पटना: राजधानी पटना से धनरूआ में क्रॉप कटिंग कृषि विभाग की देखरेख में की जा रही है. जहां प्रखंड विकास पदाधिकारी, कृषि पदाधिकारी और सांख्यिकी पदाधिकारी हाथों में हासिया लेकर खेत में उतर गए हैं और धान की कटाई कर रहे हैं. धान की फसल के उत्पादन लागत के आंकड़ों को उठाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण करने का कार्य प्रशासनिक अधिकारियों ने शुरू कर दिया है.
धनरूआ में धान की उपज का मूल्यांकन: शनिवार को धनरूआ प्रखंड के नदपुरा गांव में प्रशासन की टीम अपने दलबल के साथ पहुंच गई. जहां पर खेत में प्रखंड विकास पदाधिकारी सीमा कुमारी, सांख्यिकी पदाधिकारी, कृषि पदाधिकारी, नोडल पदाधिकारी आधुनिक हाथों में हासिया लेकर खेतों में उतर गए और धान की कटाई करने लगे. धान की कितनी उपज हुई है उसका कितना मूल्यांकन हुआ जिसको लेकर विभिन्न राजस्व गांव में प्रशासनिक पदाधिकारी द्वारा क्षेत्र में उतरकर अपने हाथों में हसिया लेकर धान की कटाई कर रहे हैं.पदाधिकारी ने पकड़ी हासिया हर साल होता है क्रॉप कटिंग का कार्य: मूल्यांकन कर औसत उत्पादन के आंकड़े जुटा रहे हैं. खरीफ फसल का औसत उत्पादन निकालने के लिए क्रॉप कटिंग का कार्य हर साल विभिन्न फसलों का कराया जाता है. आंकड़ों के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण होता है. प्रखंड विकास पदाधिकारी सीमा कुमारी ने बताया कि फसल का उत्पादन का औसत उपज जाने के लिए पंचायत वार रैंडमली खेतों में जाकर क्राप कटींग की जाती है.
धनरूआ में क्रॉप कटिंग की हुई शुरुआत अच्छी हुई धान की फसल: सीमा कुमारी ने आगे बताया कि "क्रॉप कटिंग के तहत चिन्हित खेत में जाकर 10 गुना 5 वर्ग मीटर में धान की फसल को काटा जाता है. अधिकारी की मौजूदगी में मजदूर एक स्थान पर धन को पीटकर उसका अनाज निकलते हैं. उसके बाद फसल का चयन कर रिकॉर्ड लिखा जाता है. इस साल भी धान की अच्छी उपज की संभावना है. क्रॉप कटिंग में इस बार धान उत्पादन बीते साल के मुकाबले अधिक हो सकते हैं." बीते साल एक हेक्टेयर में करीब 30-31 क्विंटल तक धान की पैदावार को रिकॉर्ड किया गया था जबकि इस साल बढ़ोतरी हो सकती है.बीडीओ और कृषि पदाधिकारी ने काटी धान पढ़ें-Patna News: RTPS रैंकिंग में धनुरूआ प्रखंड को मिला दूसरा स्थान, 99.51℅ मामले निष्पादित कर पाया मुकाम