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सूरत पर लगा देती थीं चार चांद, आज ये आत्मनिर्भर महिलाएं हैं परेशान - patna news

ब्यूटी पार्लर चलाने वाली और इनमें काम करने वाली आत्मनिर्भर महिलाएं अपने घर-परिवार का खर्च चलाती हैं. लेकिन कोरोना काल ने इनके पार्लर की खूबसूरती पर ग्रहण लगा दिया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
ईटीवी भारत की रिपोर्ट
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Published : May 27, 2020, 8:50 PM IST

पटना: जारी लॉकडाउन के दौरान जहां सीमित छूट के साथ कुछ दुकानों को खोलने के निर्देश जारी किये गए हैं. ऐसे में सैलून और ब्यूटी पार्लर को भी खोलने की भी अनुमति मिल गई है. लेकिन, जब शादी-पार्टी नहीं हो रही तो सजने-संवारने का सवाल ही नहीं उठता. दो महीने के लंबे समय के बाद खुले ब्यूटी पार्लर संचालकों और उनमें काम करने वाली महिलाओं से ईटीवी भारत ने बात की, तो उनका दर्द उमड़ पड़ा.

पटना में सैलून, स्पा सेंटर, ब्यूटी पार्लर सब मिलाकर तकरीबन 5 हजार दुकानें हैं. वहीं, ब्यूटी पार्लर से अपनी जीविका चलाने वाली तकरीबन 15 हजार महिलाएं हैं. लॉकडाउन के चलते इन सभी को खासी मुसीबतों का सामना करना पड़ा.

पटना से प्रणव राज की रिपोर्ट

दुकान का किराया और बिजली का बिल
ब्यूटी पार्लर संचालक अनुपमा वत्स की माने, तो दुकान का किराया देना है और बिजली का बिल भी आ रहा है. कमाई ठप रही है, ऐसे में बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि पार्लर के स्टाफ को सैलरी देनी है. मार्च तक पेमेंट हमने किराया दिया है. साल भर बैठकर हम खा नहीं सकते. उन्होंने कहा कि सरकार को किराये वाले मामले पर कुछ ध्यान देना चाहिए.

शादी कामकाज बंद हुआ, तो हम भी ठप
लग्न मुहूर्त के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि शादियों का सीजन आते ही कोरोना ने भी एंट्री मार दी. इसके चलते हमें दुल्हन को सजाने के लिए मिलने वाली बुकिंग भी नहीं मिली. हमें लग्नों का इंतजार रहता है. अनुपमा ने कहा कि पटना में रेंट बहुंत हाई है. लिहाजा, हम अपने स्टाफ को कब तक सैलरी प्रोवाइड करते रहेंगे. हम बस यह कह सकते हैं कि सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

क्या करें ये महिलाएं
'क्या करें हम?'

बहुत परेशानी हुई
ब्यूटी पार्लर संचालक रेखा कहती हैं कि कमाई का एक ही जरिया था. वो भी ठप हो गया. स्टाफ को सैलरी देनी पड़ रही है. बहुत परेशानी उठानी पड़ी. उन्होंने बताया कि अप्रैल-मई में शादियों के लिए बुकिंग अच्छी खासी आई थी. एडवांस पैसा भी मिला. लेकिन लॉकडाउन लागू होते ही सभी बुकिंग कैंसिल हो गई और एडवांस वापस करना पड़ा.

'पति लेबर-मिस्त्री हैं, हाथ बंटाती थी'
ब्यूटी पार्लर का कोर्स सीखकर अपने पति का आर्थिक सहयोग करने वाली खुशबू कहती हैं कि पति लेबर मिस्त्री हैं. ब्यूटी पार्लर में काम कर कुछ पैसे कमा घर चलाने में हाथ बंटाती थी. ऐसे में बहुत परेशानी हो रही है. सैलरी नहीं मिल पा रही है. इसी तरह लक्ष्मी और अर्चना ने भी अपना दर्द बयां किया.

बंद पड़े ब्यूटी पार्लर
बंद पड़े ब्यूटी पार्लर

सैलून के लिए मिले छूट
कुछ ऐसा ही दर्द जेंट्स सैलून संचालकों का भी है. जेंट्स सैलून चलाने वाले सुमित ने बताया कि हमारा इनकम का स्रोत पूरी तरह ठप रहा है. स्टाफ को सैलरी देनी है. उनके पास भी पैसे नहीं हैं. दुकान का किराया और स्टाफ को सैलरी इसके चलते बहुत तनाव है. सुमित ने बताया कि स्टाफ को निकाला भी नहीं जा सकता. वहीं, अपने व्यवसाय को लेकर चिंतित सुमित ने कहा कि हमारा काम भी ऐसा है कि लोग आएंगे, तो ही चलेगा. ऐसे में हम पूरी सावधानी के साथ काम करेंगे.

महिलाओं ने मांग करते हुए कहा कि सरकार को हमारे इस रोजगार की ओर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार रेंट वाले मसले पर ध्यान दे, कुछ ऐसा रास्ता निकालें कि भाड़ा देने में कुछ आराम मिल सके.

पटना: जारी लॉकडाउन के दौरान जहां सीमित छूट के साथ कुछ दुकानों को खोलने के निर्देश जारी किये गए हैं. ऐसे में सैलून और ब्यूटी पार्लर को भी खोलने की भी अनुमति मिल गई है. लेकिन, जब शादी-पार्टी नहीं हो रही तो सजने-संवारने का सवाल ही नहीं उठता. दो महीने के लंबे समय के बाद खुले ब्यूटी पार्लर संचालकों और उनमें काम करने वाली महिलाओं से ईटीवी भारत ने बात की, तो उनका दर्द उमड़ पड़ा.

पटना में सैलून, स्पा सेंटर, ब्यूटी पार्लर सब मिलाकर तकरीबन 5 हजार दुकानें हैं. वहीं, ब्यूटी पार्लर से अपनी जीविका चलाने वाली तकरीबन 15 हजार महिलाएं हैं. लॉकडाउन के चलते इन सभी को खासी मुसीबतों का सामना करना पड़ा.

पटना से प्रणव राज की रिपोर्ट

दुकान का किराया और बिजली का बिल
ब्यूटी पार्लर संचालक अनुपमा वत्स की माने, तो दुकान का किराया देना है और बिजली का बिल भी आ रहा है. कमाई ठप रही है, ऐसे में बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि पार्लर के स्टाफ को सैलरी देनी है. मार्च तक पेमेंट हमने किराया दिया है. साल भर बैठकर हम खा नहीं सकते. उन्होंने कहा कि सरकार को किराये वाले मामले पर कुछ ध्यान देना चाहिए.

शादी कामकाज बंद हुआ, तो हम भी ठप
लग्न मुहूर्त के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि शादियों का सीजन आते ही कोरोना ने भी एंट्री मार दी. इसके चलते हमें दुल्हन को सजाने के लिए मिलने वाली बुकिंग भी नहीं मिली. हमें लग्नों का इंतजार रहता है. अनुपमा ने कहा कि पटना में रेंट बहुंत हाई है. लिहाजा, हम अपने स्टाफ को कब तक सैलरी प्रोवाइड करते रहेंगे. हम बस यह कह सकते हैं कि सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

क्या करें ये महिलाएं
'क्या करें हम?'

बहुत परेशानी हुई
ब्यूटी पार्लर संचालक रेखा कहती हैं कि कमाई का एक ही जरिया था. वो भी ठप हो गया. स्टाफ को सैलरी देनी पड़ रही है. बहुत परेशानी उठानी पड़ी. उन्होंने बताया कि अप्रैल-मई में शादियों के लिए बुकिंग अच्छी खासी आई थी. एडवांस पैसा भी मिला. लेकिन लॉकडाउन लागू होते ही सभी बुकिंग कैंसिल हो गई और एडवांस वापस करना पड़ा.

'पति लेबर-मिस्त्री हैं, हाथ बंटाती थी'
ब्यूटी पार्लर का कोर्स सीखकर अपने पति का आर्थिक सहयोग करने वाली खुशबू कहती हैं कि पति लेबर मिस्त्री हैं. ब्यूटी पार्लर में काम कर कुछ पैसे कमा घर चलाने में हाथ बंटाती थी. ऐसे में बहुत परेशानी हो रही है. सैलरी नहीं मिल पा रही है. इसी तरह लक्ष्मी और अर्चना ने भी अपना दर्द बयां किया.

बंद पड़े ब्यूटी पार्लर
बंद पड़े ब्यूटी पार्लर

सैलून के लिए मिले छूट
कुछ ऐसा ही दर्द जेंट्स सैलून संचालकों का भी है. जेंट्स सैलून चलाने वाले सुमित ने बताया कि हमारा इनकम का स्रोत पूरी तरह ठप रहा है. स्टाफ को सैलरी देनी है. उनके पास भी पैसे नहीं हैं. दुकान का किराया और स्टाफ को सैलरी इसके चलते बहुत तनाव है. सुमित ने बताया कि स्टाफ को निकाला भी नहीं जा सकता. वहीं, अपने व्यवसाय को लेकर चिंतित सुमित ने कहा कि हमारा काम भी ऐसा है कि लोग आएंगे, तो ही चलेगा. ऐसे में हम पूरी सावधानी के साथ काम करेंगे.

महिलाओं ने मांग करते हुए कहा कि सरकार को हमारे इस रोजगार की ओर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार रेंट वाले मसले पर ध्यान दे, कुछ ऐसा रास्ता निकालें कि भाड़ा देने में कुछ आराम मिल सके.

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