़ी होगी तब कहेगी... नीतीश के इस बयान के बाद विपक्ष उग्र है. नीतीश के इस बयान को तेजस्वी यादव ने सेक्स एजुकेशन के रूप में लेने की नसीहत दी थी.

पढ़ेंः Bihar Legislative Council Winter session: 'विश्व में बिहार को शर्मसार करने वाला रहा सत्र'- सम्राट चौधरी

पढ़ेंः Bihar Assembly Winter Session: शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष का हंगामा, CM नीतीश और तेजस्वी से मांगा इस्तीफा

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पढ़ेंः विधानसभा में मंगलवार को पेश होगी जातीय गणना सर्वे रिपोर्ट, वित्त मंत्री ने कहा- 'बिहार सरकार ने जो काम किया वो किसी ने नहीं किया'

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पढ़ेंः Bihar Assembly Winter Session: वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 26,086 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पास

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र समाप्त.

पटना: बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुक्रवार 10 नवंबर को समाप्त हो गया. 5 दिनों के शीतकालीन सत्र में एक भी दिन प्रश्नकाल ठीक से नहीं चल पाया. हंगामा के कारण जनता के सवाल का उत्तर नहीं हो सका. सत्र के दौरान 891 प्रश्न विधानसभा को प्राप्त हुए उसमें से 739 प्रश्न स्वीकृत हुए. इसमें कुल 33 अल्प सूचित प्रश्न थे जिसमें 31 के उत्तर प्राप्त हुए वही 617 तारांकित प्रश्न स्वीकृत हुए. 557 के उत्तर प्राप्त हुए साथ ही 89 प्रश्न अतारांकित हुये.

128 ध्यानाकर्षण सूचनाएं प्राप्त हुई: शीतकालीन सत्र में 128 ध्यानाकर्षण सूचनाएं प्राप्त हुई, आठ वक्तव्य हेतु स्वीकृत हुए. 116 सूचनाओं लिखित उत्तर हेतु संबंधित विभागों को भेजे गए. सत्र में कुल 170 निवेदन प्राप्त हुए उसमें से 168 स्वीकृत हुए कल 130 याचिकाएं प्राप्त हुई 118 को स्वीकृत किया गया. 100 गैर सरकारी संकल्प की सूचना भी सदन में चर्चा हुई. शीतकालीन सत्र में 6 विधेयक को पास कराया गया जो सबसे चर्चा में रहा वह आरक्षण संशोधन विधेयक नौकरी और शिक्षण संस्थानों में नामांकन के लिए अब 50% की जगह 65% आरक्षण देने का था.

बिहार सचिवालय सेवा संशोधन विधेयक: पिछड़ा अति पिछड़ा और एससी एसटी को लाभ मिलेगा. इसके अलावा बिहार सचिवालय सेवा संशोधन विधेयक 2023 पास हुआ. बिहार मॉल और सेवा कर संशोधन विधेयक 2023 पास हुआ. बिहार पंचायत राज संशोधन विधेयक 2023 पास कराया गया. बिहार विनियोग विधेयक 2023 भी पास कराया गया, जिसके तहत 26000 करोड़ से अधिक की राशि सरकार ने सदन से स्वीकृत कराया.

नीतीश से इस्तीफे की मांगः विपक्षी सदस्यों ने कहा सदन की कार्यवाही नीतीश कुमार के अमर्यादित बयान के कारण बाधित हुई महिलाओं के मान सम्मान और दलितों के मान सम्मान से बीजेपी कभी समझौता नहीं कर सकती है. पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक रामसूरत राय ने कहा जब महिलाओं का सम्मान तार तार हो रहा हो दलित को अपमानित किया जा रहा हो तो सदन कैसे चल सकता है. नीतीश कुमार सठिया गए हैं उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.

जनता के पैसे का दुरुपयोगः एआइएमआइएम के विधायक अख्तरुल इमान ने कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग हुआ. सत्ताधारी दल की तरफ से रस्म निभाई गई तो वहीं विपक्ष के तरफ से शक्ति का प्रदर्शन किया गया. वहीं सत्ता धारी दलों की ओर से दावा किया जाता रहा कि बिहार विधान मंडल में सत्र में आरक्षण बढ़ाकर इतिहास रचा गया है. इससे बड़ी उपलब्धि कुछ हो ही नहीं सकती है.

नीतीश के बयान पर बवालः नीतीश कुमार का बयान पूरे देश में चर्चा का विषय बना रहा. प्रधानमंत्री तक ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. महिलाओं की तरफ से आक्रोश जताया गया. हालांकि जदयू और सत्ताधारी दल के नेताओं की तरफ से नीतीश कुमार का बचाव करने की कोशिश जरूर की गई. 5 दिनों के सत्र के दौरान कई बार सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोंक झोंक भी हुआ. हाथापाई तक की नौबत आ गई. हालांकि मार्शल के बीच बचाव के कारण कोई बड़ी घटना नहीं घटी.

सदन में क्या कहा था नीतीश ने: सीएम नीतीश कुमार जनसंख्या नियंत्रण और महिला एजुकेशन को लेकर अपनी बात रख रहे थे. नीतीश ने कहा था कि "जब शादी होती है तो पुरुष रोज रात में.. उसी में बच्चा पैदा हो जाता है. लेकिन जब लड़की पढ़ी होगी तब कहेगी... नीतीश के इस बयान के बाद विपक्ष उग्र है. नीतीश के इस बयान को तेजस्वी यादव ने सेक्स एजुकेशन के रूप में लेने की नसीहत दी थी.

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