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तो क्या JDU ने मान लिया.. ललन और RCP कर रहे गुटबाजी? नीतीश ही सर्वमान्य नेता - नीतीश ही सर्वमान्य नेता

जेडीयू ने एक लेटर जारी करके ये मान लिया है कि पार्टी के अंदर कोई दो नंबर का नेता नहीं रहेगा. नीतीश ही सर्वमान्य नेता हैं. अगर पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में सीएम नीतीश के अलावा दूसरे नेता की फोटो पाई जाएगी तो उनपर सख्त कार्रवाई होगी. क्या ये फैसला पार्टी के अंदरखाने में हो रही गुटबाजी से लिया गया? पढ़ें पूरी खबर-

Battle of number two in JDU
Battle of number two in JDU
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Published : May 2, 2022, 9:18 AM IST

पटनाः जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा (Umesh Singh Kushwaha) ने एक चिट्ठी जारी कर साफ साफ संकेत दे दिया है कि पार्टी के अंदर कोई दो नंबर की लड़ाई नहीं (Battle of number two in JDU) है. नीतीश ही सर्वमान्य नेता हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ही फोटो बैनर-पोस्टर और झंडे पर (CM Nitish photo display on banner poster) रहेगी. किसी दूसरे की फोटो दिखेगी तो अनुशासनहीनता मानकर उसपर पार्टी एक्शन लेगी. तो क्या ये मान लिया जाय कि ये फैसला जेडीयू में अंदर तक घुस चुकी गुटबाजी का नतीजा है? कहा ये जा रहा है कि पार्टी के अंदर ललन सिंह और आरसीपी सिंह को बैनर और पोस्टर में जगह देने को लेकर आये दिन विवाद हुआ करते थे. इसलिए इस गुटबाजी को जड़ से ही खत्म करने का रास्ता पार्टी की ओर से निकाला गया है.

ये भी पढ़ें: PM मोदी के साथ बैठक से CM नीतीश रहे गैरहाजिर.. क्या BJP से बना रहे दूरियां?

प्रदेश अध्यक्ष ने निर्देश देते हुए कहा कि- 'जदयू पूर्णरूप से यूनाईटेड है और इसके सर्वमान्य नेता केवल नीतीश कुमार हैं और सिर्फ उन्हीं का फोटो बैनर और पोस्टर पर होगा. सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को यह सलाह दी जाती है कि पार्टी के प्रचार के लिए जो बैनर, पोस्टर, हैंडबिल, पम्पलेट, स्टीकर,होर्डिग बनवाई जाती है, तो उसमें पार्टी के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार का ही फोटो लगाया जाये. इनके अलावे किसी और का फोटो लगाए जाने से पार्टी में विवाद और गुटबाजी पैदा होता है, जबकि पार्टी में एकजुटता रहनी चाहिए. जनता दल यूनाइटेड में अनुशासन आवश्यक है और अनुशासित रहकर ही पार्टी को मजबूत किया जा सकता है.'

यानी जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश से साफ है कि बिहार में अब पार्टी के नेता आरसीपी सिंह, ललन सिंह, उपेन्द्र कुशवाहा, उमेश सिंह कुशवाहा या अन्य किसी जदयू नेता की फोटो जदयू के बैनर-पोस्टर में अब नहीं दिखाई देगी. सवाल ये उठता है कि इस निर्देश को राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से भी जारी करवाया जा सकता था. लेकिन इस फैसले को बिहार प्रदेश अध्यक्ष की ओर से मूर्त रूप दिया गया.

'जैसा कि पहले से ही कहा जा रहा है कि पार्टी में समर्पित भाव से काम करने वाले सम्मानित नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी ने मान सम्मान देने का ऐलान किया है. चुंकी जनता दल यूनाइटेड कार्यकर्ताओं की पार्टी है, इसलिए पार्टी चाहती है कि जो लोग समर्पित भाव से काम कर रहे हैं, उन्हें सम्मान दिया जाए. लेकिन इसके विपरीत जो लोग काम कर रहे हैं. उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने से पार्टी पीछे नहीं हटेगी'- उमेश कुशवाहा, जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष

दरअसल पिछले दिनों पोस्टर बैनर से आरसीपी सिंह की तस्वीर गायब दिखी थी. इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था, पहले भी राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की तस्वीर बैनर पोस्टर से गायब की जाती रही है. जदयू में ललन सिंह, आरसीपी सिंह और उपेंद्र कुशवाहा गुट के लोगों की और से लगातार इस तरह के कार्यों से पार्टी की मुश्किल बढ़ी हुई थी. पार्टी को अब आदेश जारी करना पड़ रहा है. लेकिन आदेश का कितना अमल होता है यह देखने वाली बात होगी.


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पटनाः जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा (Umesh Singh Kushwaha) ने एक चिट्ठी जारी कर साफ साफ संकेत दे दिया है कि पार्टी के अंदर कोई दो नंबर की लड़ाई नहीं (Battle of number two in JDU) है. नीतीश ही सर्वमान्य नेता हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ही फोटो बैनर-पोस्टर और झंडे पर (CM Nitish photo display on banner poster) रहेगी. किसी दूसरे की फोटो दिखेगी तो अनुशासनहीनता मानकर उसपर पार्टी एक्शन लेगी. तो क्या ये मान लिया जाय कि ये फैसला जेडीयू में अंदर तक घुस चुकी गुटबाजी का नतीजा है? कहा ये जा रहा है कि पार्टी के अंदर ललन सिंह और आरसीपी सिंह को बैनर और पोस्टर में जगह देने को लेकर आये दिन विवाद हुआ करते थे. इसलिए इस गुटबाजी को जड़ से ही खत्म करने का रास्ता पार्टी की ओर से निकाला गया है.

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प्रदेश अध्यक्ष ने निर्देश देते हुए कहा कि- 'जदयू पूर्णरूप से यूनाईटेड है और इसके सर्वमान्य नेता केवल नीतीश कुमार हैं और सिर्फ उन्हीं का फोटो बैनर और पोस्टर पर होगा. सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को यह सलाह दी जाती है कि पार्टी के प्रचार के लिए जो बैनर, पोस्टर, हैंडबिल, पम्पलेट, स्टीकर,होर्डिग बनवाई जाती है, तो उसमें पार्टी के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार का ही फोटो लगाया जाये. इनके अलावे किसी और का फोटो लगाए जाने से पार्टी में विवाद और गुटबाजी पैदा होता है, जबकि पार्टी में एकजुटता रहनी चाहिए. जनता दल यूनाइटेड में अनुशासन आवश्यक है और अनुशासित रहकर ही पार्टी को मजबूत किया जा सकता है.'

यानी जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश से साफ है कि बिहार में अब पार्टी के नेता आरसीपी सिंह, ललन सिंह, उपेन्द्र कुशवाहा, उमेश सिंह कुशवाहा या अन्य किसी जदयू नेता की फोटो जदयू के बैनर-पोस्टर में अब नहीं दिखाई देगी. सवाल ये उठता है कि इस निर्देश को राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से भी जारी करवाया जा सकता था. लेकिन इस फैसले को बिहार प्रदेश अध्यक्ष की ओर से मूर्त रूप दिया गया.

'जैसा कि पहले से ही कहा जा रहा है कि पार्टी में समर्पित भाव से काम करने वाले सम्मानित नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी ने मान सम्मान देने का ऐलान किया है. चुंकी जनता दल यूनाइटेड कार्यकर्ताओं की पार्टी है, इसलिए पार्टी चाहती है कि जो लोग समर्पित भाव से काम कर रहे हैं, उन्हें सम्मान दिया जाए. लेकिन इसके विपरीत जो लोग काम कर रहे हैं. उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने से पार्टी पीछे नहीं हटेगी'- उमेश कुशवाहा, जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष

दरअसल पिछले दिनों पोस्टर बैनर से आरसीपी सिंह की तस्वीर गायब दिखी थी. इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था, पहले भी राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की तस्वीर बैनर पोस्टर से गायब की जाती रही है. जदयू में ललन सिंह, आरसीपी सिंह और उपेंद्र कुशवाहा गुट के लोगों की और से लगातार इस तरह के कार्यों से पार्टी की मुश्किल बढ़ी हुई थी. पार्टी को अब आदेश जारी करना पड़ रहा है. लेकिन आदेश का कितना अमल होता है यह देखने वाली बात होगी.


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