मसौढ़ी: पटना जिले के मसौढ़ी में बदहाल शिक्षा व्यवस्था (Education System) की एक और तस्वीर दिख रही है. प्रखंड क्षेत्र के बैरीचक प्राथमिक विद्यालय पिछले कई साल से बंद है. यहां पठन-पाठन नहीं होता. स्कूल में लटके ताले में जंग लग गया है. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई साल से स्कूल नहीं खुला है.
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कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के चलते लगी पाबंदी हटने के बाद बिहार सरकार ने 16 अगस्त से सभी स्कूलों को खोलने का फैसला किया था. बैरीचक गांव के लोगों की भी उम्मीद जगी कि उनके गांव का स्कूल खुलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. स्कूल बंद रहने के चलते गरीब परिवार के बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं. गांव के लोगों का कहना है कि अमीर लोग तो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा रहे हैं हमलोगों के बच्चे कैसे शिक्षा पाएंगे?
ग्रामीणों ने बताया कि प्राथमिक स्कूल बैरीचक में 4 शिक्षक हैं, लेकिन एक भी शिक्षक स्कूल नहीं आते हैं. गांव के लोगों ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन देकर कार्रवाई की गुहार लगाई है. इस मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रास बिहारी दूबे ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. दोषी पाये जाने पर शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
"मैं बैरीचक स्कूल की जांच करूंगा और विधि सम्मत कार्रवाई करूंगा. ग्रामीणों के अनुसार शिक्षक दोषी हैं. मैं इसकी जांच करूंगा. ग्रामीणों और बच्चों के साथ न्याय होगा."- रास बिहारी दूबे, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, मसौढ़ी
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