पटना: बिहार के पर्यटन स्थलों पर भिक्षाटन करने वालों के स्वरोजगार के लिए अब प्रदेश सरकार ने कवायद तेज कर दी है. सरकार भिक्षाटन करने वालों का कौशल विकास कर स्वरोजगार (Bihar Skill and Livelihoods Development Corporation) देने को लेकर जागरूक करेगी. इस योजना में पर्यटन विभाग और समाज कल्याण विभाग संयुक्त रूप से काम करेगा.
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पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, राज्य के सभी पर्यटन स्थलों को इस साल जुलाई तक भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसके तहत वैसे लोगो की टीम बनाई जाएगी, को पहले भिक्षावृत्ति से जुड़े थे, लेकिन अब वे स्वरोजगार से जुड़े हुए हैं.
अधिकारियों का कहना है कि ये टीम पर्यटन स्थलों तक जाएगी और भिक्षाटन कर रहे लोगों को जागरूक करेगी. इन टीम के सदस्यों को प्रशिक्षण देकर इसके लिए पहले विशेष रूप से तैयार किया गया है. इसके बाद भिक्षाटन करने वालों को स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा. पर्यटन विभाग ने इसके लिए योजना बनाई है.
भिक्षावृत्ति करने वालों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे अपने हुनर के हिसाब से सम्मानपूर्वक रोजी-रोटी कमा सकें. विभाग ने इसके लिए सभी जिलों को दिशा- निर्देश भेज दिया है. मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सभी जिलाधिकारी की निगरानी में भिखारियों की पहचान की जाएगी, जिससे भिक्षाटन छोड़कर अन्य कार्य कर आत्मनिर्भर बन सकें.
अधिकारी बताते हैं कि, बिहार में अब तक 18 हजार से अधिक भिखारियों को आधार से जोड़ा जा चुका है. बताया जा रहा है कि भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने के लिए जितने भी लोगों की पहचान की जाएगी, उनका डेटाबेस भी बनाया जाएगा और ऐसे लोगों को अविलंब आधार से जोड़ा जाएगा, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके.
भारत में 4 लाख से ज्यादा भिखारी: बता दें कि भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 4 लाख से ज्यादा भिखारी हैं. इस लिस्ट में टॉप पर पश्चिम बंगाल है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार, देशभर में कुल 4,13,670 भिखारियों की संख्या है, जिसमें 2,21,673 पुरुष और 1,91,997 महिला भिखारी हैं. सबसे ज्यादा 81,244 भिखारी पश्चिम बंगाल में हैं. उसके बाद उत्तर प्रदेश में 65,835, आंध्र प्रदेश में 30,218 और बिहार में 29,723 भिखारी हैं. इसमें सबसे कम भिखारी के मामले में लक्षद्वीप है, जहां सिर्फ 2 भिखारी हैं.
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