पटना: अगुवानी पुल हादसा में अब तक जो कार्रवाई हुई है उसको लेकर पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि प्रारंभिक कुछ तथ्य जो सामने आए हैं, उसके आलोक में अब तक संवेदक एसपी सिंगला को नोटिस निर्गत किया गया है. 15 दिन का समय उनको दिया गया है और जवाब मांगा गया है कि उनकी कंपनी को ब्लैक लिस्टेड क्यों ना किया जाए?ॉ
एसपी सिंगला कंपनी से पूछा गया- क्यों ना ब्लैक लिस्ट किया जाए?: उसके अलावा बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के कार्यपालक जो खगड़िया में स्थापित हैं, जो डायरेक्टर इस प्रोजेक्ट को देख रहे थे उनको कार्य में लापरवाही के लिए निलंबित किया गया है. इसके अलावा दो अनुभवी अभियंताओं को जो शुरू से इस प्रोजेक्ट को समझ रहे थे, उन्हें वापस इस परियोजना पर लाया गया है, ताकि नए सिरे से डीपीआर पीपीआर तैयार कर सके.
"हम लोग स्पष्ट हैं इस नए डीपीआर के आलोक में नए सिरे से पुल का पुनर्निर्माण कराया जाएगा. यह अत्यंत ही महत्वपूर्ण है. माननीय मुख्यमंत्री जी ने इस स्थल का निरीक्षण किया था. बहुत तेजी से काम हो रहा है इसलिए कल कुछ प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है और कुछ बदलाव हुए हैं."- प्रत्यय अमृत, अपर मुख्य सचिव , पथ निर्माण विभाग,बिहार
दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन: जल्द प्रत्यय अमृत ने कहा कि हम लोग जो बदलाव हुआ है उसको भी देख रहे हैं. मैं कल से देख रहा हूं. इसमें आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर की रिपोर्ट, संवेदक का भी पक्ष, इन तमाम चीजों के कागजात भी देखूंगा, समझूंगा. हमारी कोशिश रहेगा कि जल्द से जल्द जांच का प्रतिवेदन सरकार के समक्ष दे.
पुल के मलबे को 15 दिनों के अंदर निकालने का आदेश: साथ ही एजेंसी को गंगा में गिरे पुल के मलबे को 15 दिनों के अंदर निकालने को कहा गया है, ताकि डॉल्फिन अभ्यारण्य वाले रिजर्व क्षेत्र को शीघ्र प्रदूषण मुक्त किया जा सके. दरअसल 4 जून को भागलपुर के सुल्तानगंज अगुवानी निर्माणाधीन पुल दूसरी बार गिरने के से हड़कंप मच गया है. इस पूरे मामले को लेकर प्रत्यय अमृत पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
सियासत जारी: सीएम नीतीश कुमार ने निर्माण कार्य करा रही कंपनी एसपी सिंगला पर सवाल खड़े किए और कहा कि काम सही से नहीं हो रहा था. वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी कह चुके हैं कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. वहीं बीजेपी, नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है.