पटना : बिहार समेत देश के तमाम राज्यों में इन दिनों साइबर क्राइम की वारदातों में तेजी से वृद्धि हुई है. साइबर ठग नए-नए तरीके से आम जनता को चपत लगा रहे हैं. कोरोना काल में ऑनलाइन माध्यमों का प्रयोग बढ़ा है. नतीजतन, साइबर ठग ज्यादा से ज्यादा सक्रिय हो गए हैं.
बिहार के पूर्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जय कुमार सिंह ने जो कुछ अपने फेसबुक वॉल पर लिखा. उसने साफ कर दिया कि कैसे नए-नए तरीकों से साइबर ठग लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. यही नहीं, राजधानी पटना के अगमकुआं थाना क्षेत्र के भागवत नगर स्थित पटेल सेवा नगर रोड संख्या-7 के रहने वाले दवा व्यवसायी मनजीत सिंह के खाते से साइबर अपराधियों ने 85 हजार रुपये उड़ा दिए.
21 दिसंबर की वारदात
नेट बैंकिंग हो या यूपीआई ट्रांजैक्शन, अब लोग जेब में कैश रखना कम पसंद कर रहे हैं. हर हाथ मोबाइल ने लोगों को बैंक और एटीएम से कुछ हद तक दूर कर दिया है. मनजीत के साथ हुए साइबर क्राइम की बात करें तो 21 दिसंबर की सुबह उनके पास एक फोन कॉल आया. इस फोन में दूसरी तरफ वाले शख्स ने उन्हें खुद को इंडियन आर्मी का हवलदार बताया. उसने दवा व्यवसायी मनजीत से दवा का ऑर्डर करने के लिए बड़ी चालाकी गूगल पे नबंर, क्यूआर स्कैन करवा लिया. इसके बाद उसने 85 हजार रुपये कैसे मनजीत के अकाउंट से उड़ा दिए, ये खुद मनजीत को पता नहीं चल सका.
सिंपल से 1 लाख, तो रामजी से 1.7 लाख की ठगी
राजधानी पटना के बहादुरपुर थाना अंतर्गत शांति भवन निवासी सिंपल कुमारी के मोबाइल पर कॉल आया. यह कॉल बच्चों के मोबाइल गेम संबंधित थी. ठगों ने उनसे बड़ी चालाकी से यूपीआई पिन पूछ लिया और देखते ही देखते सिंपल के अकाउंट से 1 लाख रुपये का ट्रांजैक्शन कर लिया गया.
वहीं, पटना के आलमगंज थाना क्षेत्र के पीतांबर कॉलोनी निवासी रामजी प्रसाद सिंह भी साइबर अपराधियों के शिकार हुए. इनके खाते से ₹1 लाख 70 हजार की अवैध निकासी कर ली गई.
क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट
मनजीत की तरह ही देश के अन्य हिस्सों में इस तरह के फोन कॉल्स से लोगों को ठगा जा रहा है. साइबर एक्सपर्ट अभिनव सौरभ की माने तो बिहार और खासकर भारत की जनता आर्मी के जवानों पर काफी भरोसा करती है, जिस वजह से आमतौर पर साइबर फ्रॉड आर्मी के जवान या ऑफिसर बनकर लोगों को ठग रहे हैं.
जागरूकता जरूरी
साइबर एक्सपर्ट की मानें तो पैसे के लेन देन में लोगों को सजग और जागरूक होना चाहिए. आप जिसे नहीं जानते, उसे अपने फोन में आए किसी भी मैसेज (ओटीपी) को साझा ना करें. बाहर सार्वजनिक स्थानों पर लगे वाईफाई का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें. मोबाइल पर एंटी वायरस और ऑपरेंटिंग सिस्टम को हमेशा अपडेट रखें. व्हाट्स ऐप पर आए फेक लिंक पर क्लिक करने से बचें
क्यूआर कोड सुरक्षित नहीं?
इन दिनों गूगल-पे और फोन-पे से ज्यादातर लेन-देन हो रहा है. यूपीआई पिन कोड को लेकर लोग अक्सर लापरवाही बरत रहे हैं. इसका फायदा साइबर ठग उठा रहे हैं. आर्थिक अपराध इकाई के एक्सपर्ट अभिनव सौरभ की मानें तो क्यूआर कोड को स्कैन कर आप किसी को पैसे दे सकते हैं. लेकिन फोन कॉल्स के दौरान ठग खुद का क्यूआर स्कैन करा लेते हैं. इसके बाद आपसे रुपयों को भरने को कहते हैं. फिर सामान्य प्रक्रिया के तहत ट्रांजैक्शन हो जाता है.
ईटीवी भारत की मुहिम
साइबर क्राइम से बचाव लेकर ईटीवी भारत लगातार खबरें चला रहा है. इस बाबत आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने ईटीवी भारत की सराहना करते हुए कई अहम बातें बताई. जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि बिहार में लोन ऐप, नौकरी लग गई है या लॉटरी लग गई है. इस तरह की ठगी अभी तक नहीं हुई है. ठगी के जो भी मामले सामने आ रहे हैं, उसपर कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने ये भी कहा कि 'साइबर सेनानी' के माध्यम से हम लोगों को जागरूक कर रहे हैं.