पटना: कोरोना काल के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव होना तय माना जा रहा है और इसमें कोई संशय नहीं रह गया है. चुनाव आयोग ने मतदान की तैयारी पूरे ताकत के साथ लगा हुआ है. ऐसे में ये हो सकता है कि इस बार चुनाव 2-3 फेज में हो. बिहार में पिछली बार 2015 में 5 फेज में चुनाव संपन्न कराया गया था. लेकिन कोरोना काल में चुनाव को कम से कम फेज में कराने की तैयारी हो रही है.
बता दें कि विधानसभा का चुनाव हो या फिर लोकसभा का चुनाव, बिहार में कई फेज में पहले चुनाव होते रहे हैं. कोरोना संक्रमण काल में पार्टियों की ओर से भी एक से दो फेज में चुनाव कराने की मांग हुई और आयोग भी जल्द से जल्द चुनाव संपन्न कराने की तैयारी में लगा है. 2015 में 7 सिंतबर को चुनाव आयोग की ओर से विधानसभा चुनाव को लेकर तारीख की घोषणा की गई थी. लेकिन इस बार आचार संहिता अब तक घोषित नहीं की गई है. इसके विलंब होने के कारण साफ संकेत है कि चुनाव दो फेज में या फिर 3 फेज में होंगे.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ डीएम दिवाकर
राजनीतिक विशेषज्ञ डीएम दिवाकर का कहना है कम फेज में चुनाव होने पर कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ऐसा मानना है कि कानून व्यवस्था को लेकर कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं होने वाली है और इसलिए दो फेज में चुनाव संपन्न कराया जा सकता है. लेकिन आयोग के लिए चुनौती वोटरों का टर्न अप है.
बीजेपी के नेता अरुण सिन्हा का कहना है कि आयोग के फैसले के साथ हमलोग हैं. चुनाव एक फेज में हो या कई फेज में हम लोग पूरी तरह तैयार हैं. वहीं, मुख्य विपक्षी दल आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है चुनाव में लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी हो यह देखना चुनाव आयोग का काम है.
2015 में 5 चरणों हुआ था बिहार विधानसभा चुनाव
- पहला चरण-12 अक्टूबर
- दूसरा चरण-16 अक्टूबर
- तीसरा चरण-28 अक्टूबर
- चौथा चरण-1 नवंबर
- पांचवा चरण-5 नवंबर
- मतगणना-8 नवंबर को की गई.