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BDO साहब की अनोखी पहल, बेटे की शादी के कार्ड में छपवाया ODF के लिए अनोखा स्लोगन

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Published : Nov 12, 2019, 10:03 PM IST

बीडीओ ने बताया कि आज भी उनकी पहचान में कई ऐसे परिवार हैं, जो शौचालय बनने के बावजूद खुले में शौच करते हैं. उन्होंने जब कार्ड पर स्लोगन लिखवाने का निर्णय लिया तो परिवार के लोगों ने इसका विरोध किया. लेकिन वो सभी को समझाने में सफल रहे.

BDO साहब की अनोखी पहल,

पटना: खुले में शौच मुक्त भारत के लिए जहां केंद्र सरकार युद्ध स्तर पर प्रचार प्रसार कर रही है. यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भारत को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया. वहीं, सासाराम के नोखा ब्लॉक के बीडीओ ने इसी अभियान की जागरूकता के लिए एक अनोखा कदम उठाया है. उन्होंने अपने बेटे की शादी के कार्ड में स्लोगन छपवाया है. स्लोगन के मुताबिक उन्होंने लिखवाया है कि 'शर्म करो-भाई शर्म करो, खुले में शौच करना बंद करो'.

शौचालय निर्माण और स्वच्छ्ता अभियान के लिए केंद्र सरकार और राज सरकार लंबे समय से अभियान चला रही हैं. इन दोनों अभियानों की सबसे बड़ी जिम्मेवारी प्रखंड विकास पदाधिकारी पर होती है. सासाराम के नोखा में बीडीओ रामजी पासवान इस जिम्मेदारी को बाखूबी निभा रहे हैं. उन्होंने बेटे की शादी के कार्ड में जन जागरूकता के लिए स्लोगन लिखवाया है. इस बाबत ईटीवी भारत ने जब उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि आज भी कई परिवार ऐसे हैं, जो खुले में शौच करते हैं. इसके लिए उन्होंने ऐसा किया.

क्या बोले बीडीओ साहब

बीडीओ ने बताया कि आज भी उनकी पहचान में कई ऐसे परिवार हैं, जो शौचालय बनने के बावजूद खुले में शौच करते हैं. उन्होंने जब कार्ड पर स्लोगन लिखवाने का निर्णय लिया तो परिवार के लोगों ने इसका विरोध किया. लेकिन वो सभी को समझाने में सफल रहे. उनकी पत्नी संयुक्ता बताती हैं कि पहले थोड़ा अटपटा जरूर लगा लेकिन बाद में सभी राजी हो गए.

यह भी पढ़ें- काफिला रुकवा चिराग पासवान ने चखी जमुई की फेमस झालमुड़ी, इस सवाल पर बोले- तेजस्वी मेरा भाई

कार्ड में आम शब्द का प्रयोग
कार्ड शौच के लिए आम भाषा में प्रयोग किए जाने वाले शब्द का प्रयोग किया गया है. इसको लेकर बीडीओ साहब कहते हैं कि ये देहाती शब्द है. उनका मानना है कि आज भी गांव में लोग शौचालय को देहाती भाषा में ही बोलते हैं. इसलिए ऐसे शब्द का प्रयोग किया है (उक्त स्लोगन में उस शब्द को एडिट किया गया है). रामजी बताते हैं कि जब स्लोगन से छपा कार्ड अपने परिजनों को बांटने गया, तो कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया. उनका मानना है कि शादी के कार्ड में इस तरह का स्लोगन छपवाना उचित नहीं है. लेकिन कई लोगों ने इसकी प्रशंसा भी की. उन्होंने कहा कि जागरूकता के लिए उन्होंने ये फैसला लिया.

पटना: खुले में शौच मुक्त भारत के लिए जहां केंद्र सरकार युद्ध स्तर पर प्रचार प्रसार कर रही है. यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भारत को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया. वहीं, सासाराम के नोखा ब्लॉक के बीडीओ ने इसी अभियान की जागरूकता के लिए एक अनोखा कदम उठाया है. उन्होंने अपने बेटे की शादी के कार्ड में स्लोगन छपवाया है. स्लोगन के मुताबिक उन्होंने लिखवाया है कि 'शर्म करो-भाई शर्म करो, खुले में शौच करना बंद करो'.

शौचालय निर्माण और स्वच्छ्ता अभियान के लिए केंद्र सरकार और राज सरकार लंबे समय से अभियान चला रही हैं. इन दोनों अभियानों की सबसे बड़ी जिम्मेवारी प्रखंड विकास पदाधिकारी पर होती है. सासाराम के नोखा में बीडीओ रामजी पासवान इस जिम्मेदारी को बाखूबी निभा रहे हैं. उन्होंने बेटे की शादी के कार्ड में जन जागरूकता के लिए स्लोगन लिखवाया है. इस बाबत ईटीवी भारत ने जब उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि आज भी कई परिवार ऐसे हैं, जो खुले में शौच करते हैं. इसके लिए उन्होंने ऐसा किया.

क्या बोले बीडीओ साहब

बीडीओ ने बताया कि आज भी उनकी पहचान में कई ऐसे परिवार हैं, जो शौचालय बनने के बावजूद खुले में शौच करते हैं. उन्होंने जब कार्ड पर स्लोगन लिखवाने का निर्णय लिया तो परिवार के लोगों ने इसका विरोध किया. लेकिन वो सभी को समझाने में सफल रहे. उनकी पत्नी संयुक्ता बताती हैं कि पहले थोड़ा अटपटा जरूर लगा लेकिन बाद में सभी राजी हो गए.

यह भी पढ़ें- काफिला रुकवा चिराग पासवान ने चखी जमुई की फेमस झालमुड़ी, इस सवाल पर बोले- तेजस्वी मेरा भाई

कार्ड में आम शब्द का प्रयोग
कार्ड शौच के लिए आम भाषा में प्रयोग किए जाने वाले शब्द का प्रयोग किया गया है. इसको लेकर बीडीओ साहब कहते हैं कि ये देहाती शब्द है. उनका मानना है कि आज भी गांव में लोग शौचालय को देहाती भाषा में ही बोलते हैं. इसलिए ऐसे शब्द का प्रयोग किया है (उक्त स्लोगन में उस शब्द को एडिट किया गया है). रामजी बताते हैं कि जब स्लोगन से छपा कार्ड अपने परिजनों को बांटने गया, तो कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया. उनका मानना है कि शादी के कार्ड में इस तरह का स्लोगन छपवाना उचित नहीं है. लेकिन कई लोगों ने इसकी प्रशंसा भी की. उन्होंने कहा कि जागरूकता के लिए उन्होंने ये फैसला लिया.

Intro:शौचालय निर्माण और स्वच्छ्ता अभियान के लिए केंद्र सरकार और राज सरकार लंबे समय से अभियान चला रही है। इन दोनों अभियानों की सबसे बड़ी जिम्मेवारी प्रखंड विकास पदाधिकारी पर होती है। सासाराम के नोखा वीडियो साहब ने तो इस अभियान को सरकारी फाइलों से निकालकर पारिवारिक समारोह तक पहुंचा दिया है।
नोखा वीडियो रामजी पासवान ने अपने बेटे की शादी कार्ड पर सोचालय निर्माण का सरकारी स्लोगन छपवा दिया है। " शर्म करो भाई, शर्म करो खुले में हगना बंद करो "।


Body:ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने बताया कि आज भी उनके पहचान में कई ऐसे परिवार है जो शौचालय बनने के बावजूद खुले में शौच करते हैं। उन्होंने जब कार्ड पर स्लोगन लिखवाने का वीर ने लिया सपरिवार के लोगों ने इसका विरोध किया। लेकिन वह सभी को समझाने में सफल है।
उनकी पत्नी संयुक्ता बताती है कि पहले थोड़ा आटा जरूर लगा लेकिन बाद में सभी राजी हो गए।
कार्ड फर्जी शब्दों का प्रयोग किया गया है उसे वीडियो साहब देहाती शब्द बताते हैं। उनका मानना है कि आज भी गांव में लोग शौचालय के देहाती भाषा में ही बोलते हैं।


Conclusion:रामजी बताते हैं कि जब स्लोगन से छपा कार्ड अपने परिजनों को बांटने गया तो कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया। उनका मानना है कि शादी के कार्ड मैं इस तरह का स्लोगन छपवाना उचित नहीं है। लेकिन कई लोगों ने इसकी प्रशंसा भी की।
वीडियो साहब बताते हैं कि शादी के कार्ड में इस तरह का स्लोगन छपवाना का एकमात्र मकसद जागरुकता फैलाने है।
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