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खतरे में बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी? दास करेंगे बड़ा बदलाव!

सोमवार का दिन बिहार में कांग्रेस के लिए अहम रहा. नए कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास तीन दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे. इस दौरान उनकी अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया. सदाकत आश्रम में हुई ये बैठक कई संकेत दे गई.

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Published : Jan 11, 2021, 11:07 PM IST

Updated : Jan 12, 2021, 12:38 PM IST

बिहार की ताजा खबर
बिहार की ताजा खबर

पटना : बिहार में कांग्रेस अपने अस्तित्व की तलाश में जुटी है. पार्टी पिछले दो चुनावों में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई है. विधानसभा चुनाव-2020 में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. पार्टी की हार पर समीक्षा की बात तो की जा रही है. लेकिन क्या समीक्षा मात्र से कांग्रेस मजबूत हो जाएगी. इस पर ईटीवी भारत ने नए कांग्रेस प्रभारी से जब दिल्ली में बात की, तो उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया कि कड़े निर्णय लिए जाएंगे.

सोमवार को बिहार पहुंचे कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया. दास ने सदाकत आश्रम में आयोजित बैठक की अध्यक्षता की और नेता-पार्टी कार्यकर्ताओं से वे मुखातिब हुए. इस दौरान एक पल ऐसा लगा कि मानों सभी नेता हंगामा कर रहे हो. कांग्रेस की बैठक में हवा का रुख विरोध जैसा ही लगा.

देखें रिपोर्ट

पार्टी नेताओं ने दास के समक्ष रखी अपनी बात
पूर्व विधायक संजीव प्रसाद टोनी हो या बिहार महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमिता भूषण, सभी लोगों ने नेतृत्व पर कई गंभीर सवाल खड़े किए. संजीव कुमार टोनी ने कहा कि बिहार कांग्रेस को 70 सीटें मिली और महज 19 सीटें ही जीत पाई. इसका मुख्य कारण है कि बिना किसी से विचार किए ही टिकट का बंटवारा किया गया. संजीव कुमार सोनी ने टिकट खरीद-फरोख्त का भी आरोप प्रदेश नेतृत्व पर लगाया.

वहीं, बिहार महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमिता भूषण ने पार्टी के नए प्रभारी के सामने चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि पार्टी में कार्यकर्ताओं को झूठा आश्वासन दिलाकर काम करवाया जाता है. पार्टी के आलाकमान कार्यकर्ताओं को कुछ बना देने का आश्वासन देकर काम करने को कहते हैं, ये गलत है. उन्हें अपने कार्यकर्ताओं को सिर्फ कांग्रेस को सत्ता में लाने की बात कहे तो ज्यादा बेहतर होगा. इसके साथ ही महिला अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी में महिला कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं दी जाती है. जब महिलाओं को पार्टी में तरजीह नहीं दी जाएगी तो महिला समाज कांग्रेस को क्यों वोट देगी.

भक्त चरण दास ने बताया इसे लोकतंत्र
कांग्रेस की बैठक के दौरान हुए हंगामे को लेकर कांग्रेस प्रभारी भक्त चरणदास से ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि किसी तरह का कोई विरोध बैठक के दौरान नहीं हुआ है. बैठक के दौरान जब सवाल जवाब ही नहीं होगा, तो बैठक का क्या महत्व है.

क्या कहते हैं मदन मोहन झा
बैठक के दौरान हुए हंगामे पर कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि बैठक के दौरान जब सवाल-जवाब ही नहीं हो, तो बैठने का क्या महत्व बनता है. सवाल-जवाब को हम विरोध नहीं कह सकते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ आज बैठक बुलाई गई थी, इसमें कुछ बाहर के लोग आ गए थे, जिस वजह से ऐसी नौबत आई है.

कुछ दिन पहले कांग्रेस के पूर्व विधाय भगत सिंह ने भी कांग्रेस में टूट होने की बात कहते हुए नेतृत्व पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को बर्खास्त कर देगी. इसके बाद वो पाला बदल लेंगे.

बिहार में अस्तित्व की तलाश में कांग्रेस
बिहार को 20 मुख्यमंत्री दे चुकी कांग्रेस अस्तित्व की तलाश में है. पिछले दो चुनाव, लोकसभा और विधानसभा की बात करें तो पार्टी का प्रदर्शन चिंताजनक रहा है. ऐसे में नेतृत्व को लेकर सवाल उठना लाजमी है. सोमवार को बिहार के कांग्रेस खेमे में हुई बैठक ने एक छोटी चिंगारी जरूर लगा दी है. तीन दिवसीय दौरे पर आए दास क्या कुछ बदलाव करेंगे. क्या कुछ ठोस निर्णय लेंगे. क्या कुछ आलाकमान को रिपोर्ट सौंपेगे. ये तो आने वाला समय बताएगा. फिलहाल, खरमास खत्म होने का इंतजार सभी कर रहे हैं.

पटना : बिहार में कांग्रेस अपने अस्तित्व की तलाश में जुटी है. पार्टी पिछले दो चुनावों में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई है. विधानसभा चुनाव-2020 में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. पार्टी की हार पर समीक्षा की बात तो की जा रही है. लेकिन क्या समीक्षा मात्र से कांग्रेस मजबूत हो जाएगी. इस पर ईटीवी भारत ने नए कांग्रेस प्रभारी से जब दिल्ली में बात की, तो उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया कि कड़े निर्णय लिए जाएंगे.

सोमवार को बिहार पहुंचे कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया. दास ने सदाकत आश्रम में आयोजित बैठक की अध्यक्षता की और नेता-पार्टी कार्यकर्ताओं से वे मुखातिब हुए. इस दौरान एक पल ऐसा लगा कि मानों सभी नेता हंगामा कर रहे हो. कांग्रेस की बैठक में हवा का रुख विरोध जैसा ही लगा.

देखें रिपोर्ट

पार्टी नेताओं ने दास के समक्ष रखी अपनी बात
पूर्व विधायक संजीव प्रसाद टोनी हो या बिहार महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमिता भूषण, सभी लोगों ने नेतृत्व पर कई गंभीर सवाल खड़े किए. संजीव कुमार टोनी ने कहा कि बिहार कांग्रेस को 70 सीटें मिली और महज 19 सीटें ही जीत पाई. इसका मुख्य कारण है कि बिना किसी से विचार किए ही टिकट का बंटवारा किया गया. संजीव कुमार सोनी ने टिकट खरीद-फरोख्त का भी आरोप प्रदेश नेतृत्व पर लगाया.

वहीं, बिहार महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमिता भूषण ने पार्टी के नए प्रभारी के सामने चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि पार्टी में कार्यकर्ताओं को झूठा आश्वासन दिलाकर काम करवाया जाता है. पार्टी के आलाकमान कार्यकर्ताओं को कुछ बना देने का आश्वासन देकर काम करने को कहते हैं, ये गलत है. उन्हें अपने कार्यकर्ताओं को सिर्फ कांग्रेस को सत्ता में लाने की बात कहे तो ज्यादा बेहतर होगा. इसके साथ ही महिला अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी में महिला कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं दी जाती है. जब महिलाओं को पार्टी में तरजीह नहीं दी जाएगी तो महिला समाज कांग्रेस को क्यों वोट देगी.

भक्त चरण दास ने बताया इसे लोकतंत्र
कांग्रेस की बैठक के दौरान हुए हंगामे को लेकर कांग्रेस प्रभारी भक्त चरणदास से ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि किसी तरह का कोई विरोध बैठक के दौरान नहीं हुआ है. बैठक के दौरान जब सवाल जवाब ही नहीं होगा, तो बैठक का क्या महत्व है.

क्या कहते हैं मदन मोहन झा
बैठक के दौरान हुए हंगामे पर कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि बैठक के दौरान जब सवाल-जवाब ही नहीं हो, तो बैठने का क्या महत्व बनता है. सवाल-जवाब को हम विरोध नहीं कह सकते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ आज बैठक बुलाई गई थी, इसमें कुछ बाहर के लोग आ गए थे, जिस वजह से ऐसी नौबत आई है.

कुछ दिन पहले कांग्रेस के पूर्व विधाय भगत सिंह ने भी कांग्रेस में टूट होने की बात कहते हुए नेतृत्व पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को बर्खास्त कर देगी. इसके बाद वो पाला बदल लेंगे.

बिहार में अस्तित्व की तलाश में कांग्रेस
बिहार को 20 मुख्यमंत्री दे चुकी कांग्रेस अस्तित्व की तलाश में है. पिछले दो चुनाव, लोकसभा और विधानसभा की बात करें तो पार्टी का प्रदर्शन चिंताजनक रहा है. ऐसे में नेतृत्व को लेकर सवाल उठना लाजमी है. सोमवार को बिहार के कांग्रेस खेमे में हुई बैठक ने एक छोटी चिंगारी जरूर लगा दी है. तीन दिवसीय दौरे पर आए दास क्या कुछ बदलाव करेंगे. क्या कुछ ठोस निर्णय लेंगे. क्या कुछ आलाकमान को रिपोर्ट सौंपेगे. ये तो आने वाला समय बताएगा. फिलहाल, खरमास खत्म होने का इंतजार सभी कर रहे हैं.

Last Updated : Jan 12, 2021, 12:38 PM IST
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