पटना: छपरा जहरीली शराब से मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इसे लेकर शीतकालीन सत्र में जबरदस्त हंगामा हुआ और बीजेपी अब सड़क पर उतरने वाली है. वहीं दूसरे दल भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में भारतीय जन परिवार पार्टी (bhartiya jan parivar party) के कार्यकर्ताओं ने जदयू कार्यालय के पास से नीतीश कुमार का अर्थी जुलूस (Shavyatra Of CM Nitish Kumar In Patna) निकाला. कार्यकर्ताओं ने सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग भी की और हर हाल में मुआवजा पीड़ित परिजनों को दिलाने की बात कही. (Bihar Hooch Tragedy )
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सीएम नीतीश की निकाली गई शवयात्रा: भारतीय जन परिवार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से फेल है. शराब की होम डिलीवरी हो रही है लेकिन नीतीश कुमार कह रहे हैं कि शराबबंदी है. भारतीय जन परिवार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जदयू कार्यालय के नजदीक काफी देर तक मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही कार्यकर्ताओं ने कहा कि आगे आंदोलन और तेज किया जाएगा.
"नीतीश बाबू बोले कि बिहार में दारू बंद है लेकिन अगर दारू बंद होता तो क्या लोगों की मौत होती. 150 लोगों की मौत हुई है. नीतीश कुमार झूठ बोलते हैं. दारू की घर-घर में होम डिलीवरी होती है. सीएम नीतीश कुमार इस्तीफा दो और मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए."- रविंद्र कुमार, कार्यकर्ता, भारतीय जन परिवार पार्टी
"हमने शवयात्रा निकाली है. सीएम नीतीश कहते हैं कि पिओगे तो मरोगे मुआवजा नहीं देंगे. सीएम को मुआवजा देना पड़ेगा नहीं तो हमारा आंदोलन आगे भी जारी रहेगा."- संतोष कुमार यादव, कार्यकर्ता, भारतीय जन परिवार पार्टी
जहरीली शराब से मौत मामला: बता दें कि छपरा जहरीली शराब कांड में मरने वालों का आंकड़ा 73 तक पहुंच चुका है. जबकि सरकार की ओर से 38 लोगों के मौत की पुष्टि की जा रही है. वहीं छपरा सदर अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक संदिग्ध पेय पदार्थ पीकर 67 लोग मरे हैं. सवाल इस बात का है कि आखिर आंकड़ों में इतना बड़ा अंतर कैसे आ रहा है? जहरीली शराब से मौत मामले को लेकर पिछले दिनों बिहार विधानसभा में बीजेपी ने जबरदस्त हंगामा किया और मुआवजे की मांग की. न्यायिक जांच की मांग भी बीजेपी की तरफ से हो रही है.