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पटनाः दूसरे दिन भी जारी रही बैंकर्स की हड़ताल, वेतन वृद्धि सहित कर रहे हैं कई मांग - एसबीआई कर्मी राकेश रंजन

बैंक कर्मियों ने कहा कि बाकी विभागों की तरह बैंकिग सेक्टर में भी हफ्ते में 5 कार्य दिवस होना चाहिए. साथ ही कर्मियों के लिए जिस तरह बैंक आने का समय है, उसी तरह बैंक से लौटने का भी समय निर्धारित होना चाहिए.

पटना
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Published : Feb 1, 2020, 4:50 PM IST

Updated : Feb 1, 2020, 5:04 PM IST

पटना: बैंकर्स की हड़ताल लगातार दूसरे दिन भी जारी है. बाढ़ अनुमंडल स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के परिसर में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन कमेटी के बैनर तले बैंक कर्मी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारे भी लगाए और कहा कि यदि हमारी मांगें नहीं मानी गई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी.

वेतन वृद्धि की मांग
एसबीआई की बाढ़ शाखा के अध्यक्ष राकेश रंजन ने कहा कि वेतन वृद्धि को लेकर हमारी मांग नवंबर 2017 से ही लंबित है. हम लोगों ने वेतन में 20 फीसदी वृद्धि की मांग की थी. उस समय सरकार की तरफ से मात्र 2 फीसदी वृद्धि की पेशकश हुई थी. उन्होंने कहा कि इस पर अभी तक 36 राउंड वार्ता हो चुकी है फिर भी वेतन वृद्धि में महज 12.75 फीसदी का प्रावधान किया जा रहा है.

पटना
इस बैनर तले बैंककर्मी आंदोलन कर रहे है.

'हफ्ते में 5 कार्य दिवस की मांग'
राकेश रंजन ने कहा कि इसके अलावा बाकी विभागों की तरह बैंकिग सेक्टर में भी हफ्ते में 5 कार्य दिवस होना चाहिए. साथ ही कर्मियों के लिए जिस तरह बैंक आने का समय है, उसी तरह बैंक से लौटने का भी समय निर्धारित होना चाहिए. हम लोग सुबह पौने 10 बजे बैंक पहुंच तो जाते हैं, लेकिन शाम को लौटने के लिए विभागीय निर्देश का पालन नहीं होता है. कर्मियों को घर पहुंचने में रात के 10 और 11 बज जाते हैं. ऐसे में कर्मी अपने परिवार को समय नहीं दे पाते हैं. इसके बावजूद हमारे कामों को संतोषजनक नहीं माना जाता है.

पेश है रिपोर्ट

राकेश रंजन ने कहा कि बैंककर्मी नौकरी के बाद जब तक जीवित रहते हैं, तब तक तो पेंशन राशि सम्मान जनक है, लेकिन उनके गुजरने के बाद परिवार को पेंशन के रूप में मिलने वाली राशि बेहद कम है. इस महंगाई में उससे परिवार चलने वाला है.

पटना: बैंकर्स की हड़ताल लगातार दूसरे दिन भी जारी है. बाढ़ अनुमंडल स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के परिसर में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन कमेटी के बैनर तले बैंक कर्मी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारे भी लगाए और कहा कि यदि हमारी मांगें नहीं मानी गई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी.

वेतन वृद्धि की मांग
एसबीआई की बाढ़ शाखा के अध्यक्ष राकेश रंजन ने कहा कि वेतन वृद्धि को लेकर हमारी मांग नवंबर 2017 से ही लंबित है. हम लोगों ने वेतन में 20 फीसदी वृद्धि की मांग की थी. उस समय सरकार की तरफ से मात्र 2 फीसदी वृद्धि की पेशकश हुई थी. उन्होंने कहा कि इस पर अभी तक 36 राउंड वार्ता हो चुकी है फिर भी वेतन वृद्धि में महज 12.75 फीसदी का प्रावधान किया जा रहा है.

पटना
इस बैनर तले बैंककर्मी आंदोलन कर रहे है.

'हफ्ते में 5 कार्य दिवस की मांग'
राकेश रंजन ने कहा कि इसके अलावा बाकी विभागों की तरह बैंकिग सेक्टर में भी हफ्ते में 5 कार्य दिवस होना चाहिए. साथ ही कर्मियों के लिए जिस तरह बैंक आने का समय है, उसी तरह बैंक से लौटने का भी समय निर्धारित होना चाहिए. हम लोग सुबह पौने 10 बजे बैंक पहुंच तो जाते हैं, लेकिन शाम को लौटने के लिए विभागीय निर्देश का पालन नहीं होता है. कर्मियों को घर पहुंचने में रात के 10 और 11 बज जाते हैं. ऐसे में कर्मी अपने परिवार को समय नहीं दे पाते हैं. इसके बावजूद हमारे कामों को संतोषजनक नहीं माना जाता है.

पेश है रिपोर्ट

राकेश रंजन ने कहा कि बैंककर्मी नौकरी के बाद जब तक जीवित रहते हैं, तब तक तो पेंशन राशि सम्मान जनक है, लेकिन उनके गुजरने के बाद परिवार को पेंशन के रूप में मिलने वाली राशि बेहद कम है. इस महंगाई में उससे परिवार चलने वाला है.

Intro:बाढ़ अनुमंडल स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के प्रांगण में दूसरे दिन हड़ताल पर रहे बैंक कर्मी, बैंक गेट पर बैनर लगाकर इंकलाब जिंदाबाद, बैंकर एकता जिंदाबाद, हमारी मांगे पूरी करो जैसे लगाए नारे। कहां मांगे नहीं मानी गई तो होगी अनिश्चितकालीन हड़ताल।Body:पटना जिला के बाढ़ अनुमंडल स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के प्रांगण में दूसरे दिन हड़ताल पर रहे"यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन कमेटी बाढ़ " आज बैनर लगाकर अपनी लंबित मांगों के समर्थन में प्रदर्शन करते दिखे! बैंक गेट पर बैनर लगाकर 'इंकलाब जिंदाबाद' ! बैंकर्स एकता जिंदाबाद! हमारी मांगे पूरी करो! जैसे- नारे भी लगाए!विदित हो कि बैंक कर्मियों द्वारा नए साल में यह पहला और दो दिवसीय हड़ताल का आयोजन है! यदि मांगे नहीं मानी गई तो मार्च में त्रि- दिवसीय हड़ताल होने की संभावना है! उसके बाद भी यदि इनकी मांगों पर अमल नहीं की जाती है तो 'यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन कमेटी'अनिश्चित- कालीन हड़ताल पर भी जा सकती है! जैसा कि हड़ताल पर रह रहे फोरम के सदस्यों की आक्रोश इंगित कर रहा है! वैसे भी बैंक द्वारा 2 दिन का हड़ताल और तीसरे दिन पड़ने वाली रविवार! मतलब 3 दिन लगातार बैंक बंद रहने पर किसी भी राज्य या देश की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा ?इसका आकलन तो अर्थशास्त्री ही लगा सकते हैं! लेकिन आम-पब्लिक को भी हलकान-परेशान होने से कोई नहीं रोक सकता है!
इन लोगों को हड़ताल पर जाने का वैसे तो कई कारण है! लेकिन बैंककर्मी मुख्य मुद्दे इस प्रकार बताते हैं! मसलन, 36 राउंड लंबी वार्ता के बाद भी 2017 से लंबित वेतन वृद्धि पर कोई विचार नहीं होना! पांच दिवसीय वर्किंग कार्य तय हो! बैंक कर्मियों को बैंक आने के जैसा ही बैंक से जाने की भी टाइम-टेबल निश्चित हो! दयनीय फैमिली पेंशन में सुधार हो इत्यादि!

बाइट:---राकेश रंजन (अध्यक्ष एसबीआई बाढ़)Conclusion:
Last Updated : Feb 1, 2020, 5:04 PM IST
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