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कोटा मामला: नवादा SDO के निलंबन से बिहार प्रशासनिक सेवा संघ नाराज, पूछा- फिर DM क्यों बचे?

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Published : Apr 22, 2020, 1:26 PM IST

नवादा के अनुमंडल पदाधिकारी को निलंबित करने पर बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने अपना विरोध जताया है. बता दें कि लॉकडाउन में हिसुआ विधायक अपनी बेटी को कोटा से वापस लेकर आ गए थे.

Bihar Administrative Services Association
Bihar Administrative Services Association

नवाद: हिसुआ विधायक अनिल सिंह को कोटा के लिए पास निर्गत किए जाने पर नवादा के अनुमंडल अधिकारी को निलंबित कर दिया गया. इस मामले पर बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने विरोध जताया है. संध ने कार्रवाई को दुर्भावना से प्रेरित करार दिया है.

नवादा एसडीओ के खिलाफ कार्रवाई को लेकर बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने मोर्चा खोल दिया है. संघ की तरफ से कहा गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा अधिसूचना संख्या 4302 के तहत अनुमंडल अधिकारी को पास निर्गत किए जाने के आरोप में निलंबित किया गया है. संघ सरकार के इस फैसले का विरोध करता है.

देखें रिपोर्ट.

'जिलाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं'
बिहार प्रशासनिक सेवा संघ की ओर से कहा गया है कि विधान मंडल के सदस्य द्वारा लिखित आवेदन पर और जिला पदाधिकारी के मौखिक सहमति एवं संज्ञान में लाकर परमिट निर्गत करने का निर्णय अनुमंडल पदाधिकारी नवादा ने लिया था. ऐसे में केवल एसडीएम के ऊपर सरकार की कार्रवाई न्यायोचित नहीं है. संघ इस तथ्य की स्तरीय जांच की मांग करता है. बिहार प्रशासनिक सेवा संघ के द्वारा ये भी कहा गया है कि अन्य जिलों में भी कोटा के लिए अनेक परमिट निर्गत किए गए. जिला पदाधिकारी द्वारा निर्गत अंतर राज्य परमिट को भी संज्ञान में सरकार ले और उनके विरूद्ध भी कार्रवाई की जाए.

नवाद: हिसुआ विधायक अनिल सिंह को कोटा के लिए पास निर्गत किए जाने पर नवादा के अनुमंडल अधिकारी को निलंबित कर दिया गया. इस मामले पर बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने विरोध जताया है. संध ने कार्रवाई को दुर्भावना से प्रेरित करार दिया है.

नवादा एसडीओ के खिलाफ कार्रवाई को लेकर बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने मोर्चा खोल दिया है. संघ की तरफ से कहा गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा अधिसूचना संख्या 4302 के तहत अनुमंडल अधिकारी को पास निर्गत किए जाने के आरोप में निलंबित किया गया है. संघ सरकार के इस फैसले का विरोध करता है.

देखें रिपोर्ट.

'जिलाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं'
बिहार प्रशासनिक सेवा संघ की ओर से कहा गया है कि विधान मंडल के सदस्य द्वारा लिखित आवेदन पर और जिला पदाधिकारी के मौखिक सहमति एवं संज्ञान में लाकर परमिट निर्गत करने का निर्णय अनुमंडल पदाधिकारी नवादा ने लिया था. ऐसे में केवल एसडीएम के ऊपर सरकार की कार्रवाई न्यायोचित नहीं है. संघ इस तथ्य की स्तरीय जांच की मांग करता है. बिहार प्रशासनिक सेवा संघ के द्वारा ये भी कहा गया है कि अन्य जिलों में भी कोटा के लिए अनेक परमिट निर्गत किए गए. जिला पदाधिकारी द्वारा निर्गत अंतर राज्य परमिट को भी संज्ञान में सरकार ले और उनके विरूद्ध भी कार्रवाई की जाए.

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